लखनऊ: विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी (Development Authority Vice President Indramani Tripathi) ने नेशनल अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कॉन्क्लेव में विजन लखनऊ 2051 पर प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने कहा कि बीते पांच से छह वर्षों के दौरान लखनऊ काफी बदला है. नए मॉल खुले, रिवर फ्रंट, स्मार्ट सिटी और परिवहन के लिए मेट्रो जैसे कई विकास हुए हैं. आईटी हब बनाने के लिए सीजी सिटी विकसित की जा रही है. उन्होंने कहा कि राजधानी की साक्षरता दर भी 82.50 फीसदी है. बेहतर रोड कनेक्टिविटी और प्रमुख शहरों से एयर कनेक्टविटी है.
डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि हम स्टेट कैपिटल रीजन की परिकल्पना कर रहे हैं. दूसरी ओर कुछ कमियां हैं, जिनको दूर करना चुनौती है. दूसरे शहरों, खासतौर पर पूर्वांचल से आने वाले पांच फीसदी वेंडरों को उचित स्थान दिलाना एक बड़ी चुनौती है. कुछ स्थानों पर मलिन बस्तियां बनती जा रही हैं. इसका भी समाधान ढूंढने की जल्द आवश्यकता है.
उपाध्यक्ष ने कहा कि शहर के साथ आबादी भी तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2001 में आबादी 27 लाख 73 हजार 618 थी, जो कि 2011 तक 35 लाख 48 हजार 732 हो गई. 2021 में आबादी 45 लाख 50 हजार 326 हो गई. वर्ष 2031 तक आबादी 65 लाख तक पहुंच जाएगी. 2041 में 80 लाख और 2051 में एक करोड़ 30 हजार के पार पहुंच जाएगी.
उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने लखनऊ की विशेषता का जिक्र करते हुए कहा कि यहां 82.50 फीसदी शिक्षित आबादी है, जो संस्कृति और विरासत के प्रति संवेदनशील है. सड़क, रेल और वायु मार्ग के जरिए अन्य शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी है. आसपास के शहरों के लोगों के लिए यहां बेहतर मेडिकल सुविधाएं हैं. दुनिया में मशहूर चिकनकारी और जरदोजी की कला है.
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