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गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: कोर्ट ने आरोप पत्र पर लिया संज्ञान, अभियुक्तों को समन जारी

ईडी (ED) के विशेष जज सर्वेश कुमार ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti Riverfront Scam) से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है. उन्होंने आरोपियों को समन जारी करने का आदेश दिया है.

ईडी विशेष जज.
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Published : Jul 20, 2021, 10:42 PM IST

लखनऊ: जनपद न्यायाधीश व ईडी (ED) के विशेष जज सर्वेश कुमार ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti Riverfront Scam) से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है. उन्होंने सिंचाई विभाग के तत्कालीन इंजीनियर रुप सिंह यादव, अनिल कुमार और सिद्ध नरायन शर्मा को समन जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सात दिन में समन तामीला सुनिश्चित कराने का आदेश ईडी को भी दिया है. मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी.

ईडी के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक 30 नवंबर 2017 को सीबीआई ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. 18 फरवरी 2018 को इसी मामले में ईडी ने भी सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों गुलेश चंद्रा, एसएन शर्मा, काजीम अली, शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, रुप सिंह यादव, सुरेंद्र यादव और अन्य के खिलाफ सूचना दर्ज कर जांच शुरू की.

जांच में पाया गया कि 15 सौ 13 करोड़ की गोमती रिवर फ्रंट योजना के तहत रबर डैम व गोमती चैनेलाइजेशन प्रोजेक्ट भी बनना था. इसके लिए 597 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके एवज में 71 करोड़ रुपये सेंटेज चार्ज जमा करना था, लेकिन अभियुक्तों ने उस फंड का डायवर्जन कर दिया. जांच के दौरान अभियुक्त अनिल कुमार का नाम भी प्रकाश में आया था. दो दिसंबर 2020 को अभियुक्तों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3/4 में आरोप पत्र दाखिल किया गया. उनका कहना था कि ईडी ने रुप सिंह यादव की 30 लाख, अनिल यादव की 53 लाख और एसएन शर्मा की 15 लाख की सम्पति जब्त की है, जबकि शेष अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अभी जारी है.

पढ़ें: आपराधिक कार्यवाही पूरी होने तक विभागीय जांच रोक देना चाहिए : हाईकोर्ट

लखनऊ: जनपद न्यायाधीश व ईडी (ED) के विशेष जज सर्वेश कुमार ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti Riverfront Scam) से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है. उन्होंने सिंचाई विभाग के तत्कालीन इंजीनियर रुप सिंह यादव, अनिल कुमार और सिद्ध नरायन शर्मा को समन जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सात दिन में समन तामीला सुनिश्चित कराने का आदेश ईडी को भी दिया है. मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी.

ईडी के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक 30 नवंबर 2017 को सीबीआई ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. 18 फरवरी 2018 को इसी मामले में ईडी ने भी सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों गुलेश चंद्रा, एसएन शर्मा, काजीम अली, शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, रुप सिंह यादव, सुरेंद्र यादव और अन्य के खिलाफ सूचना दर्ज कर जांच शुरू की.

जांच में पाया गया कि 15 सौ 13 करोड़ की गोमती रिवर फ्रंट योजना के तहत रबर डैम व गोमती चैनेलाइजेशन प्रोजेक्ट भी बनना था. इसके लिए 597 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके एवज में 71 करोड़ रुपये सेंटेज चार्ज जमा करना था, लेकिन अभियुक्तों ने उस फंड का डायवर्जन कर दिया. जांच के दौरान अभियुक्त अनिल कुमार का नाम भी प्रकाश में आया था. दो दिसंबर 2020 को अभियुक्तों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3/4 में आरोप पत्र दाखिल किया गया. उनका कहना था कि ईडी ने रुप सिंह यादव की 30 लाख, अनिल यादव की 53 लाख और एसएन शर्मा की 15 लाख की सम्पति जब्त की है, जबकि शेष अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अभी जारी है.

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