लखनऊ: लोगों के लिए आवासीय योजनाएं बनाने वाला लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) अपनी कॉलोनी बनाने जा रहा है. हनुमान सेतु के पास पॉश इलाके में यह कॉलोनी बनाई जाएगी. यहां अफसरों-कर्मियों से लेकर चपरासी के रहने की सुविधा मिलेगी. लगभग 34 हजार वर्ग फिट जमीन में बनने वाली इस कॉलोनी में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. 10 साल पहले पट्टा समाप्त होने के बाद एलडीए (LDA) ने मार्च में यहां से कब्जा हटवाया था.
एलडीए ने ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था. नजूल की करीब 100 करोड़ की जमीन पर ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए शासन ने मंजूरी दे दी है. पूरी तरह से गेटेड कॉलोनी में कई टावर बनेंगे. यहां वन बीएचके से लेकर फाइव बीएचके के फ्लैट होंगे. काम शुरू करने के लिए टेंडर निकालने को लेकर कार्रवाई तेज कर दी गई है. चारों तरफ से बाउंड्रीवाल होने के साथ ही आवश्यक वस्तुओं के लिए दुकानें भी होंगी.
इसमें बैडमिंटन कोर्ट भी बनाया जाएगा, जो पार्क का हिस्सा होगा. गोमती नदी के किनारे बनने वाले फ्लैट आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे. एलडीए के करीब दो हजार से अधिक कर्मचारी हैं. अभी शहर में प्राधिकरण की अपनी कोई कॉलोनी नहीं है. अफसर व इंजीनियरों का तबादला होने के बाद यहां किराए पर रहते हैं. ऐसे में बहुमंजिला अपार्टमेंट बनने पर उन्हें काफी राहत मिलेगी. हालांकि इसके लिए उन्हें मकान किराया भत्ता अपने वेतन से कटाना होगा.
हनुमान सेतु मंदिर (Hanuman Setu Temple) के पीछे भूखंड संख्या 599 व 600 जो कि अभिलेखों में नजूल भूमि दर्ज है. यह जमीन बीरबल साहनी मार्ग पर स्थित है. इसे पूर्व में सहकारी आवास समिति को पट्टा पर दिया गया था. वर्ष 2011 में ही इसकी अवधि समाप्त हो गई थी. भूमि पुन: पट्टा समाप्त होने के कारण राज्य सरकार में निहित हो गई. इसके बाद भी जमीन को अपनी दिखाते हुए मो. फरहान भाटी व सेठ बसीर अहमद भाटी निवासी कैसरबाग व अन्य ने अवैध रूप से आपराधिक षडयंत्र के तहत कबाड़ियों को कब्जा दे दिया था. उनसे नियमित रूप से किराया भी वसूलते रहे. इससे राज्य सरकार को राजस्व की हानि होने के साथ ही लोक संपत्ति का नुकसान भी हुआ. एलडीए ने नजूल अधिकारी आनंद सिंह के नेतृत्व में लगातार तीन दिनों तक अभियान चलाकर कब्जा हटाकर जमीन कब्जे में ली थी. एलडीए के अमीन दिलीप कुमार की तरफ से कब्जेदारों के खिलाफ महानगर थाने में एफआईआर लिखाई गई थी.
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