लखनऊ : मानवता के लिए रक्त दान करें और अधिकाधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करें. प्रदेश की आवश्यकता एवं उपलब्धता के अन्तर को पाटने के उद्देश्य से अधिक से अधिक लोगों की ओर स्वैच्छिक रूप से रक्त दान किया जाना चाहिए. रक्तदान हमारा नैतिक दायित्व होने के साथ-साथ सेवा एवं धर्म का कार्य है. रक्त को संरक्षण करने की सीमित समयावधि होती है. इसे बहुत लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता. इसलिए रक्तदान की निरन्तर आवश्यकता होती है. यह बातें उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी की परियोजना निदेशक डाॅ. अमृता सोनी ने कहीं. डाॅ.सोनी बुधवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में विश्व रक्तदाता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रही थीं. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य रक्त संचरण परिषद प्रदेश के सभी जनपदों में रक्त के बेहतर रख-रखाव एवं परीक्षण के लिए लगातार कार्य कर रहा है. जन सहयोग से इसे हम और प्रभावी व जनहितकारी बना सकते हैं.
डॉ. आरएमएल चिकित्सा संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि इस दिवस के मनाने का उद्देश्य लोगों को रक्त के महत्व के बारे में जागरूक करना है. साथ ही चिकित्सक की राय पर रक्तदान के लिए प्रेरित करना है. यह दिवस प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लैंड स्टीनर की याद मनाया जाता है. डॉ. कार्ल ने ही रक्त समूह ए, बी और ओ की खोज की. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2005 में डॉ. कार्ल के जन्म दिवस को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया. डॉ. सोनिया ने प्लेटलेट्स दान के महत्व पर भी चर्चा किया और बताया कि प्लेटलेट्स को ज्यादा समय के लिए संगृहीत करके रखा नहीं जा सकता. इसलिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता बनाए रखने के लिए नियमित रक्तदान करने वालों कि बहुत जरूरत होती है. डॉ. सोनिया ने भरोसा जताया कि लोग प्लेटलेट्स दान के लिए जरूर आगे आएंगे और समाज सेवा करने का लाभ उठाएंगे.
कार्यक्रम में निदेशक राज्य रक्त संचरण परिषद डॉ. हीरा लाल ने बताया कि प्रदेश में 22 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता है. वर्ष 2022-23 में 16 लाख यूनिट रक्त ही रक्तदान से एकत्रित किया गया जो राज्य की जनसंख्या का 7.6 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि राज्य के 75 में 70 जिलों में ब्लड बैंक संचालित हैं. शेष में ब्लड बैंक स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. इसके अतिरिक्त राज्य मे 18 रक्त संग्रह एवं परिवहन वाहन, 23 रक्त परिवहन वाहन और 2 रक्त संग्रहण बस संचालित हैं. जिनके माध्यम से निरन्तर रक्त एकत्रित किया जा रहा है. राज्य में 36 थैलेसिमिया एवं हीमोफीलिया के उपचार केन्द्र संचालित है. अगर हम नियमित रक्तदान करेंगे तो किसी भी अप्रिय स्थिति में मरीज को रक्त के लिए नहीं भटकना पड़ेगा और इस तरह हम बहुत से लोगों का जीवन बचा सकते हैं. इस मौके पर डॉ. सोनिया नित्यानन्द, निदेशक राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान, डॉ. गीता सहित विभिन्न चिकित्सक, छात्र व स्वयं सेवक मौजूद रहे.
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