लखनऊ: आदेश के बावजूद यूपी कोऑपरेटिव सोसायटी के चुनाव आयोग के रिक्त पद पूरी तरह से न भरे जाने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जताई है. न्यायालय ने सख्त आदेश पारित करते हुए कहा है कि 24 अगस्त तक यदि रिक्त पद नहीं भरा जाता, तो प्रमुख सचिव कोऑपरेटिव रिकॉर्ड के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित हों.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने अशोक कुमार पांडेय की जनहित याचिका पर पारित किया. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि काफी प्रयास के बाद चुनाव आयोग के आयुक्त का एक रिक्त पद भरा जा सका है, जबकि अब भी एक आयुक्त का पद खाली है. इस पर न्यायालय ने नाराजगी जताई. उल्लेखनीय है कि मामले के याची का कहना है कि कोऑपरेटिव सोसायटी के चुनाव आयोग में कई महत्वपूर्ण पद लम्बे समय से रिक्त चल रहे हैं.
आशंका जताई गई है कि उक्त पदों के रिक्त होने के कारण सोसायटी के चुनाव ठीक तरीके से सम्पन्न नहीं हो पा रहे हैं. याचिका पर 26 जुलाई 2019 को ही न्यायालय ने जवाब मांगा था. पुनः 9 मार्च 2021 को मामले की सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार के अधिवक्ता को समुचित निर्देश प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया था, बावजूद इसके स्पष्ट जवाब न आने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है.
न्यायालय ने आयोग के रिक्त पदों को भरे जाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी पिछली सुनवाई पर ही मांगी है. न्यायालय ने पूछा था कि आखिर किन वजहों से आज तक आयोग के रिक्त पदों को नहीं भरा गया.
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