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आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी अधिकार देने से नाराज डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन

सेंट्रल कौंसिल फ़ॉर इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने आयुर्वेद में पी जी चिकित्सकों को मोतियाबिंद, कान-नाक-गला सहित विभिन्न प्रकार की शल्य प्रक्रियाओं की अनुमति जारी की है. इस फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार इसका विरोध कर रहा है.

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Published : Dec 8, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 4:08 PM IST

lucknow IMA doctors against surgery
आयुर्वेदिक चिकित्सकों का धरना

लखनऊ: आयुष चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज की है. मंगलवार को लखनऊ में IMA के पदाधिकारियों ने सांकेतिक धरना दिया. प्रदर्शन के दौरान एलोपैथिक डॉक्टरों ने हाथों में काला फीता बांधकर और तख्तियां लेकर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. इनका कहना है यह फैसला जनता के लिए अहितकारी है. उन्होंने कहा की 11 दिसंबर को देशभर में 12 घंटे की ओपीडी सेवाओं सहित सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. सिर्फ कोरोना संक्रमण से जुड़ी सेवाएं ही जारी रहेंगी.

11 दिसम्बर को करेंगे कार्य का बहिष्कार करेंगे नाराज चिकित्सक

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को मरीजों की तमाम बीमारियों की सर्जरी करने के फैसले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार इसका विरोध कर रहा है. लखनऊ के आईएमए पदाधिकारियों ने इस फैसले का जबरदस्त विरोध किया. इस दौरान उन्होंने आईएमए कार्यालय से शहीद स्मारक तक पैदल मार्च भी किया है. विरोध प्रदर्शन कर रहे इन एलोपैथिक डॉक्टरों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आम जनता का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि जिन बीमारियों की सर्जरी करने के लिए उनको सालों प्रैक्टिस करनी पड़ती है, उन गंभीर बीमारियों का इलाज कुछ ही महीनों में कैसे किया जा सकता है.

जनता के लिए हानिकारक है यह फैसला
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन वूमेन विंग्स की डॉक्टर रुखसाना खान ने कहा कि सरकार के इस फैसले से जनता को नुकसान होगा. आयुर्वेदिक डॉक्टरों के द्वारा सर्जरी करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि चंद ही महीनों में डॉक्टर सर्जरी करना कैसे सीख पाएंगे, जबकि एलोपैथिक डॉक्टर को इन बीमारियों के उपचार के लिए सालों प्रैक्टिस करनी पड़ती है.

जनता को जागरूक करेंगे एलोपैथिक डॉक्टर
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है, कि सरकार के इस फैसले में आयुर्वेदिक डॉक्टर 58 तरह की बीमारियों की सर्जरी करेंगे. इन बीमारियों का उपचार करने के लिए हम डॉक्टरों को अपने सीनियर डॉक्टरों के अंडर में सालों प्रैक्टिस करनी पड़ती है, लेकिन सरकार के फैसले के अनुसार इन बीमारियों की सर्जरी करने के लिए आयुष डॉक्टर कुछ ही महीनों की पढ़ाई के बाद इनका इलाज करेंगे, जो कि जनता के लिए अहितकारी है. आईएमए के डॉक्टर मनीष टंडन का कहना है कि वह इस फैसले का विरोध करती हैं. चेतावनी के रूप में सांकेतिक धरना दिया जा रहा है और 11 दिसंबर को देशभर में 12 घंटे की ओपीडी सेवाओं सहित सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.

लखनऊ: आयुष चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज की है. मंगलवार को लखनऊ में IMA के पदाधिकारियों ने सांकेतिक धरना दिया. प्रदर्शन के दौरान एलोपैथिक डॉक्टरों ने हाथों में काला फीता बांधकर और तख्तियां लेकर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. इनका कहना है यह फैसला जनता के लिए अहितकारी है. उन्होंने कहा की 11 दिसंबर को देशभर में 12 घंटे की ओपीडी सेवाओं सहित सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. सिर्फ कोरोना संक्रमण से जुड़ी सेवाएं ही जारी रहेंगी.

11 दिसम्बर को करेंगे कार्य का बहिष्कार करेंगे नाराज चिकित्सक

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को मरीजों की तमाम बीमारियों की सर्जरी करने के फैसले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार इसका विरोध कर रहा है. लखनऊ के आईएमए पदाधिकारियों ने इस फैसले का जबरदस्त विरोध किया. इस दौरान उन्होंने आईएमए कार्यालय से शहीद स्मारक तक पैदल मार्च भी किया है. विरोध प्रदर्शन कर रहे इन एलोपैथिक डॉक्टरों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आम जनता का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि जिन बीमारियों की सर्जरी करने के लिए उनको सालों प्रैक्टिस करनी पड़ती है, उन गंभीर बीमारियों का इलाज कुछ ही महीनों में कैसे किया जा सकता है.

जनता के लिए हानिकारक है यह फैसला
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन वूमेन विंग्स की डॉक्टर रुखसाना खान ने कहा कि सरकार के इस फैसले से जनता को नुकसान होगा. आयुर्वेदिक डॉक्टरों के द्वारा सर्जरी करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि चंद ही महीनों में डॉक्टर सर्जरी करना कैसे सीख पाएंगे, जबकि एलोपैथिक डॉक्टर को इन बीमारियों के उपचार के लिए सालों प्रैक्टिस करनी पड़ती है.

जनता को जागरूक करेंगे एलोपैथिक डॉक्टर
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है, कि सरकार के इस फैसले में आयुर्वेदिक डॉक्टर 58 तरह की बीमारियों की सर्जरी करेंगे. इन बीमारियों का उपचार करने के लिए हम डॉक्टरों को अपने सीनियर डॉक्टरों के अंडर में सालों प्रैक्टिस करनी पड़ती है, लेकिन सरकार के फैसले के अनुसार इन बीमारियों की सर्जरी करने के लिए आयुष डॉक्टर कुछ ही महीनों की पढ़ाई के बाद इनका इलाज करेंगे, जो कि जनता के लिए अहितकारी है. आईएमए के डॉक्टर मनीष टंडन का कहना है कि वह इस फैसले का विरोध करती हैं. चेतावनी के रूप में सांकेतिक धरना दिया जा रहा है और 11 दिसंबर को देशभर में 12 घंटे की ओपीडी सेवाओं सहित सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.

Last Updated : Dec 8, 2020, 4:08 PM IST
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