लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हजरतगंज के लेवाना सुइट्स होटल में हुए अग्निकांड का स्वतः संज्ञान लिया है. न्यायालय ने मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने एलडीए वीसी से शहर के उन सभी इमारतों का ब्यौरा तलब किया है, जिनका फायर परमिट नहीं है. न्यायालय ने चीफ फायर ऑफिसर से भी उन सभी इमारतों का ब्यौरा तलब किया है, जिनमें आग लगने की स्थिति में बाहर निकलने के रास्ते व आवश्यक उपकरण नहीं लगे हैं.
यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने ‘लेवाना सुइट्स होटल में आग की घटना’ नाम से स्वतः संज्ञान जनहित याचिका दर्ज करते हुए पारित किया. न्यायालय ने अपने आदेश में 6 सितंबर को हजरतगंज में ही ग्रेविटी क्लासेज नाम के कोचिंग संस्थान के भवन में आग लगने की घटना का भी जिक्र किया है.
न्यायालय ने चिंता व नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मंडलायुक्त रोशन जैकब द्वारा मीडिया में दिए बयान की मानें तो उक्त होटल को फायर विभाग से एनओसी मिली हुई थी, जबकि वहां आग से बचने के लिए फायर मैनेजमेंट सिस्टम का पूरी तरह आभाव था. न्यायालय ने कहा कि प्रश्न उठता है कि फायर एक्जिट न होने के बावजूद आखिर होटल को इतने सालों से चलाने की अनुमति कैसे मिली थी.
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न्यायालय ने एलडीए वीसी को यह भी निश्चित कर बताने को कहा है कि कितने भवन ऐसे हैं जिन्हें फायर क्लीयरेन्स नहीं मिलनी चाहिए थी लेकिन गैर कानूनी तरीके से मिल गई. न्यायालय ने यह भी जानकारी तलब की है कि ऐसे कितने भवन हैं जहां व्यावसायिक कार्य हो रहे हैं और उन तक एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के पहुंचने की जगह नहीं है. न्यायालय ने एलडीए वीसी को तलब भी किया है. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
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