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भू-माफियाओं पर LDA का शिकंजा, संपत्तियों का होगा ऑनलाइन रिकॉर्ड

योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पारदर्शिता लाएगा और इसके लिए सरकार तकनीक का सहारा लेना शुरू किया है.

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Published : Mar 9, 2021, 10:18 AM IST

लखनऊ: योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पारदर्शिता लाने के लिए अब तकनीक का सहारा लेना शुरू किया है. इसके लिए प्राधिकरण अब जितनी भी संपत्ति है, उनका डिजिटल खाका तैयार किया जा रहा है. कोशिश है की सभी संपत्ति कंप्यूटर पर दर्ज हो जाए.



चलेगा डिजिटलीकरण का हथौड़ा

प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामलों में शिकायत सिर्फ इस बात की रहती है कि संपत्ति का रजिस्ट्रेशन धोखाधड़ी से दूसरे के नाम से कर दिया गया है. किसी एक के नाम से किए गए रजिस्ट्रेशन को कई बार दूसरों के नाम पर बेच दिया गया या एक ही संपत्ति को दो लोगों को अलॉट कर दिया गया है. इससे बचने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लखनऊ के अंदर जितनी भी संपत्तियां है उन सब का डिजिटलीकरण करने का फैसला लिया है और इसके तहत जितनी भी संपत्ति रहेगी उन सभी का क्रॉस चेक किया जाएगा. अगर एक बार सभी संपत्तियों का डाटा कंप्यूटर पर दर्ज हो जाएगा तो भ्रष्टाचार की गुंजाइश काफी कम रहेगी.

नहीं दर्ज है कोई ऑनलाइन डाटा

वर्ष 2000 से पहले गोमती नगर के कई फेस की संपत्तियों का ब्यौरा आज तक दर्ज नहीं किया गया है. वहीं, शारदा नगर, मानसरोवर योजना, कानपुर रोड, ट्रांसपोर्ट नगर, अलीगंज, वसंत कुंज, जानकीपुरम, गोमती नगर विस्तार, रतन खंड ,रुचि खंड ,हाता रसूल खान, बालविहार, बालागंज, मालदा रोड, बालू अड्डा, चौक, डालीगंज, डाली बाग, देवपुर, पारा, लाल कुआं, हाता लक्ष्मण दास, हजरतगंज, सरिता शहर के अधिकांश संपत्तियां हैं. योजना देख रहे अधिकारी को इसके लिए लगा दिया गया है. वहीं, आदेश भी दिए गए हैं कि अगर आवंटी नामांतरण रजिस्ट्री या फ्रीहोल्ड के लिए आता है तो कंप्यूटर में संपत्ति का ब्यौरा भी दर्ज कराएं.


प्राधिकरण में संपत्तियों को लेकर के बन रही योजनाओं के तहत अब जितना भी क्रय-विक्रय लखनऊ विकास प्राधिकरण में किया जाएगा उन सभी संपत्तियों का व्यवस्था कंप्यूटर में दर्ज रहेगी. साथ ही जो संपत्तियां अभी तक ऑनलाइन दर्ज नहीं थी उनको भी दर्ज किया जाएगा. विभाग के उच्च अधिकारी ऐसी उम्मीद लगा रहे हैं कि इसकी शुरुआत के बाद भ्रष्टाचार को एक कड़ी चोट जरूर पहुंचेगी.

लखनऊ: योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पारदर्शिता लाने के लिए अब तकनीक का सहारा लेना शुरू किया है. इसके लिए प्राधिकरण अब जितनी भी संपत्ति है, उनका डिजिटल खाका तैयार किया जा रहा है. कोशिश है की सभी संपत्ति कंप्यूटर पर दर्ज हो जाए.



चलेगा डिजिटलीकरण का हथौड़ा

प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामलों में शिकायत सिर्फ इस बात की रहती है कि संपत्ति का रजिस्ट्रेशन धोखाधड़ी से दूसरे के नाम से कर दिया गया है. किसी एक के नाम से किए गए रजिस्ट्रेशन को कई बार दूसरों के नाम पर बेच दिया गया या एक ही संपत्ति को दो लोगों को अलॉट कर दिया गया है. इससे बचने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लखनऊ के अंदर जितनी भी संपत्तियां है उन सब का डिजिटलीकरण करने का फैसला लिया है और इसके तहत जितनी भी संपत्ति रहेगी उन सभी का क्रॉस चेक किया जाएगा. अगर एक बार सभी संपत्तियों का डाटा कंप्यूटर पर दर्ज हो जाएगा तो भ्रष्टाचार की गुंजाइश काफी कम रहेगी.

नहीं दर्ज है कोई ऑनलाइन डाटा

वर्ष 2000 से पहले गोमती नगर के कई फेस की संपत्तियों का ब्यौरा आज तक दर्ज नहीं किया गया है. वहीं, शारदा नगर, मानसरोवर योजना, कानपुर रोड, ट्रांसपोर्ट नगर, अलीगंज, वसंत कुंज, जानकीपुरम, गोमती नगर विस्तार, रतन खंड ,रुचि खंड ,हाता रसूल खान, बालविहार, बालागंज, मालदा रोड, बालू अड्डा, चौक, डालीगंज, डाली बाग, देवपुर, पारा, लाल कुआं, हाता लक्ष्मण दास, हजरतगंज, सरिता शहर के अधिकांश संपत्तियां हैं. योजना देख रहे अधिकारी को इसके लिए लगा दिया गया है. वहीं, आदेश भी दिए गए हैं कि अगर आवंटी नामांतरण रजिस्ट्री या फ्रीहोल्ड के लिए आता है तो कंप्यूटर में संपत्ति का ब्यौरा भी दर्ज कराएं.


प्राधिकरण में संपत्तियों को लेकर के बन रही योजनाओं के तहत अब जितना भी क्रय-विक्रय लखनऊ विकास प्राधिकरण में किया जाएगा उन सभी संपत्तियों का व्यवस्था कंप्यूटर में दर्ज रहेगी. साथ ही जो संपत्तियां अभी तक ऑनलाइन दर्ज नहीं थी उनको भी दर्ज किया जाएगा. विभाग के उच्च अधिकारी ऐसी उम्मीद लगा रहे हैं कि इसकी शुरुआत के बाद भ्रष्टाचार को एक कड़ी चोट जरूर पहुंचेगी.

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