लखनऊ: लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी. महासमिति को सोमवार को उस समय बड़ी सफलता मिली जब लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि अनुरक्षण शुल्क जमा करने के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष द्वारा 21 मई 2018 को जारी आदेश का ही शत-प्रतिशत पालन होगा. आवंटी अनुरक्षण शुल्क रिजल्ट वेलफेयर एसोसिएशन के पास ही जमा करेंगे और निबंधन के पूर्व उसकी रसीद एलडीए में प्रस्तुत करेंगे.
इस तरह बढ़ा विवाद
प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष पीएन सिंह ने 21 मई 2018 के अपने आदेश में है कहा है कि आरडब्ल्यूए के गठन के बाद जिन आवंटियों की रजिस्ट्री नहीं हुई है उन्हें रजिस्ट्री कराने से पूर्व आरडब्लूए में तीन साल का एक साथ मेन्टीनेंस धनराशि जमा कराकर भुगतान की प्रप्ति रसीद प्राधिकरण में प्रस्तुत करनी होगी, लेकिन एलडीए नए आवंटियों से खुद तीन साल का मेंटिनेंस एलडीए के खाते में जमा कराने लगा, जिसको लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने आवंटियों को कब्जा लेने से रोक दिया था.
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इस विवाद से निकला समाधान का रास्ता
ताजा विवाद गोमती नगर विस्तार के अपार्टमेंट ग्रीनवुड़ आई जे ब्लाक का सामने आया. यहां 901 नम्बर का फ्लैट अजय मणि के नाम से अभी पिछले वर्ष 28 सितंबर को लॉटरी के माध्यम से आवंटित हुआ था, जिनके फ्लैट की रजिस्ट्री 17 फरवरी 2021 को एलडीए द्वारा किया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अजय मणि से सभी देय के साथ साथ तीन साल का मेंटिनेंस रुपया 47 हजार एलडीए के खाते में जमा करा लिया. रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अजय मणि को कब्जा लेने से रोक दिया. उमाशंकर दुबे ने इस विवाद की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी.
विवाद के निस्तारण से कई लोगों का मिलेगा लाभ
लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के बीच विवाद का निस्तारण आवंटियों को राहत देगा. एलडीए में पैसा जमा कर कब्जा लेने के लिए भटक रहे थे. प्राधिकरण अब एलडीए में जमा अनुरक्षण शुल्क भी एजेंट वेलफेयर एसोसिएशन को ट्रांसफर करने पर सहमत हो गया है. लखनऊ जन कल्याण महासमिति ने एलडीए के इस निर्णय का स्वागत किया है.