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तलाक के मुकदमे में यूपी सरकार के मंत्री को अपना पक्ष रखने के निर्देश, महिला भी भाजपा सरकार में रही हैं मंत्री

पारिवारिक न्यायालय ने पूर्व मंत्री के पति को अपना पक्ष रखने के आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी.

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Lucknow Family Court
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Published : Feb 8, 2023, 9:58 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार की पूर्व महिला मंत्री बुधवार को तलाक के मुकदमे में पारिवारिक न्यायालय में उपस्थित हुईं. उन्होंने पारिवारिक विवाद के चलते अपने पति से तलाक की मांग कर रखी है. वादिनी के पति वर्तमान में प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. पारिवारिक न्यायालय ने इस वाद में वादिनी के पति को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व अदम पैरवी में खारिज हुए तलाक के इस मुकदमे को पुनः शुरू करने के लिए वादिनी ने पारिवारिक न्यायालय के समक्ष अर्जी देते हुए पूर्व आदेश को वापस लिए जाने का अनुरोध किया था.

पारिवारिक न्यायालय की पत्रावली के अनुसार पूर्व मंत्री ने पारिवारिक विवादों के चलते वर्तमान में मंत्री पद संभाले अपने पति से तलाक के लिए लखनऊ में पारिवारिक न्यायालय के समक्ष तलाक का मुकदमा दाखिल किया था. इस मामले को अदालत ने विचारार्थ स्वीकार करते हुए पति को अपना पक्ष रखने व आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. इसी दौरान वर्ष 2017 में विधानसभा के चुनाव में वादिनी ने विधायकी का चुनाव लड़ा व जीत गईं तथा सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला. इसके बाद वह अदालत में मुकदमे की सुनावाई के दौरान हाजिर नहीं हुईं.

उनकी लगातार गैर हाजिरी के कारण पारिवारिक न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीश प्रथम द्वारा वर्ष 2018 में उनके तलाक के मुकदमे को अदम पैरवी में खारिज कर दिया गया था. अदम पैरवी में खारिज किए जाने के आदेश को वापस लेने के लिए मंत्री ने मार्च 2022 में अपने अधिवक्ता के साथ न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर आदेश वापसी की मांग की थी. प्रार्थना पत्र विलम्ब से किए जाने पर अपना पक्ष रखा था.

ये भी पढ़ेंः पुलिस वाले अब नहीं बना सकेंगे फेसबुक-इंस्टाग्राम पर रील, डीजीपी ने जारी की सोशल मीडिया पॉलिसी

लखनऊ: प्रदेश सरकार की पूर्व महिला मंत्री बुधवार को तलाक के मुकदमे में पारिवारिक न्यायालय में उपस्थित हुईं. उन्होंने पारिवारिक विवाद के चलते अपने पति से तलाक की मांग कर रखी है. वादिनी के पति वर्तमान में प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. पारिवारिक न्यायालय ने इस वाद में वादिनी के पति को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व अदम पैरवी में खारिज हुए तलाक के इस मुकदमे को पुनः शुरू करने के लिए वादिनी ने पारिवारिक न्यायालय के समक्ष अर्जी देते हुए पूर्व आदेश को वापस लिए जाने का अनुरोध किया था.

पारिवारिक न्यायालय की पत्रावली के अनुसार पूर्व मंत्री ने पारिवारिक विवादों के चलते वर्तमान में मंत्री पद संभाले अपने पति से तलाक के लिए लखनऊ में पारिवारिक न्यायालय के समक्ष तलाक का मुकदमा दाखिल किया था. इस मामले को अदालत ने विचारार्थ स्वीकार करते हुए पति को अपना पक्ष रखने व आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. इसी दौरान वर्ष 2017 में विधानसभा के चुनाव में वादिनी ने विधायकी का चुनाव लड़ा व जीत गईं तथा सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला. इसके बाद वह अदालत में मुकदमे की सुनावाई के दौरान हाजिर नहीं हुईं.

उनकी लगातार गैर हाजिरी के कारण पारिवारिक न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीश प्रथम द्वारा वर्ष 2018 में उनके तलाक के मुकदमे को अदम पैरवी में खारिज कर दिया गया था. अदम पैरवी में खारिज किए जाने के आदेश को वापस लेने के लिए मंत्री ने मार्च 2022 में अपने अधिवक्ता के साथ न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर आदेश वापसी की मांग की थी. प्रार्थना पत्र विलम्ब से किए जाने पर अपना पक्ष रखा था.

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