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सीबीआई ने कानपुर के दो उद्योगपतियों के ठिकाने खंगाले, बैंक फ्रॉड में दस्तावेज बरामद

सीबीआई ने गुरुवार को कानपुर के दो उद्योगपतियों के ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने बैंक अधिकारियों की शिकायत पर कानपुर की रोटोमैक कंपनी के विरुद्ध 63.46 करोड़ और फास्ट एंड इन्फ्राट्रक्चर एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी के संचालकों के विरुद्ध 138.39 रोड रुपए की ठगी का मुकदमा दर्ज किया है.

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Published : Mar 26, 2021, 1:57 AM IST

लखनऊ: सीबीआई ने गुरुवार को कानपुर के दो उद्योगपतियों के ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने बैंक अधिकारियों की शिकायत पर कानपुर की रोटोमैक कंपनी के विरुद्ध 63.46 करोड़ और फास्ट एंड इन्फ्राट्रक्चर एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी के संचालकों के विरुद्ध 138.39 रोड रुपए की ठगी का मुकदमा दर्ज किया है.


सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों की शिकायत पर केस दर्ज किया है. यह केस कानपुर स्थित मेसर्स क्राउन अल्बा राइटिंग इंस्ट्रूमेंटस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, बेटे राहुल कोठारी और अन्य लोक सेवकोंं के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज किया गया है.

101 करोड़ रुपये का लिया लोना, 63.4 6 करोड़ हड़प लिए
मेसर्स क्राउन अल्बा राइटिंग इंस्ट्रूमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रोटोमैक ग्रुप का हिस्सा है. आरोप है कि कंपनी संचालकों ने करीब 101 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इनमें से 63.46 करोड़ रुपये हड़प लिए गए. सीबीआई ने केस दर्ज करने के बाद गुरुवार को विक्रम कोठारी के दफ्तर समेत दो ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान टीम ने कई अहम दस्तावेज और बेशकीमती सामान बरामद किया है.
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यह था मामला
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इससे पूर्व रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी और अन्य के विरुद्ध बैंकों के करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल को गिरफ्तार भी किया था. पूर्व में दर्ज मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है. इसके अलावा सीबीआऊ ने इंडियन ओवरसीज बैंक की शिकायत पर फ्रॉस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी, उसके निदेशक उदय जयंत देसाई, सुनील वर्मा, अनूप वाढेरा और अन्य लोक सेवकों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है.

बैंक को कंपनी के खाते घोषित करने पड़े थे एनपीए
इंडियन ओवरसीज बैंक का आरोप है कि कंपनी ने कानपुर के माल रोड स्थित बैंक की मुख्य शाखा में दो हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट के लिए आवेदन किया था. इस पर करीब 860 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट स्वीकृत की गई थी. इसके बाद कंपनी संचालकों ने 138.39 करोड़ रुपये बैंक में जमा नहीं कराए. इस वजह से बैंक को कंपनी के खाते एनपीए घोषित करने पड़े थे. सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने आरोपी कंपनी संचालकों के कानपुर स्थित चार और दिल्ली स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए हैं.

यह भी पढ़ेंः नाबालिग से छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने का आरोपी गिरफ्तार

सीबीआई ने पूरे देश में की बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने 11 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 100 स्थानों पर धोखाधड़ी के केसों में कार्रवाई की हैं. इन मामलों में कुल 3700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। सीबीआई ने अलग-अलग बैंक फ्रॉड के करीब 30 केसों में यह राष्ट्रव्यापी छापेमारी की है. सीबीआई ने ये छापेमारी यूपी के कानपुर, गाजियाबाद, मथुरा और नोएडा समेत दिल्ली, महाराष्ट, कर्नाटक में की है.

बैंकों की विजिलेंस टीम के साथ ज्वॉइंट सर्च किया
सीबीआई की टीम ने एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, ओवरसीज़ बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट, सेंट्रल बैंक सहित करीब 30 बैंकों के विजिलेंस डिपार्टमेंट के साथ मिलकर ज्वॉइंट सर्च किया है. इन बैंकों ने अलग-अलग फर्म्स के फ्रॉड को लेकर शिकायतें की थीं.

