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Lucknow Mayor : मेयर संयुक्ता भाटिया का कार्यकाल पूरा, लखनऊ में प्रशासक काल लागू

राजधानी लखनऊ में पहली महिला मेयर (Lucknow Mayor) व सभी पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया है. गुरुवार को मेयर के कार्यकाल का अंतिम दिन रहा. शुक्रवार से लखनऊ में प्रशासक काल लागू हो रहा है.

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Published : Jan 20, 2023, 7:54 AM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ की शहर की सरकार का कार्यकाल गुरुवार रात 12 बजे समाप्त हो गया. महापौर संयुक्ता भाटिया सहित सभी पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया और शुक्रवार से प्रशासक के पास नगर निगम की जिम्मेदारी आ जायेगी. महापौर संयुक्ता भाटिया नगर निगम से मिली सेवाओं को शुक्रवार को वापस कर देंगी. प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से जारी आदेश के तहत प्रशासक काल में डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्य समिति काम करेगी. नगर निगम में प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय एवं नगर आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से आहरण वितरण होगा. समिति सिर्फ दैनिक प्रशासनिक कार्यों और पहले से चल रहे विकास कार्य व परियोजनाओं की निगरानी व संचालन करेगी. वह कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं लेगी.


कार्यकाल समाप्त होने के अंतिम दिन नगर निगम का नजारा बदला-बदला सा दिखा. निगम में कोई खास चहल-पहल नहीं थी. पार्षद के कक्ष में पार्षद अक्सर बैठते थे. कार्यालय के दरवाजे पर ताला जड़ दिया गया है. पांच साल पहले 12 दिसंबर 2017 को संयुक्ता भाटिया ने महापौर पद की शपथ ली थी. वे शहर की पहली महिला महापौर भी बनी थीं. चुनाव होने तक प्रशासक काल लागू रहेगा.


लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम भी बना. इस पैसे से नगर निगम की सबसे पहले आवासीय योजना निर्माणाधीन है, लेकिन महापौर ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखायी. अहाना इन्क्लेव नाम से शुरू की गयी आवासीय योजना के पक्ष में संयुक्ता भाटिया नहीं थीं, इसीलिए इस मुद्दे पर न तो सदन में चर्चा हुई और न ही उन्होंने कभी स्थलीय निरीक्षण किया. हाल यह है कि दो साल से काम चल रहा है अभी तक आधे फ्लैट भी नहीं बिक सके हैं. वहीं, सदन में आवासीय योजना का नाम पं. दीन दयान उपाध्याय नगर योजना रखा गया था, मगर पूर्व नगर आयुक्त ने इसका नाम अहाना इन्क्लेव कर दिया और वर्तमान में इसे बदलकर अहाना ग्रीन इन्क्लेव कर दिया गया. 75 वर्ष की उम्र में भी संयुक्ता भाटिया की शहर में सक्रियता उनकी अलग पहचान बनाती है.

मेयर ने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं : महापौर संयुक्ता भाटिया ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं. जनता पर किसी भी प्रकार का नया टैक्स नहीं लगाया गया. स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2022 में लखनऊ को पहला स्थान मिला. स्वच्छता सर्वेक्षण में 269वें पायदान से 17वीं रैकिंग मिली. लखनऊ म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला प्रथम शहर बना. लखनऊ को नेशनल क्लीन एयर सिटी अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीडबैक अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को बेस्ट सिटी फॉर इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को फास्टेस्ट मूविंग कैपिटल सिटी अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को गार्बेज फ्री सिटी 3 स्टार रेटिंग अवार्ड प्राप्त हुआ. झंडे वाले पार्क में उसके नाम के अनुरूप 104 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगे) की स्थापना की गयी. निराश्रित गौवंश के पालन के लिए दो नई गौशालाओं का निर्माण एवं कान्हा उपवन में 11 नए बाड़ों का निर्माण कराया गया. 478 हाईमास्ट, 4 हजार से अधिक पोलों को लगाकर शहर के प्रमुख मार्गों, पार्कों और चौराहों को जगमग किया गया. 33 स्थानों, चौराहों और पार्कों में फव्वारों की स्थापना कराकर संचालन किया जा रहा है. शहर के प्रत्येक घर को सैनिटाइज किया गया, इसके लिए 800 छोटी मशीनों एवं 100 बड़े टैंकरों को लगाया गया. कोविड-19 के दौरान नगर निगम ने 8 कम्युनिटी किचन का संचालन कर प्रतिदिन 80 हजार तक भोजन पैकट, राशन पहुंचाया गया. 5 हरित शवदाह गृह, 2 नए विद्युत शवदाह गृहों की स्थापना कराई गयी. प्रतिवर्ष 70 रैन बसैरों का स्थायी व अस्थायी निर्माण किया गया. पहली बार बर्तन बैंक और झोला बैंक की स्थापना की गयी. 200 से अधिक वेंडिंग जोन चिन्हित कर 25 हजार से अधिक पटरी दुकानदारों को निशुल्क स्थान दिलाया गया.

