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लगातार घाटे में जा रहा है लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन - उत्तर प्रदेश समाचार

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लगातार घाटे में जाता दिखाई दे रहा है. एलएमआरसी की कंपनी सेक्रेटरी का कहना है कि स्कूल-कॉलेज बंद होने से यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई है.

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन घाटे में.
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Published : Jul 31, 2019, 10:45 PM IST

लखनऊ: जनता को सरकार ने मेट्रो का तोहफा दिया. आज वही लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लगातार घाटे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. एलएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ यात्रियों से मिले किराए से ही ड्राइविंग नहीं बढ़ेगा, जिसके लिए अब लखनऊ मेट्रो प्रॉपर्टी डेवलपमेंट जैसे अन्य तरीकों पर भी ध्यान देगा.

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन घाटे में.

यात्रियों की संख्या 60 से 65 हज़ार के बीच ही सिमट कर रह गई
एलएमआरसी के अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब एक लाख के आसपास यात्री अगर सफर करेंगे तो रेवेन्यू बढ़ जाएगा, लेकिन यात्रियों की संख्या 60 से 65 हज़ार के बीच ही सिमट कर रह गई है. जिससे एलएमआरसी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, आलम यह है कि अब एलएमआरसी को बिजली का किराया देने में भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

आने वाले समय में रेवेन्यू में जरूर सुधार आएगा, जिसके लिए एलमाआरसी को अदर प्रॉपर्टी डेवलपमेंट जैसे तरीके भी अपनाने होंगे. स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई है, लेकिन जुलाई से दोबारा स्कूल-कॉलेज शुरू हुए हैं, जिसका परिणाम देखने को अवश्य मिलेगा.
पुष्पा बेलानी, कंपनी सेक्रेटरी,एलएमआरसी

लखनऊ: जनता को सरकार ने मेट्रो का तोहफा दिया. आज वही लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लगातार घाटे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. एलएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ यात्रियों से मिले किराए से ही ड्राइविंग नहीं बढ़ेगा, जिसके लिए अब लखनऊ मेट्रो प्रॉपर्टी डेवलपमेंट जैसे अन्य तरीकों पर भी ध्यान देगा.

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन घाटे में.

यात्रियों की संख्या 60 से 65 हज़ार के बीच ही सिमट कर रह गई
एलएमआरसी के अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब एक लाख के आसपास यात्री अगर सफर करेंगे तो रेवेन्यू बढ़ जाएगा, लेकिन यात्रियों की संख्या 60 से 65 हज़ार के बीच ही सिमट कर रह गई है. जिससे एलएमआरसी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, आलम यह है कि अब एलएमआरसी को बिजली का किराया देने में भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

आने वाले समय में रेवेन्यू में जरूर सुधार आएगा, जिसके लिए एलमाआरसी को अदर प्रॉपर्टी डेवलपमेंट जैसे तरीके भी अपनाने होंगे. स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई है, लेकिन जुलाई से दोबारा स्कूल-कॉलेज शुरू हुए हैं, जिसका परिणाम देखने को अवश्य मिलेगा.
पुष्पा बेलानी, कंपनी सेक्रेटरी,एलएमआरसी

Intro:लखनऊ की जनता को सरकार ने मेट्रो का तोहफा दिया लेकिन आज वही लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लगातार घाटे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है एलएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ यात्रियों से मिले किराए से ही ड्राइविंग नहीं बढ़ेगा जिसके लिए अब लखनऊ मेट्रो प्रॉपर्टी डेवलपमेंट जैसे अन्य तरीकों पर भी ध्यान देगा।


Body:यातायात को सुगम बनाने के लिए और शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार द्वारा राजधानी लखनऊ की जनता को मेट्रो का तोहफा दिया गया। लेकिन लगातार लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन घाटे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। एनएमआरसी द्वारा अनुमान लगाया गया था कि रोजाना करीब एक लाख के आसपास यात्री अगर सफर करेंगे तो उनका रेवेन्यू बढ़ जाएगा लेकिन यात्रियों की संख्या 60 से 65 हज़ार के बीच ही सिमट कर रह गई है। जिससे एनएमआरसी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है आलम यह है कि अब एल एम आर सी को बिजली का किराया देने में भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

वही एनएमआरसी की कंपनी सेक्रेट्री पुष्पा बेलानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आने वाले समय में रेवेन्यू में जरूर सुधार आएगा जिसके लिए एलमार सी को अदर प्रॉपर्टी डेवलपमेंट जैसे तरीके भी अपनाने होंगे। कंपनी सेक्रेटरी कहां की स्कूल व कॉलेज बंद होने की वजह से यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई है लेकिन जुलाई से दोबारा स्कूल कॉलेजेस शुरू हुए हैं जिसका परिणाम देखने को अवश्य मिलेगा।

बाइट- पुष्पा बेलानी (कंपनी सेक्रेट्री एलएमआरसी)
पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:जनता की मुश्किलों को आसान करने के लिए लखनऊ में मेट्रो की शुरुआत की गई लेकिन लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन खुद घाटे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है अभी आने वाला वक्त ही बताएगा कि एलएमआरसी कब और कैसे घाटे से बाहर आता है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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