लखनऊ: सीएमओ की टीम ने हाल ही में लखनऊ के 31 अस्पताल में छापेमारी की. खामियां मिलने पर उन्हें नोटिस जारी किया. अहत बात यह है कि इक्का-दुक्का अस्पतालों ने नोटिस का जवाब भेजा है. बाकी बचे अस्पताल नोटिस का जवाब नहीं दिया है. निजी अस्पताल सीएमओ आफिस चक्कर लगाकर मामले को मैनेज करने में जुटे हैं. कुछ अस्पताल सिफारिशी फोन करवा रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का छापेमारी का अभियान सिर्फ छलावा लग रहा है.
लखनऊ में अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई (Action on illegal hospitals in Lucknow) जारी है. अहम बात यह है कि दो अस्पतालों का पंजीकरण तक सीएमओ आफिस में दर्ज नहीं था. इन अस्पतालों पर विभाग ताला नहीं लगवा पाया. स्वास्थ्य विभाग ने बीते माह कई अस्पतालों में छापेमारी की. अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं मिले. स्टॉफ नर्स और वार्ड ब्वॉय अस्पताल का संचालन करते मिले, जो मरीजों की जिदंगी से खिलवाड़ कर रहे थे. दुबग्गा रोड स्थित न्यू, ग्लोबल हॉस्पिटल का पंजीकरण अभी तक नहीं है. इसके बाद भी उसका संचालन हो रहा है.
बीते दिनों अस्पताल संचालक का वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ था. इसमें वह हरदोई के मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के लिए बुला रहा था. अस्पताल संचालक लैब टेक्नीशियन होने बाद भी खुद को डॉक्टर बताता है. अस्पताल संचालक अब्दुल रहमान का कहना है पंजीकरण के लिए आवेदन किया है. अस्पताल का संचालन अभी नहीं हो रहा है. वहीं सुरक्षा अस्पताल का पंजीकरण सीएमओ आफिस में दर्ज नहीं है.
अस्पताल ने अब आवेदन कियाहै. अस्पताल के संचालक का कहना है ऑन लाइन आवेदन नहीं है, ऑफ लाइन किया था. वहीं जिन अस्पतालों में छापेमारी हुई. उसमें तीन से चार अस्पतालों ने नोटिस का जवाब दिया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लखनऊ में अवैध अस्पतालों (illegal hospital in lucknow) पर सीएमओ डॉ. मनोज ने कहा कि नोटिस का जवाब न देने वाले अस्पतालों पर जिला प्रशासन की मदद से ताला लगवाया जाएगा.
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