लखनऊ: नाबालिग को शादी करने के बहाने भगा ले जाकर दुराचार करने के दोषी को पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत ने कहा कि जुर्माने की सारी रकम को पीड़िता को दी जाएगी. विशेष अधिवक्ता सुखेन्द्र प्रताप सिंह ने तर्क दिया कि वादी ने घटना की रिपोर्ट जानकीपुरम थाने में दर्ज कराई थी. कहा गया है कि वह तिवारीपुर में किराए पर रहता है. इसी बीच 24 दिसम्बर 2012 को उसकी 15 वर्षीय पुत्री को पास में रहने वाला महेश कश्यप शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया. काफी तलाश के बाद भी लड़की नहीं मिली.
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पुलिस ने विवेचना के दौरान लड़की को बरामद किया और दुराचार की धाराएं बढ़ाईं. अदालत ने पत्राली पर मौजूद गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को कारावास और जुर्माने की सजा से दंडित किया.
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