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बैग में शव मिलने का मामला, हाईकोर्ट ने गोंडा एसपी और विवेचनाधिकारी को किया तलब

लखनऊ हाईकोर्ट ने गोंडा में कार के अंदर बैग में पैक नाबालिग लड़की का शव मिलने का मामले में एसपी और विवेचनाधिकारी को किया तलब किया है.

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लखनऊ हाईकोर्ट
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Published : Aug 24, 2022, 9:27 PM IST

लखनऊः गोंडा नगर क्षेत्र में एक आश्रम के बाहर कार के भीतर बैग में पैक नाबालिग लड़की का शव मिलने के मामले में चार महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली होने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जाहीर की है. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में न तो कार के मालिक का पता और न ही लड़की के मृत्यु के कारणों का पता पुलिस अब तक लगा सकी है. साथ ही न्यायालय ने गोंडा के एसपी और मामले के विवेचनाधिकारी को 30 अगस्त को कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति शेखर यादव की खंडपीठ ने यह आदेश मृतक लड़की की मां की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि घटना के चार महीने बीत गए लेकिन पुलिस की जांच अभी किसी भी निर्णायक दिशा में नहीं बढ़ सकी है. यह भी कहा गया है कि मृतका का शव अब तक उसके परिवार को नहीं दिया गया है. याची की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि उसकी लड़की को भगाकर ले जाया गया था. एफआईआर में अभियुक्तों के नाम भी लिखाए गए.

पढ़ेंः अरेस्ट स्टे के बाद भी अभियुक्तों को उठाने का मामला, DCP ने हाईकोर्ट में मांगी माफी

न्यायालय ने याचिका पर जवाब मांगा तो सरकारी वकील ने बताया कि एसपी द्वारा दाखिल शपथ पत्र में ऐसी किसी पूछताछ का जिक्र नहीं है. वहीं, पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण न पता चल पाने के बिंदु पर सरकारी वकील ने बताया कि मामला अब मेडिको लीगल सेल को भेजा जा रहा है. इस पर न्यायालय ने कहा कि चार महीनों से सक्षम अधिकारी इंतजार करते रहे और जब इस कोर्ट ने जवाब मांगा तब मेडिको लीगल सेल को मामला भेजा जा रहा है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट मामले में मुख्तार के साले को राहत देने से किया इंकार

लखनऊः गोंडा नगर क्षेत्र में एक आश्रम के बाहर कार के भीतर बैग में पैक नाबालिग लड़की का शव मिलने के मामले में चार महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली होने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जाहीर की है. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में न तो कार के मालिक का पता और न ही लड़की के मृत्यु के कारणों का पता पुलिस अब तक लगा सकी है. साथ ही न्यायालय ने गोंडा के एसपी और मामले के विवेचनाधिकारी को 30 अगस्त को कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति शेखर यादव की खंडपीठ ने यह आदेश मृतक लड़की की मां की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि घटना के चार महीने बीत गए लेकिन पुलिस की जांच अभी किसी भी निर्णायक दिशा में नहीं बढ़ सकी है. यह भी कहा गया है कि मृतका का शव अब तक उसके परिवार को नहीं दिया गया है. याची की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि उसकी लड़की को भगाकर ले जाया गया था. एफआईआर में अभियुक्तों के नाम भी लिखाए गए.

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न्यायालय ने याचिका पर जवाब मांगा तो सरकारी वकील ने बताया कि एसपी द्वारा दाखिल शपथ पत्र में ऐसी किसी पूछताछ का जिक्र नहीं है. वहीं, पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण न पता चल पाने के बिंदु पर सरकारी वकील ने बताया कि मामला अब मेडिको लीगल सेल को भेजा जा रहा है. इस पर न्यायालय ने कहा कि चार महीनों से सक्षम अधिकारी इंतजार करते रहे और जब इस कोर्ट ने जवाब मांगा तब मेडिको लीगल सेल को मामला भेजा जा रहा है.

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