लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपर मुख्य सचिव आयुष, प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका (Contempt Petition) पर जवाब मांगा है. न्यायालय ने सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वह दस दिनों के भीतर अपर मुख्य सचिव से निर्देश प्राप्त कर उनका पक्ष रखें. मामले की अगली सुनवाई 14 जून को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति रविनाथ तिलहरी की एकल सदस्यीय पीठ ने डॉ. पीआर वर्मा की याचिका पर पारित किया. याची का कहना था कि 17 दिसम्बर 2020 को अपर मुख्य सचिव ने एक आदेश पारित करते हुए उसे निलंबित कर दिया था. उक्त निलंबन आदेश के खिलाफ याची ने रिट याचिका दाखिल की. रिट याचिका पर न्यायालय ने 21 जनवरी 2021 को आदेश दिया था कि याची अपना पक्ष एक प्रत्यावेदन के जरिए अपर मुख्य सचिव को भेजेगा, जिस पर अपर मुख्य सचिव 45 दिनों में निर्णय लेंगे.
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याची का कहना है कि उसने 27 जनवरी को अपना प्रत्यावेदन रजिस्टर्ड डाक से अपर मुख्य सचिव को भेज दिया जो उनके कार्यालय में प्राप्त भी किया जा चुका है. बावजूद इसके उसके प्रत्यावेदन पर अब तक निर्णय नहीं लिया गया है. याची ने आरोप लगाया है कि अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी जानबूझ कर न्यायालय के 21 जनवरी के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत याचिका की एक प्रति अपर मुख्य सचिव को देने के निर्देश याची के अधिवक्ता को दिए हैं, जिसके उपरांत दस दिनों के भीतर अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अपर मुख्य सचिव से निर्देश प्राप्त करेंगे.