यह भी पढ़ें : National President JP Nadda के आज गाजीपुर दौरे से शुरू होगा भाजपा का हारी हुई लोकसभा सीटों पर अभियान

लखनऊ : राजधानी लखनऊ की शहर की सरकार का कार्यकाल गुरुवार रात 12 बजे समाप्त हो गया. महापौर संयुक्ता भाटिया सहित सभी पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया और शुक्रवार से प्रशासक के पास नगर निगम की जिम्मेदारी आ जायेगी. महापौर संयुक्ता भाटिया नगर निगम से मिली सेवाओं को शुक्रवार को वापस कर देंगी. प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से जारी आदेश के तहत प्रशासक काल में डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्य समिति काम करेगी. नगर निगम में प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय एवं नगर आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से आहरण वितरण होगा. समिति सिर्फ दैनिक प्रशासनिक कार्यों और पहले से चल रहे विकास कार्य व परियोजनाओं की निगरानी व संचालन करेगी. वह कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं लेगी.


कार्यकाल समाप्त होने के अंतिम दिन नगर निगम का नजारा बदला-बदला सा दिखा. निगम में कोई खास चहल-पहल नहीं थी. पार्षद के कक्ष में पार्षद अक्सर बैठते थे. कार्यालय के दरवाजे पर ताला जड़ दिया गया है. पांच साल पहले 12 दिसंबर 2017 को संयुक्ता भाटिया ने महापौर पद की शपथ ली थी. वे शहर की पहली महिला महापौर भी बनी थीं. चुनाव होने तक प्रशासक काल लागू रहेगा.


लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम भी बना. इस पैसे से नगर निगम की सबसे पहले आवासीय योजना निर्माणाधीन है, लेकिन महापौर ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखायी. अहाना इन्क्लेव नाम से शुरू की गयी आवासीय योजना के पक्ष में संयुक्ता भाटिया नहीं थीं, इसीलिए इस मुद्दे पर न तो सदन में चर्चा हुई और न ही उन्होंने कभी स्थलीय निरीक्षण किया. हाल यह है कि दो साल से काम चल रहा है अभी तक आधे फ्लैट भी नहीं बिक सके हैं. वहीं, सदन में आवासीय योजना का नाम पं. दीन दयान उपाध्याय नगर योजना रखा गया था, मगर पूर्व नगर आयुक्त ने इसका नाम अहाना इन्क्लेव कर दिया और वर्तमान में इसे बदलकर अहाना ग्रीन इन्क्लेव कर दिया गया. 75 वर्ष की उम्र में भी संयुक्ता भाटिया की शहर में सक्रियता उनकी अलग पहचान बनाती है.

मेयर ने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं : महापौर संयुक्ता भाटिया ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं. जनता पर किसी भी प्रकार का नया टैक्स नहीं लगाया गया. स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2022 में लखनऊ को पहला स्थान मिला. स्वच्छता सर्वेक्षण में 269वें पायदान से 17वीं रैकिंग मिली. लखनऊ म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला प्रथम शहर बना. लखनऊ को नेशनल क्लीन एयर सिटी अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीडबैक अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को बेस्ट सिटी फॉर इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को फास्टेस्ट मूविंग कैपिटल सिटी अवार्ड प्राप्त हुआ. लखनऊ को गार्बेज फ्री सिटी 3 स्टार रेटिंग अवार्ड प्राप्त हुआ. झंडे वाले पार्क में उसके नाम के अनुरूप 104 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगे) की स्थापना की गयी. निराश्रित गौवंश के पालन के लिए दो नई गौशालाओं का निर्माण एवं कान्हा उपवन में 11 नए बाड़ों का निर्माण कराया गया. 478 हाईमास्ट, 4 हजार से अधिक पोलों को लगाकर शहर के प्रमुख मार्गों, पार्कों और चौराहों को जगमग किया गया. 33 स्थानों, चौराहों और पार्कों में फव्वारों की स्थापना कराकर संचालन किया जा रहा है. शहर के प्रत्येक घर को सैनिटाइज किया गया, इसके लिए 800 छोटी मशीनों एवं 100 बड़े टैंकरों को लगाया गया. कोविड-19 के दौरान नगर निगम ने 8 कम्युनिटी किचन का संचालन कर प्रतिदिन 80 हजार तक भोजन पैकट, राशन पहुंचाया गया. 5 हरित शवदाह गृह, 2 नए विद्युत शवदाह गृहों की स्थापना कराई गयी. प्रतिवर्ष 70 रैन बसैरों का स्थायी व अस्थायी निर्माण किया गया. पहली बार बर्तन बैंक और झोला बैंक की स्थापना की गयी. 200 से अधिक वेंडिंग जोन चिन्हित कर 25 हजार से अधिक पटरी दुकानदारों को निशुल्क स्थान दिलाया गया.

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