लखनऊः कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एलडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक तरफ आप भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आपका महकमा ही आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. बेहतर होगा कि आप एलडीए की कारगुजारियों और उसमें जनता के उत्पीड़न पर लगाम लगाएं.
आम आदमी का दर्द समझें
शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने पत्र में लिखा है कि एलडीए में आपके अधिकारी आपकी नाक के नीचे घोटाले कर रहे हैं तो बाकी विकास प्राधिकरणों में किस स्तर पर भ्रष्टाचार है और आम आदमी का किस तरह से उत्पीड़न हो रहा होगा. आपके महकमे में पिछले एक महीने के दरम्यान सामने आए भ्रष्टाचारों की तरफ ध्यान दिला रहा हूं एलडीए से आम आवंटियों की 20 हजार फाइलें गायब हैं. यह फाइलें उन आवंटियों की हैं जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से आशियाना खरीदा था. चिंताजनक बात यह है कि आपके अफसरों को यह भी नहीं पता कि किस योजना में कितनी फाइलें गायब हैं. चार साल से आपके अफसर गायब हुई इन फाइलों की जानकारी छिपाए बैठे थे. यही नहीं जिस कंपनी को यह फाइलें स्कैन करने के नाम पर भेजी गई थीं उसने दावा कर दिया है कि एलडीए ने यह फाइलें उसे कभी दी ही नहीं.
मुख्यमंत्री के दावों पर खड़े हो रहे सवाल
उन्होंने कहा कि आपके महकमे ने चाक-चौबंद इंतजाम का दावा करते हुए आईएसओ 9001 सर्टिफिके लिया था लेकिन एलडीए की वेबसाइट और कंप्यूटर सेल के इंचार्ज की आईडी और पासवर्ड से आवंटन के रेकॉर्ड में फर्जीवाड़ा हो गया. कई आवंटन से जुड़े रिकॉर्ड बदलकर किसी दूसरे के नाम आवंटित दिखा दिए गए. इस घटना से शहर के हजारों आवंटियों में दहशत है कि कहीं उनके आवंटन का रिकॉर्ड भी न बदल दिया गया हो. आवंटी एलडीए पहुंच रहे हैं तो पता चल रहा है कि फाइल मिल ही नहीं रही है. एक तरफ आवंटियों की फाइलें गायब हैं, कंप्यूटर रिकॉर्ड में छेड़छाड़ हो रही है और दूसरी तरफ आपके महकमे में भू माफिया, दलाल और ठेकेदारों के हवाले गोपनीय फाइलें कर दी गई हैं. जिन भू माफिया के खिलाफ आप अभियान चलाने का दावा करते हैं वे आपके अधिकारियों के कमरों में बैठकर टीवी देखते हुए अपनी पसंद की फाइलों में टेंपरिंग तक कर रहे हैं. ऐसे में आपके दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
सीएम कर रहे जीरो टॉलरेंस की बात और भ्रष्टाचार में डूबे विभाग - लखनऊ समाचार
राजधानी लखनऊ शहर के कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एलडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक तरफ आप भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आपका महकमा ही आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है.
लखनऊः कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एलडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक तरफ आप भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आपका महकमा ही आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. बेहतर होगा कि आप एलडीए की कारगुजारियों और उसमें जनता के उत्पीड़न पर लगाम लगाएं.
आम आदमी का दर्द समझें
शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने पत्र में लिखा है कि एलडीए में आपके अधिकारी आपकी नाक के नीचे घोटाले कर रहे हैं तो बाकी विकास प्राधिकरणों में किस स्तर पर भ्रष्टाचार है और आम आदमी का किस तरह से उत्पीड़न हो रहा होगा. आपके महकमे में पिछले एक महीने के दरम्यान सामने आए भ्रष्टाचारों की तरफ ध्यान दिला रहा हूं एलडीए से आम आवंटियों की 20 हजार फाइलें गायब हैं. यह फाइलें उन आवंटियों की हैं जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से आशियाना खरीदा था. चिंताजनक बात यह है कि आपके अफसरों को यह भी नहीं पता कि किस योजना में कितनी फाइलें गायब हैं. चार साल से आपके अफसर गायब हुई इन फाइलों की जानकारी छिपाए बैठे थे. यही नहीं जिस कंपनी को यह फाइलें स्कैन करने के नाम पर भेजी गई थीं उसने दावा कर दिया है कि एलडीए ने यह फाइलें उसे कभी दी ही नहीं.
मुख्यमंत्री के दावों पर खड़े हो रहे सवाल
उन्होंने कहा कि आपके महकमे ने चाक-चौबंद इंतजाम का दावा करते हुए आईएसओ 9001 सर्टिफिके लिया था लेकिन एलडीए की वेबसाइट और कंप्यूटर सेल के इंचार्ज की आईडी और पासवर्ड से आवंटन के रेकॉर्ड में फर्जीवाड़ा हो गया. कई आवंटन से जुड़े रिकॉर्ड बदलकर किसी दूसरे के नाम आवंटित दिखा दिए गए. इस घटना से शहर के हजारों आवंटियों में दहशत है कि कहीं उनके आवंटन का रिकॉर्ड भी न बदल दिया गया हो. आवंटी एलडीए पहुंच रहे हैं तो पता चल रहा है कि फाइल मिल ही नहीं रही है. एक तरफ आवंटियों की फाइलें गायब हैं, कंप्यूटर रिकॉर्ड में छेड़छाड़ हो रही है और दूसरी तरफ आपके महकमे में भू माफिया, दलाल और ठेकेदारों के हवाले गोपनीय फाइलें कर दी गई हैं. जिन भू माफिया के खिलाफ आप अभियान चलाने का दावा करते हैं वे आपके अधिकारियों के कमरों में बैठकर टीवी देखते हुए अपनी पसंद की फाइलों में टेंपरिंग तक कर रहे हैं. ऐसे में आपके दावों पर सवाल उठ रहे हैं.