ETV Bharat / state

दहेज मृत्यु के दो अलग-अलग मामलों में अभियुक्तों को जमानत

दहेज मृत्यु के दो अलग-अलग मामलों में अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश हाईकोर्ट लखनऊ बेंच (high court lucknow bench) ने दिया है. दोनों पर अपनी बहुओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप है.

हाईकोर्ट लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट लखनऊ बेंच
author img

By

Published : Jun 1, 2021, 10:48 PM IST

लखनऊ: उन्नाव और हरदोई के दहेज मृत्यु के दो अलग-अलग मामलों में अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया है. जमानत पाने वाले दोनों अभियुक्तों पर अपनी बहुओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप है. न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने जोधी और जयपाल की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया.

जोधी का मामला जनपद उन्नाव के बांगरमऊ थाने का है. उसकी ओर से दलील दी गई कि उसने अपनी बहू को कभी भी दहेज के लिए प्रताड़ित नहीं किया और न ही बहू के मायके वालों से कभी दहेज की मांग की. उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है. मृतका ने फांसी लगाकर जान दी और उसके शरीर पर चोटों के कोई निशान नहीं पाए गए. घटना का कोई भी चश्मदीद नहीं है और न ही एफआईआर में अभियुक्त की कोई भूमिका बताई गई है.

पढ़ें: केस दर्ज होते ही बेवजह गिरफ्तारी मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन: हाईकोर्ट

जयपाल का मामला हरदोई जनपद के टंडीयवन थाने का है. उसकी ओर से भी यही दलील दी गई कि उसके अपनी बहू के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते थे और उसने कभी भी बहू या उसके घरवालों से दहेज की मांग नहीं की. कहा गया कि मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. लिहाजा विवेचना प्रभावित होने का प्रश्न नहीं उठता. दोनों ही मामलों के गुणदोष पर कोई टिप्पणी किए बिना न्यायालय ने अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

लखनऊ: उन्नाव और हरदोई के दहेज मृत्यु के दो अलग-अलग मामलों में अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया है. जमानत पाने वाले दोनों अभियुक्तों पर अपनी बहुओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप है. न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने जोधी और जयपाल की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया.

जोधी का मामला जनपद उन्नाव के बांगरमऊ थाने का है. उसकी ओर से दलील दी गई कि उसने अपनी बहू को कभी भी दहेज के लिए प्रताड़ित नहीं किया और न ही बहू के मायके वालों से कभी दहेज की मांग की. उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है. मृतका ने फांसी लगाकर जान दी और उसके शरीर पर चोटों के कोई निशान नहीं पाए गए. घटना का कोई भी चश्मदीद नहीं है और न ही एफआईआर में अभियुक्त की कोई भूमिका बताई गई है.

पढ़ें: केस दर्ज होते ही बेवजह गिरफ्तारी मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन: हाईकोर्ट

जयपाल का मामला हरदोई जनपद के टंडीयवन थाने का है. उसकी ओर से भी यही दलील दी गई कि उसके अपनी बहू के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते थे और उसने कभी भी बहू या उसके घरवालों से दहेज की मांग नहीं की. कहा गया कि मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. लिहाजा विवेचना प्रभावित होने का प्रश्न नहीं उठता. दोनों ही मामलों के गुणदोष पर कोई टिप्पणी किए बिना न्यायालय ने अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.