लखनऊ: कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए विशेषज्ञों का दावा है कि सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. तीसरी लहर में कोरोना अपनी चपेट में नवजात और छोटे बच्चे को लेगा. वर्तमान में कोरोना के मरीज बेहद कम है जिसकी वजह से एक बार फिर से लोग बेपरवाह हो गए हैं. वहीं महिला अस्पतालों में भी लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे हैं. साथ ही मास्क का इस्तेमाल भी सही ढंग से नहीं कर रहे हैं.
साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान
क्वीन मेरी महिला अस्पताल कि डॉ. सुजाता का कहना है कि अस्पताल में साफ-सफाई अच्छे से रखी जा रही हैं. इसके साथ ही समय-समय पर सैनिटाइजर से छिड़काव भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित होगी. साथ ही बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में 1 महीने में देश में 80 हजार बच्चों पर कोरोना का हमला हुआ. हालांकि बच्चों के केस ज्यादा गंभीर नहीं थे. उनमें ज्यादातर लक्षण बुखार और डायरिया के मिले थे.
बच्चों को दें हेल्दी डाइट
क्वीन मेरी अस्पताल की डॉक्टर सुजाता बताती हैं कि साइंटिस्ट ने दावा किया है कि सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर देश में आएगी और इसमें छोटे बच्चे प्रभावित होंगे. जब हमें इस बात की जानकारी तीन महीने पहले से है तो इससे पहले ही हमें बच्चों को बचाने के लिए तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए. चाहे वह साफ-सफाई को लेकर हो या बच्चे की हेल्दी डाइट को लेकर. अगर आपका बच्चा खानपान में नखरे दिखा रहा है तो उसे किसी तरह से बहला फुसलाकर हेल्दी खाना खिलाए. साथ ही हल्दी दूध पिलाएं जिससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत रहेगी और वायरस से लड़ने के लिए तैयार रहेगी.
उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में बहुत कम छोटे बच्चों पर असर पड़ा था. लेकिन ये वैरीएंट बच्चों पर ही असर करेगा इसके लिए अस्पताल में भी पहले से ही तैयारी की जा रही है. लोगों से भी अपील किया जा रहा है कि समय-समय से सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहे. ताकि वायरस किसी भी तरह नवजात या छोटे बच्चों तक न पहुंच सके. उन्होंने बताया कि क्वीन मेरी अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर में बहुत सारी ऐसी गर्भवती महिलाएं आई जो संक्रमण की चपेट में थीं. पेट में पल रहे बच्चों पर भी कोरोना का हल्का सा असर था. लेकिन सावधानी के साथ जच्चा बच्चा स्वस्थ थे.
बच्चों का रखें खास ख्याल
वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि तीसरी लहर को लेकर अस्पताल पहले से तैयार है. इसके साथ ही माता पिता को भी अपने बच्चों के प्रति अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है. माता पिता को ध्यान देना होगा कि बच्चा कहीं बाहर खेलने कूदने न जाए. घर पर ही उसे खेलने के पूरे इंतजाम करें. घर का ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चा बोर न हो. अगर बच्चे को लेकर बाहर जा रहे हैं तो बच्चे को हाथों में गल्फ्ज और मास्क पहनाएं. बाहर के किसी भी सामान को बच्चे को छूने से मना करें. ताकि वायरस किसी भी तरह बच्चे तक न पहुंच सके.
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में जो भी गर्भवती आती हैं उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया जाता है. ताकि अगर गर्भवती महिला संक्रमित है तो उसे और उसके होने वाले बच्चे का विशेष ख्याल रखा जा सके. जिससे जच्चा और बच्चा स्वस्थ रहें. यहां तक की डिलीवरी होने के बाद जब महिला को वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है तो वहां पर सिर्फ एक ही परिजन होंगे वह भी सिर्फ महिला. नवजात बच्चे को डॉक्टर की निगरानी में रखते हैं ताकि अगर कोई समस्या हो तो तुरंत उसे देखा जा सके. उन्होंने बताया कि साइंटिस्ट की माने तो भारत में सितंबर तक कोरोना वायरस की तीसरी लहर शुरू हो सकती हैं. जो बच्चों को टारगेट बना सकती हैं. रिसर्च के अनुसार वायरस का यह वैरीएंट 1 हजार गुना ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला होगा.
बच्चों को बनाएं स्वस्थ
अगर आप अपने बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत करना चाहते हैं तो सुबह बच्चे को आंवला, एलोवेरा, गिलोय का जूस रोजाना पिलाएं. इससे बच्चे को कभी, उल्टी, दस्त और डायरिया नहीं होगा. साथ ही उन्हें कोरोना नहीं होगा. उनकी इम्यूनिटी मजबूत बनी रहेगी.
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