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Lucknow Kanpur Expressway : 7 साल बाद भी परवान नहीं चढ़ा राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे (Lucknow Kanpur Expressway) का निर्माण देश के रक्षामंत्री राजधानी सिंह ( Dream project of Rajnath Singh) का ड्रीम प्रोजेक्ट है. सात साल में दो बार शिलान्यास भी किया जा चुका है, लेकिन धरातल पर एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में लखनऊ और कानपुर के बीच कई स्थानों पर लगने वाला जाम के झाम से निजात नहीं मिल रही है.

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Published : Jan 14, 2023, 5:14 PM IST

Updated : Jan 14, 2023, 6:45 PM IST

देखें पूरी खबर.

लखनऊ : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे की परियोजना अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है. हालांकि इस परियोजना के शिलान्यास का कार्यक्रम दो बार हो चुका है. लगातार घोषणाएं होती रहती हैं कि बजट भी जारी किया जा चुका है, लेकिन मौके पर निर्माण कार्य तेजी नहीं पकड़ पा रहा है. जिसकी वजह से लखनऊ और कानपुर के बीच कई स्थानों पर लगने वाला जाम की समस्या से लोगों को छुटकारा नहीं मिल रहा है. इसके अलावा कोई फौरी इंतजाम भी नहीं किए जा रहे हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट

बता दें, कानपुर में सीमा पर जहां ट्रांस गंगा सिटी शुरू होती है, वहां से लखनऊ की सीमा तक एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है. इसके लिए कुल 63 गांवों की भूमि अर्जित की गई है. इसकी लंबाई भी लगभग 64 किलोमीटर है. जिस पर सिक्स लेन निर्माण का यह एक्सप्रेस वे बनेगा. इस एक्सप्रेस वे लखनऊ-कानपुर की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. जिसको लेकर पिछले दिनों केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की घोषणा की थी. इसकी शुरुआत के लिए 2 हजार करोड़ रुपये दे दिए गए हैं. एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनियां लगभग फाइनल हो चुकी हैं. अक्टूबर से यह काम शुरू होने का दावा किया गया था, लेकिन जनवरी आने तक मौके पर काम का आगाज किया नहीं किया जा सका है.

केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि कानपुर से गाजियाबाद के बीच बनने वाला एक और एक्सप्रेस वे जो कि लगभग 350 किलोमीटर का होगा. उसका निर्माण भी इस एक्सप्रेस वे के साथ शुरू होगा. 3 साल में वह पूरा हो जाएगा. लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च कानपुर गाजियाबाद एक्सप्रेस वे पर होगा. यह एक्सप्रेस वे कानपुर के लिए खास होगा. क्योंकि अभी तक आगरा एक्सप्रेस वे का लाभ कानपुर को नहीं मिल पा रहा है. आगरा एक्सप्रेस वे कानपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है. इस वजह से कानपुर के लोगों को दिल्ली जाने के लिए पुराने रास्ते का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. जिसमें उनको काफी वक्त लगता है. कानपुर से गाजियाबाद के बीच तैयार होने वाले 380 किमी लंबे ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर को तैयार करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया तेज हो गई है. एनएचएआई ने इसके लिए पिछले महीने टेंडर जारी किए थे. जिसमें 9 कंपनियां शामिल हुई हैं, लेकिन यह पूरी योजना अब तक एक सपना ही बनी हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि अब तक योजना को लेकर क्या अपडेट है. इसको लेकर उन्होंने एनएचएआई से बात की है. जेसीबी एनएचएआई उनको इस विषय में जानकारी देगी वह भी अपडेट करा देंगे. फिलहाल योजना की प्रगति की जानकारी उनको नहीं है.

यह भी पढ़ें : BJP MEETING : बैठक के बाद बोले भाजपा अध्यक्ष, अखिलेश यादव को तो जेल जाना ही है

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लखनऊ : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे की परियोजना अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है. हालांकि इस परियोजना के शिलान्यास का कार्यक्रम दो बार हो चुका है. लगातार घोषणाएं होती रहती हैं कि बजट भी जारी किया जा चुका है, लेकिन मौके पर निर्माण कार्य तेजी नहीं पकड़ पा रहा है. जिसकी वजह से लखनऊ और कानपुर के बीच कई स्थानों पर लगने वाला जाम की समस्या से लोगों को छुटकारा नहीं मिल रहा है. इसके अलावा कोई फौरी इंतजाम भी नहीं किए जा रहे हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट

बता दें, कानपुर में सीमा पर जहां ट्रांस गंगा सिटी शुरू होती है, वहां से लखनऊ की सीमा तक एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है. इसके लिए कुल 63 गांवों की भूमि अर्जित की गई है. इसकी लंबाई भी लगभग 64 किलोमीटर है. जिस पर सिक्स लेन निर्माण का यह एक्सप्रेस वे बनेगा. इस एक्सप्रेस वे लखनऊ-कानपुर की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. जिसको लेकर पिछले दिनों केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की घोषणा की थी. इसकी शुरुआत के लिए 2 हजार करोड़ रुपये दे दिए गए हैं. एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनियां लगभग फाइनल हो चुकी हैं. अक्टूबर से यह काम शुरू होने का दावा किया गया था, लेकिन जनवरी आने तक मौके पर काम का आगाज किया नहीं किया जा सका है.

केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि कानपुर से गाजियाबाद के बीच बनने वाला एक और एक्सप्रेस वे जो कि लगभग 350 किलोमीटर का होगा. उसका निर्माण भी इस एक्सप्रेस वे के साथ शुरू होगा. 3 साल में वह पूरा हो जाएगा. लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च कानपुर गाजियाबाद एक्सप्रेस वे पर होगा. यह एक्सप्रेस वे कानपुर के लिए खास होगा. क्योंकि अभी तक आगरा एक्सप्रेस वे का लाभ कानपुर को नहीं मिल पा रहा है. आगरा एक्सप्रेस वे कानपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है. इस वजह से कानपुर के लोगों को दिल्ली जाने के लिए पुराने रास्ते का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. जिसमें उनको काफी वक्त लगता है. कानपुर से गाजियाबाद के बीच तैयार होने वाले 380 किमी लंबे ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर को तैयार करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया तेज हो गई है. एनएचएआई ने इसके लिए पिछले महीने टेंडर जारी किए थे. जिसमें 9 कंपनियां शामिल हुई हैं, लेकिन यह पूरी योजना अब तक एक सपना ही बनी हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि अब तक योजना को लेकर क्या अपडेट है. इसको लेकर उन्होंने एनएचएआई से बात की है. जेसीबी एनएचएआई उनको इस विषय में जानकारी देगी वह भी अपडेट करा देंगे. फिलहाल योजना की प्रगति की जानकारी उनको नहीं है.

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Last Updated : Jan 14, 2023, 6:45 PM IST
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