लखनऊ: भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और उत्तर प्रदेश में ब्लास्ट करने के लिए हथियार और विस्फोटक एकत्र करके आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोपों में गिरफ्तार किए गए. अल कायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिन्द के कथित आतंकी मिनहाज और मुशीरुद्दीन उर्फ मुशीर उर्फ राजू की जमानत अर्जी को एनआईए के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने खारिज कर दिया है.
एनआईए के वकील एमके सिंह ने कोर्ट में बताया कि इस मामले की रिपोर्ट 11 जुलाई को एटीएस के इंस्पेक्टर सुशील कुमार सिंह ने दर्ज कराई थी. बाद में मामला एनआईए को सौंप दिया गया तो इस मामले में 29 जुलाई 2021 को दूसरी रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना शुरू की. चार्जशीट में पता चला कि जम्मू कश्मीर स्थित अलकायदा के आतंकी उमर हेलमंडी ने आरोपी मिनहाज को ऑनलाइन संपर्क किया और आरोपी मिनहाज ने आतंकियों के साथ साजिश में शामिल होकर अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिन्द के लिए आतंकी गतिविधियों के लिए सदस्यों की भर्ती की.
कहा गया कि मिनहाज ने मुशीरुद्दीन को यूपी में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भर्ती किया. मिनहाज और मुशीर ने धमाके करके भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियार, बम एकत्र किए. 11 जुलाई 2021 को आरोपी मिनहाज अहमद को एटीएस ने गिरफ्तार कर उसके मकान से अवैध आपत्तिजनक वस्तुओं के साथ-साथ एक अवैध पिस्टल, चार 32 बोर के कारतूस बरामद किए थे. इसके अलावा एटीएस ने इस मकान से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद किया था.
वहीं, मुशीरुद्दीन को मड़ियांव स्थित उसके घर से गिरफ्तार करके भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने की सामग्री बरामद की थी. इसके बाद इस मामले की विवेचना एनआईए को सौंप दी गई. एनआईए ने मामले की विवेचना के बाद मुशीरुद्दीन उर्फ मुशीर उर्फ राजू, मुस्तकीम, शकील, मिनहाज, तौहीद एवं मुहम्मद मुईद के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.
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