ETV Bharat / state

लखनऊ हाईकोर्ट: अनिवार्य सेवानिवृति की प्रक्रिया तय करने को लेकर दाखिल याचिका खारिज - lucknow high court justice rituraj awasthi

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अनिवार्य सेवानिवृति की तय प्रक्रिया बनाने का आदेश केंद्र सरकार को देने की याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने याचिका पर तल्ख टिप्प्णी की है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
लखनऊ हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 9:59 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अनिवार्य सेवानिवृति की तय प्रक्रिया बनाने का आदेश केंद्र सरकार को देने की याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने याचिका पर तल्ख टिप्प्णी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अनिवार्य सेवानिवृति पाए कुछ पुलिस अधिकारियों की ओर से यह परोक्ष (प्रॉक्सी) याचिका दाखिल की गई है. यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने प्रताप चंद्रा की जनहित याचिका पर पारित किया. याची की मांग थी कि केंद्र सरकार को अनिवार्य सेवानिवृति के संबंध में निश्चित, पारदर्शी और तय प्रक्रिया बनाने का आदेश दिया जाए.

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि जिन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है, उसमें किन साक्ष्यों, दस्तावेजों, तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर निर्णय लिया गया है, इसे पब्लिक डोमेन में लाया जाए. याचिका का केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि सेवा संबंधी मामले में जनहित याचिका नहीं दाखिल की जा सकती. कहा गया कि जो लोग उक्त प्रक्रिया से प्रभावित हैं, उन्होंने न्यायालय के समक्ष कोई याचिका नहीं दाखिल की है.

वहीं न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि अनिवार्य सेवानिवृति पाए कुछ पुलिस अधिकारियों की ओर से यह याचिका दाखिल करवाई गई है. उन पुलिस अधिकारियों ने स्वयं याचिका नहीं दाखिल की है. यदि वे इस मामले में प्रभावित हैं तो वे स्वयं कानूनी उपचार प्राप्त कर सकते हैं.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अनिवार्य सेवानिवृति की तय प्रक्रिया बनाने का आदेश केंद्र सरकार को देने की याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने याचिका पर तल्ख टिप्प्णी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अनिवार्य सेवानिवृति पाए कुछ पुलिस अधिकारियों की ओर से यह परोक्ष (प्रॉक्सी) याचिका दाखिल की गई है. यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने प्रताप चंद्रा की जनहित याचिका पर पारित किया. याची की मांग थी कि केंद्र सरकार को अनिवार्य सेवानिवृति के संबंध में निश्चित, पारदर्शी और तय प्रक्रिया बनाने का आदेश दिया जाए.

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि जिन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है, उसमें किन साक्ष्यों, दस्तावेजों, तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर निर्णय लिया गया है, इसे पब्लिक डोमेन में लाया जाए. याचिका का केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि सेवा संबंधी मामले में जनहित याचिका नहीं दाखिल की जा सकती. कहा गया कि जो लोग उक्त प्रक्रिया से प्रभावित हैं, उन्होंने न्यायालय के समक्ष कोई याचिका नहीं दाखिल की है.

वहीं न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि अनिवार्य सेवानिवृति पाए कुछ पुलिस अधिकारियों की ओर से यह याचिका दाखिल करवाई गई है. उन पुलिस अधिकारियों ने स्वयं याचिका नहीं दाखिल की है. यदि वे इस मामले में प्रभावित हैं तो वे स्वयं कानूनी उपचार प्राप्त कर सकते हैं.

पढ़ें- हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल को किया तलब

यह भी पढ़ें-अयोध्या जमीन विवाद का एक और मामला पहुंचा HC, राज्य सरकार से जवाब तलब

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.