इन शहरों में हुई छापेमारी
सीबीआई ने कानपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुरुग्राम, चेन्नई, तिरुवरूर, वेल्लोर, तिरुप्पुर, बैंगलोर, गंटूर, हैदरबाद, बेल्लारी, वडोदरा, कोलकाता, पश्चिम गोदावरी, सूरत, मुंबई में कार्रवाई की है. इसके साथ ही भोपाल, निमाड़ी, तिरुपति विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर और श्रीगंगानगर में भी सीबीआई ने कार्रवाई की है.

लखनऊ: सीबीआई ने गुरुवार को कानपुर के दो उद्योगपतियों के ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने बैंक अधिकारियों की शिकायत पर कानपुर की रोटोमैक कंपनी के विरुद्ध 63.46 करोड़ और फास्ट एंड इन्फ्राट्रक्चर एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी के संचालकों के विरुद्ध 138.39 रोड रुपए की ठगी का मुकदमा दर्ज किया है.


सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों की शिकायत पर केस दर्ज किया है. यह केस कानपुर स्थित मेसर्स क्राउन अल्बा राइटिंग इंस्ट्रूमेंटस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, बेटे राहुल कोठारी और अन्य लोक सेवकोंं के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज किया गया है.

101 करोड़ रुपये का लिया लोना, 63.4 6 करोड़ हड़प लिए
मेसर्स क्राउन अल्बा राइटिंग इंस्ट्रूमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रोटोमैक ग्रुप का हिस्सा है. आरोप है कि कंपनी संचालकों ने करीब 101 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इनमें से 63.46 करोड़ रुपये हड़प लिए गए. सीबीआई ने केस दर्ज करने के बाद गुरुवार को विक्रम कोठारी के दफ्तर समेत दो ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान टीम ने कई अहम दस्तावेज और बेशकीमती सामान बरामद किया है.
यह भी पढ़ेंः पुलिस के हत्थे चढ़ा कुख्यात अपराधी अकील अंसारी का गुर्गा


यह था मामला
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इससे पूर्व रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी और अन्य के विरुद्ध बैंकों के करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल को गिरफ्तार भी किया था. पूर्व में दर्ज मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है. इसके अलावा सीबीआऊ ने इंडियन ओवरसीज बैंक की शिकायत पर फ्रॉस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी, उसके निदेशक उदय जयंत देसाई, सुनील वर्मा, अनूप वाढेरा और अन्य लोक सेवकों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है.

बैंक को कंपनी के खाते घोषित करने पड़े थे एनपीए
इंडियन ओवरसीज बैंक का आरोप है कि कंपनी ने कानपुर के माल रोड स्थित बैंक की मुख्य शाखा में दो हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट के लिए आवेदन किया था. इस पर करीब 860 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट स्वीकृत की गई थी. इसके बाद कंपनी संचालकों ने 138.39 करोड़ रुपये बैंक में जमा नहीं कराए. इस वजह से बैंक को कंपनी के खाते एनपीए घोषित करने पड़े थे. सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने आरोपी कंपनी संचालकों के कानपुर स्थित चार और दिल्ली स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए हैं.

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सीबीआई ने पूरे देश में की बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने 11 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 100 स्थानों पर धोखाधड़ी के केसों में कार्रवाई की हैं. इन मामलों में कुल 3700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। सीबीआई ने अलग-अलग बैंक फ्रॉड के करीब 30 केसों में यह राष्ट्रव्यापी छापेमारी की है. सीबीआई ने ये छापेमारी यूपी के कानपुर, गाजियाबाद, मथुरा और नोएडा समेत दिल्ली, महाराष्ट, कर्नाटक में की है.

बैंकों की विजिलेंस टीम के साथ ज्वॉइंट सर्च किया
सीबीआई की टीम ने एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, ओवरसीज़ बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट, सेंट्रल बैंक सहित करीब 30 बैंकों के विजिलेंस डिपार्टमेंट के साथ मिलकर ज्वॉइंट सर्च किया है. इन बैंकों ने अलग-अलग फर्म्स के फ्रॉड को लेकर शिकायतें की थीं.

इन शहरों में हुई छापेमारी
सीबीआई ने कानपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुरुग्राम, चेन्नई, तिरुवरूर, वेल्लोर, तिरुप्पुर, बैंगलोर, गंटूर, हैदरबाद, बेल्लारी, वडोदरा, कोलकाता, पश्चिम गोदावरी, सूरत, मुंबई में कार्रवाई की है. इसके साथ ही भोपाल, निमाड़ी, तिरुपति विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर और श्रीगंगानगर में भी सीबीआई ने कार्रवाई की है.

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