लखनऊ: राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरण सेवा से सेवनिर्वित्त हुए कर्मियों को बड़ी राहत दी है. विकास प्राधिकरण के पेंशन धारकों को भी राज्य कर्मियों के समान सातवें वेतन मान के बराबर पेंशन मिलेगी. इससे करीब 2000 पेंशन धारकों को इसका लाभ मिलेगा. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने शाशनदेश जारी किया है.
2016 को आधार मानकर दी जाएगी पेंशन
उत्तर प्रदेश प्राधिकरण के तमाम राज्य कर्मचारी जो कि सेवा से निर्वित्त हो चुके हैं, उनकी पिछले काफी वर्षों से यह मांग रही है कि उनको भी सातवें वेतनमान के अनुसार राज्य कर्मचारियों के मुताबिक पेंशन दी जाए, जिसको लेकर राज्य सरकार ने अब फैसला दे दिया है और अब प्राधिकरण के जो सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और अधिकारी उनको सातवें वेतनमान के अनुसार ही उनकी पेंशन दी जाएगी. इसके मुताबिक वित्त विभाग द्वारा राज्य कर्मचारियों के लिए निर्धारित पेंशन व्यवस्था के आधार पर यह लाभ दिया जाएगा. पेंशन निर्धारण के लिए वित्त विभाग के लिए 23 दिसंबर 2016 को आधार माना जाएगा. पेंशन का वास्तविक लाभ तत्काल प्रभाव से अनुमन्य नहीं होगा. साथ ही शासनादेश की व्यवस्थाओं को लागू किए जाने पर आने वाला खर्च विकास प्राधिकरण को स्वयं अपने संसाधनों से वाहन करना होगा.
प्राधिकरण को अपने आय व्यय से देना होगा कर्मियों को सातवां वेतनमान की पेंशन
राज्य सरकार ने ये साफ कर दिया है कि सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी. विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि केंद्रीयकृत और अकेन्द्रीय केंद्रीय कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप ही पेंशन और अन्य सेवा निर्मित एक लाभ देने की कार्रवाई शुरू की जाए.
सातवें वेतनमान के तहत मिलेगा प्राधिकरण के कर्मियों को पेंशन
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सेवानिवृत्त कर्मियों को बड़ी राहत दी है. सातवें वेतन मान के तहत विकास प्राधिकरण के पेंशन धारकों को भी राज्य कर्मियों के समान सातवें वेतन मान के बराबर पेंशन मिलेगी.
लखनऊ: राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरण सेवा से सेवनिर्वित्त हुए कर्मियों को बड़ी राहत दी है. विकास प्राधिकरण के पेंशन धारकों को भी राज्य कर्मियों के समान सातवें वेतन मान के बराबर पेंशन मिलेगी. इससे करीब 2000 पेंशन धारकों को इसका लाभ मिलेगा. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने शाशनदेश जारी किया है.
2016 को आधार मानकर दी जाएगी पेंशन
उत्तर प्रदेश प्राधिकरण के तमाम राज्य कर्मचारी जो कि सेवा से निर्वित्त हो चुके हैं, उनकी पिछले काफी वर्षों से यह मांग रही है कि उनको भी सातवें वेतनमान के अनुसार राज्य कर्मचारियों के मुताबिक पेंशन दी जाए, जिसको लेकर राज्य सरकार ने अब फैसला दे दिया है और अब प्राधिकरण के जो सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और अधिकारी उनको सातवें वेतनमान के अनुसार ही उनकी पेंशन दी जाएगी. इसके मुताबिक वित्त विभाग द्वारा राज्य कर्मचारियों के लिए निर्धारित पेंशन व्यवस्था के आधार पर यह लाभ दिया जाएगा. पेंशन निर्धारण के लिए वित्त विभाग के लिए 23 दिसंबर 2016 को आधार माना जाएगा. पेंशन का वास्तविक लाभ तत्काल प्रभाव से अनुमन्य नहीं होगा. साथ ही शासनादेश की व्यवस्थाओं को लागू किए जाने पर आने वाला खर्च विकास प्राधिकरण को स्वयं अपने संसाधनों से वाहन करना होगा.
प्राधिकरण को अपने आय व्यय से देना होगा कर्मियों को सातवां वेतनमान की पेंशन
राज्य सरकार ने ये साफ कर दिया है कि सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी. विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि केंद्रीयकृत और अकेन्द्रीय केंद्रीय कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप ही पेंशन और अन्य सेवा निर्मित एक लाभ देने की कार्रवाई शुरू की जाए.