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Crimes Against Children : अपने ही कर रहे मासूमों का शोषण, दास्तान सुन हैरान रह जाएंगे आप - crimes against children

आजकल बच्चों के साथ दरिंदगी (Crimes Against Children) के मामले बहुतायत में हो रहे हैं. इनमें कई मामले लोक लज्जा के भय से दब जाते हैं. कुछ मामले चाइल्ड लाइन और पुलिस तक पहुंचते हैं. बच्चों के साथ अपराध करने वाले अमूमन वयस्क होते हैं. ऐसे में अभिभावकों को सजग रहना आवश्यक है.

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Published : Feb 10, 2023, 8:43 PM IST

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लखनऊ : आमतौर पर ऐसा होता है कि बच्चों के अभिभावक बड़ी जल्दी किसी पर विश्वास कर लेते हैं और कई बार यही रिश्तेदार व विश्वासपात्र व्यक्ति उन्हीं के विश्वास के सहारे उनकी बच्चियों का शोषण करते हैं. लखनऊ चाइल्ड लाइन में कई केस ऐसे आते हैं, जिसमें नाबालिग लड़की अपने ही रिश्तेदारों की शिकार हो जाती है. चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर संगीता शर्मा ने बताया कि लखनऊ से ही एक केस ऐसा सामने आया जिसे सुनकर हमारे होश उड़ गए. उन्होंने बताया कि इस तरह की कई केस चाइल्ड लाइन में आते हैं. वर्ष 2022 में चाइल्ड लाइन में लगभग 1186 केस आए हैं. इसमें बहुत सारे केस नाबालिग लड़कियों के हैं जो किसी रिश्तेदार या जानने पहचानने वाले लोगों से प्रताड़ित हुईं.

संगीता शर्मा ने बताया कि हाल ही में एक केस लखनऊ का सामने आया था. आज के समय में हर कोई बिजनेस के हिसाब से अपना मकान बनाता है कि अपने घर को वह किराए पर उठा देंगे, लेकिन वह किराएदार कैसा होगा. इसके बारे में वह अंदाजा नहीं लगा सकते. 15 वर्ष बच्ची की मां ने किराएदार पर विश्वास किया. नाबालिग बच्ची के पिता इस दुनिया में नहीं हैं. दो बहनें और मां के साथ में घर पर रहती थी. एक किरायेदार उसके घर में रहता था उसने पहले नाबालिग की बड़ी बहन को प्रपोज किया था, लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया. इसके बाद उस किराएदार ने नाबालिग लड़की को अपने जाल में फंसाया. जिस वक्त घर पर मां और बड़ी बेटी न रहती उस समय वह लड़का उसके साथ उसे बहला फुसलाकर जबरदस्ती किया करता था. दो साल से वह घर में किराए पर था. इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब लड़की गर्भवती हो गई. इसके बाद उसकी बहन ने चाइल्ड लाइन में फोन कर हमें जानकारी दी. इस जानकारी के बाद जो भी कानूनी कार्रवाई होती हैं. उसके तहत लड़के के ऊपर कार्रवाई चल रही है. इसके अलावा बच्चे का अबॉर्शन कराया गया. अबॉर्शन में पुलिस आनाकानी कर रही थी, लेकिन जब बच्चे की मां अबॉर्शन के लिए तैयार है तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इसके तहत चाइल्डलाइन ने पूरा सहयोग किया और बच्चे का सफल अबॉर्शन कराया गया. फिलहाल बच्ची इस समय ठीक है.

