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अजीत सिंह हत्याकांड: हाई कोर्ट ने तेज प्रताप सिंह उर्फ प्रिंस की जमानत याचिका खारिज की

लखनऊ हाईकोर्ट ने अजीत सिंह हत्याकांड मामले में अभियुक्त तेज प्रताप सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियुक्त दुर्दांत अपराधियों के गिरोह से ताल्लुक रखता है.

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लखनऊ हाईकोर्ट
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Published : Aug 2, 2022, 9:13 PM IST

लखनऊः अजीत सिंह हत्याकांड मामले में अभियुक्त तेज प्रताप सिंह उर्फ प्रिंस की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. अजीत सिंह की हत्या 6 जनवरी 2021 को विभूति खंड के कठौता चौराहे पर शाम आठ बजे की गई थी. कोर्ट ने कहा कि घटना दुस्साहसिक तरीके से अंजाम दिया गया व अभियुक्त दुर्दांत अपराधियों के गिरोह से ताल्लुक रखता है. लिहाजा अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है.

यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त तेज प्रताप सिंह की जमानत याचिका पर पारित किया. अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, वह घटनास्थल के आसपास भी मौजूद नहीं था. उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि इस मामले के एक सह अभियुक्त अब्दुर रेहान को जमानत मिल चुकी है. तेज प्रताप सिंह की भी घटना में वही भूमिका बताएई जाती है जो अब्दुर रेहान की थी.

पढ़ेंः एक बार कोविड-19 के तौर पर मरीज के भर्ती होने पर मौत का कोई भी वजह हो, उसे कोविड ही माना जाएगा: हाईकोर्ट

याचिका का विरोध करते हुए वादी के अधिवक्ता व रणविजय सिंह ने दलील दी कि मृतक अजीत सिंह पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या का गवाह था. उसे गवाही न देने की धमकियां भी मिलीं थी. लेकिन धमकियों के दबाव में न आने पर उसकी हत्या की गई. इस हत्याकांड के लिए शूटर्स ने बीच बाजार 50 राउंड से अधिक गोलियां चलाईं. अभियुक्त इस हत्याकांड की साजिश में शामिल था. वहीं, शूटर्स को आजमगढ़ से एक डस्टर कार में लाया था व घटना के बाद उन्हें वहां से निकालने के लिए भी इसी कार का प्रयोग किया था.

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लखनऊः अजीत सिंह हत्याकांड मामले में अभियुक्त तेज प्रताप सिंह उर्फ प्रिंस की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. अजीत सिंह की हत्या 6 जनवरी 2021 को विभूति खंड के कठौता चौराहे पर शाम आठ बजे की गई थी. कोर्ट ने कहा कि घटना दुस्साहसिक तरीके से अंजाम दिया गया व अभियुक्त दुर्दांत अपराधियों के गिरोह से ताल्लुक रखता है. लिहाजा अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है.

यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त तेज प्रताप सिंह की जमानत याचिका पर पारित किया. अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, वह घटनास्थल के आसपास भी मौजूद नहीं था. उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि इस मामले के एक सह अभियुक्त अब्दुर रेहान को जमानत मिल चुकी है. तेज प्रताप सिंह की भी घटना में वही भूमिका बताएई जाती है जो अब्दुर रेहान की थी.

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याचिका का विरोध करते हुए वादी के अधिवक्ता व रणविजय सिंह ने दलील दी कि मृतक अजीत सिंह पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या का गवाह था. उसे गवाही न देने की धमकियां भी मिलीं थी. लेकिन धमकियों के दबाव में न आने पर उसकी हत्या की गई. इस हत्याकांड के लिए शूटर्स ने बीच बाजार 50 राउंड से अधिक गोलियां चलाईं. अभियुक्त इस हत्याकांड की साजिश में शामिल था. वहीं, शूटर्स को आजमगढ़ से एक डस्टर कार में लाया था व घटना के बाद उन्हें वहां से निकालने के लिए भी इसी कार का प्रयोग किया था.

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