लखनऊ: राजधानी के श्रीगुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में गुरुवार को अरदास और श्रद्धांजलि समागम का आयोजन किया गया. इस दौरान रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने श्रीगुरु नानक देव द्वारा उच्चारित पवित्र वाणी आसा दी वार का शबद कीर्तन का गायन किया. इसके बाद मुख्य ग्रंथी ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने गुरमत विचार संगतों के साथ साझा किए. उन्होंने 1984 के दंगों पर भी चर्चा की. सभी से यह अनुरोध किया यदि कोई पीड़ित परिवार हमारे आस-पास रहते हों तो हम उनकी यथासंभव मदद करें.
धार्मिक सचिव सतपाल सिंह मीत ने बताया कि 1984 में देश के अनेक शहरों में सिख विरोधी दंगों में या यूं कहें कि नरसंहार में शहीद हुए हजारों निर्दोष लोगों की याद में गुरुद्वारा साहब में श्रद्धांजलि और अरदास समागम का आयोजन किया गया.
राजेन्द्र सिंह बग्गा ने सिखों को श्रद्धांजलि दी
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान राजेंद्र सिंह बग्गा ने शहीद निर्दोष सिखों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सिखों के कातिलों को अभी तक सजा न मिलना, यह अफसोस की बात है. कत्लेआम के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी भी दंगाई को फांसी नहीं हुई है, यह बहुत ही दुखद है. उन्होंने कहा कि हम सब यह सरकार से मांग करते हैं कि दंगाइयों को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया जाए. प्रत्येक पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए, ताकि वह अपने परिवार के भरण-पोषण में सहायता कर सकें.
समागम के अंत में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए और उनके परिवार को न्याय दिलाने व उनके बेहतर जीवन के लिए श्रीगुरु ग्रन्थ साहिब जी के चरणों में अरदास की गई. इस अरदास समागम में हरमिंदर सिंह टीटू, हरविंदरपाल सिंह नीटा, कुलदीप सिंह, राजवंत सिंह बग्गा आदि विशेष रूप से शामिल हुए.