किसी पर न करें अत्यधिक भरोसा : संगीता शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में किसी के ऊपर भी भरोसा करने लायक नहीं है. इसलिए जब भी आपकी बच्ची घर पर अकेली हो या आप किसी रिश्तेदार के साथ भेज रहे हों तो पहले उस रिश्तेदार के बारे में जांच परख लें. अगर बच्ची उनके साथ जाने में असहज महसूस न करे. तभी कहीं बाहर भेजें या फिर कोशिश करें कि खुद ही बच्चे को कहीं भी लेकर जाना हो लेकर जाएं. चाइल्ड में जितने भी केस नाबालिग बच्चियों के आते हैं ज्यादातर केस में ऐसा ही होता है कि कोई भरोसेमंद व्यक्ति ही इस तरह की हरकत करते हैं. बच्ची को डरा धमका देते हैं और कई केस में उन्हें मेनूप्लेट कर लेते हैं. इस समय किसी के ऊपर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

पेरेंट्स को रहना होगा बच्चों के क्लोज : उन्होंने कहा कि माता-पिता को इस समय बच्चों से दोस्ती करने की जरूरत है. अगर माता-पिता बच्चे के अच्छे दोस्त बन जाएंगे न तो बच्चे कभी भी अपने माता-पिता से कोई भी बातें नहीं छुपाएंगे. ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता जितना हो सके बच्चे के बारे में जाने उनके कितने दोस्त हैं वह क्या पढ़ाई कर रहे हैं. इसके अलावा बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं ताकि बच्चे आपसे कोई भी बात साझा करने में डरे नहीं बल्कि खुलकर अपनी बात बताएं.

स्कूलों में भी बच्चे नहीं सुरक्षित : बहुत सारे केस ऐसे आते हैं जो स्कूलों में होते हैं. कभी बच्चा अध्यापक से प्रताड़ित होता है तो कभी किसी सीनियर से. हाल ही में केस ऐसा हुआ था कि बच्चे को चोट लगने से बच्चे की मौत हो गई थी यह चोट पुलिस के मुताबिक स्कूल में लगी, लेकिन स्कूल के लोग यह बताने के लिए तैयार नहीं कि दरअसल हुआ क्या. ऐसे में इस समय लड़का हो या लड़की सभी बच्चे किसी न किसी के द्वारा प्रताड़ित हो रहे हैं. माता-पिता को चाहिए कि बच्चे की स्कूल भी जाएं टीचरों से मिलें, उनके दोस्तों से मिलें. बच्चों को भी चाहिए कि वे अपने माता-पिता से अपनी बातें शेयर करें.

यह भी पढ़ें : UP Global Investors Summit 2023 : मेडिकल क्षेत्र में होगा 16 हजार करोड़ रुपये का निवेश, डिप्टी सीएम ने निवेशकों से कही यह बात

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लखनऊ : आमतौर पर ऐसा होता है कि बच्चों के अभिभावक बड़ी जल्दी किसी पर विश्वास कर लेते हैं और कई बार यही रिश्तेदार व विश्वासपात्र व्यक्ति उन्हीं के विश्वास के सहारे उनकी बच्चियों का शोषण करते हैं. लखनऊ चाइल्ड लाइन में कई केस ऐसे आते हैं, जिसमें नाबालिग लड़की अपने ही रिश्तेदारों की शिकार हो जाती है. चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर संगीता शर्मा ने बताया कि लखनऊ से ही एक केस ऐसा सामने आया जिसे सुनकर हमारे होश उड़ गए. उन्होंने बताया कि इस तरह की कई केस चाइल्ड लाइन में आते हैं. वर्ष 2022 में चाइल्ड लाइन में लगभग 1186 केस आए हैं. इसमें बहुत सारे केस नाबालिग लड़कियों के हैं जो किसी रिश्तेदार या जानने पहचानने वाले लोगों से प्रताड़ित हुईं.

