लखनऊ : लखनऊ के रहीमाबाद में बीते एक माह पहले नर्सिंग छात्रा की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए दो अरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक आरोपी अभी फरार है. पुलिस के अनुसार छात्रा की जान पहचान तीन युवकों से थी. इसी बात की जानकारी होने पर तीनों ने मिलकर छात्रा की हत्या कर दी. तीनों ने योजना के अनुसार छात्रा को रेलवे ट्रैक के पास बुलाया और गला दबाकर मार डाला. इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव रेलवे ट्रैक पर डाल कर फरार हो गए. इस मामले में दो युवकों के गिरफ्तार कर लिया गया है. तीसरा आरोपी फरार है, उसकी तलाश में पुलिस टीम लगाई गई है.
बता दें, रहीमाबाद निवासी नर्सिंग की छात्रा (17) का शव सोमवार 10 अप्रैल को गोसवा फाटक संख्या 238 के आगे मिला था. देर रात स्टेशन मास्टर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया. छात्रा के भाई खुशीराम ने बताया कि उसकी बहन नर्सिंग के कोर्स के साथ दुबग्गा के एक निजी अस्पताल में नर्स थी. वह करीब एक साल से प्रतिदिन सुबह घर से निकलती थी और शाम को अस्पताल से वापस घर आ जाती थी. सोमवार करीब देर शाम सूचना मिली की गोसवा रेलवे फाटक पर ट्रेन से कटने से मौत हो गई है. छात्रा की मौत मामले में परिजनों ने गांव के ही शंकर लाल और राम जीवन पर मुकदमा दर्ज कराया था. जांच के दौरान पुलिस को इनके खिलाफ कोई सबूत न मिल पाने के कारण पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया और आगे की जांच में लग गई थी.
थाना प्रभारी अख्तियार अहमद अंसारी ने बताया कि विवेचना के दौरान अमित अवस्थी निवासी ग्राम चांदीखेड़ा रहीमाबाद, डॉ. अंकित सिंह निवासी अतरौली जनपद हरदोई जो लखनऊ में न्यू मेडिपल्स हॉस्पिटल में काम करता है व दिनेश मौर्या मनकौटी रहीमाबाद का नाम प्रकाश में आया. इन तीनों से छात्रा की जान पहचान थी. छात्रा इन तीनों लोगों से बात करती थी. जब इसकी जानकारी तीनों को हुई तो तीनों ने छात्रा को मारने की योजना बना डाली. इसके बाद छात्रा को सुनसान जगह बुलाकर गला दबाकर हत्या कर दी और हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया. इस मामले में आरोपी दिनेश मौर्या फ़रार है. जिसकी तालाश में पुलिस दबिश दे रही है.
परिजनों ने थाने पर काटा जमकर हंगामा : पकड़े गए आरोपियों में से एक अमित अवस्थी की मां कल्पना अवस्थी ने इंस्पेक्टर और औऱ एसआई के ऊपर बेटे को फर्जी फंसाने का आरोप लगाया है. पीड़ित परिवार ने एसडीएम से बेटे को फर्जी फंसाए जाने के खिलाफ शिकायत की है. इसके बाद पुलिस ने एसडीएम के सामने साक्ष्यों को पेश कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया. जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.