संगीता शर्मा ने बताया कि हाल ही में एक केस लखनऊ का सामने आया था. आज के समय में हर कोई बिजनेस के हिसाब से अपना मकान बनाता है कि अपने घर को वह किराए पर उठा देंगे, लेकिन वह किराएदार कैसा होगा. इसके बारे में वह अंदाजा नहीं लगा सकते. 15 वर्ष बच्ची की मां ने किराएदार पर विश्वास किया. नाबालिग बच्ची के पिता इस दुनिया में नहीं हैं. दो बहनें और मां के साथ में घर पर रहती थी. एक किरायेदार उसके घर में रहता था उसने पहले नाबालिग की बड़ी बहन को प्रपोज किया था, लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया. इसके बाद उस किराएदार ने नाबालिग लड़की को अपने जाल में फंसाया. जिस वक्त घर पर मां और बड़ी बेटी न रहती उस समय वह लड़का उसके साथ उसे बहला फुसलाकर जबरदस्ती किया करता था. दो साल से वह घर में किराए पर था. इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब लड़की गर्भवती हो गई. इसके बाद उसकी बहन ने चाइल्ड लाइन में फोन कर हमें जानकारी दी. इस जानकारी के बाद जो भी कानूनी कार्रवाई होती हैं. उसके तहत लड़के के ऊपर कार्रवाई चल रही है. इसके अलावा बच्चे का अबॉर्शन कराया गया. अबॉर्शन में पुलिस आनाकानी कर रही थी, लेकिन जब बच्चे की मां अबॉर्शन के लिए तैयार है तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इसके तहत चाइल्डलाइन ने पूरा सहयोग किया और बच्चे का सफल अबॉर्शन कराया गया. फिलहाल बच्ची इस समय ठीक है.

किसी पर न करें अत्यधिक भरोसा : संगीता शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में किसी के ऊपर भी भरोसा करने लायक नहीं है. इसलिए जब भी आपकी बच्ची घर पर अकेली हो या आप किसी रिश्तेदार के साथ भेज रहे हों तो पहले उस रिश्तेदार के बारे में जांच परख लें. अगर बच्ची उनके साथ जाने में असहज महसूस न करे. तभी कहीं बाहर भेजें या फिर कोशिश करें कि खुद ही बच्चे को कहीं भी लेकर जाना हो लेकर जाएं. चाइल्ड में जितने भी केस नाबालिग बच्चियों के आते हैं ज्यादातर केस में ऐसा ही होता है कि कोई भरोसेमंद व्यक्ति ही इस तरह की हरकत करते हैं. बच्ची को डरा धमका देते हैं और कई केस में उन्हें मेनूप्लेट कर लेते हैं. इस समय किसी के ऊपर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

पेरेंट्स को रहना होगा बच्चों के क्लोज : उन्होंने कहा कि माता-पिता को इस समय बच्चों से दोस्ती करने की जरूरत है. अगर माता-पिता बच्चे के अच्छे दोस्त बन जाएंगे न तो बच्चे कभी भी अपने माता-पिता से कोई भी बातें नहीं छुपाएंगे. ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता जितना हो सके बच्चे के बारे में जाने उनके कितने दोस्त हैं वह क्या पढ़ाई कर रहे हैं. इसके अलावा बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं ताकि बच्चे आपसे कोई भी बात साझा करने में डरे नहीं बल्कि खुलकर अपनी बात बताएं.

स्कूलों में भी बच्चे नहीं सुरक्षित : बहुत सारे केस ऐसे आते हैं जो स्कूलों में होते हैं. कभी बच्चा अध्यापक से प्रताड़ित होता है तो कभी किसी सीनियर से. हाल ही में केस ऐसा हुआ था कि बच्चे को चोट लगने से बच्चे की मौत हो गई थी यह चोट पुलिस के मुताबिक स्कूल में लगी, लेकिन स्कूल के लोग यह बताने के लिए तैयार नहीं कि दरअसल हुआ क्या. ऐसे में इस समय लड़का हो या लड़की सभी बच्चे किसी न किसी के द्वारा प्रताड़ित हो रहे हैं. माता-पिता को चाहिए कि बच्चे की स्कूल भी जाएं टीचरों से मिलें, उनके दोस्तों से मिलें. बच्चों को भी चाहिए कि वे अपने माता-पिता से अपनी बातें शेयर करें.

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