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Uttar Pradesh Transport Department: 1 अप्रैल से बदल जाएंगे कार बाजार के नियम, परिवहन मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन

उत्तर प्रदेश में सेकेंडहैंड कारों की खरीद-बिक्री के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को गाइडलाइन भेजी है. इस नियम के तहत एक अप्रैल से कार बाजार संचालकों के लिए यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी.

कार बाजारों को लेकर परिवहन मंत्रालय की नई गाइडलाइन
कार बाजारों को लेकर परिवहन मंत्रालय की नई गाइडलाइन
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Published : Jan 28, 2023, 6:15 PM IST

कार बाजारों को लेकर परिवहन मंत्रालय की नई गाइडलाइन

लखनऊः आगामी एक अप्रैल से कार बाजारों के लिए नियम बदल जाएंगे. अब नए शोरूम डीलरों की तरह ही कार बाजार संचालकों को भी परिवहन विभाग से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. इससे कार बाजार संचालकों की मनमानी नहीं चल पाएगी. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को गाइडलाइन भेजी है. इसमें कई धांधलियों की शिकायतें भी सालों से आती रही हैं. जिसपर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ये गाइडलाइनजारी किया है.



एक अप्रैल से लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी कार बाजार परिवहन विभाग के नियंत्रण में आ जाएंगे. अभी तक कार बाजार संचालक पुराने वाहनों की खरीद कर उन्हें बेचते हैं. परिवहन विभाग का रोल सिर्फ इतना होता है कि वाहन ट्रांसफर के समय गाड़ी बेचने वाले और खरीदने वाले को लेकर कार बाजार संचालक आरटीओ में रजिस्ट्रेशन करा देते हैं. जिसके बाद कार बाजार संचालक दोनों ही पार्टियों से कमीशन लेते हैं. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो कार संचालकों की चांदी हो गई. उन्होंने वाहनों की खरीद और बिक्री में अच्छा व्यवसाय किया. कार संचालकों को परिवहन विभाग के नियंत्रण में लाया जा रहा है. इन सभी को विभाग की तरफ से वाहनों की खरीद और बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. इसके लिए उन्हें फीस भी चुकानी होगी. हालांकि अभी फीस कितनी होगी इसके बारे में अधिकारी कुछ नहीं बताए हैं. इस व्यवस्था से परिवहन विभाग को फायदा होगा. साथ ही संचालक मनमानी नहीं कर पाएंगे. वाहन खरीदार और बिक्री करने वाले भी ठगी का भी शिकार होने से बच जाएंगे.


वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि कार बाजार संचालकों को प्राधिकार पत्र जारी किया जाएगा. नए शोरूम डीलर की तरह ही पुराने वाहनों को बेचने पर एक आईडी विभाग की तरफ से उन्हें जारी की जाएगी. जिसके बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कार बाजार संचालक डिजिटल तरीके से पूरी करेंगे.

लखनऊ के प्रमुख कार बाजार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगभग 300 कार बाजार की दुकानें हैं. वहीं, प्रदेश भर में कार बाजारों की संख्या हजारों में है. लखनऊ में यश कार बाजार, लखनऊ कार बाजार, विमल कार बाजार, सागर कार बाजार, गोमती कार बाजार, प्रीमियर कार बाजार प्रमुख रूप से सक्रिय हैं. इसी तरह ट्रू वैल्यू , साईं कार बाजार, सुपर कार बाजार, सेल यूज्ड कार बाजार और 24 कार बाजार भी मुख्य तरीके से कारों की खरीद बिक्री करते हैं.


लखनऊ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि एक अप्रैल से कार बाजार संचालकों के लिए यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से इससे संबंधित दिशा-निर्देश विभाग को प्राप्त हो गए हैं. कार बाजार संचालकों को परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना होगा. प्राधिकार पत्र लेने के बाद ही वे व्यापार कर सकेंगे. अनाधिकृत तरीके से कार बाजार चलाने वालों पर विभाग कार्रवाई करेगा.

यह भी पढ़ें- Amethi में प्रवीण तोगड़िया बोले, हिंदू नहीं जागे तो राम मंदिर के साथ हिंदुओं के लिए खतरा बन जाएंगी जिहादी शक्तियां

कार बाजारों को लेकर परिवहन मंत्रालय की नई गाइडलाइन

लखनऊः आगामी एक अप्रैल से कार बाजारों के लिए नियम बदल जाएंगे. अब नए शोरूम डीलरों की तरह ही कार बाजार संचालकों को भी परिवहन विभाग से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. इससे कार बाजार संचालकों की मनमानी नहीं चल पाएगी. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को गाइडलाइन भेजी है. इसमें कई धांधलियों की शिकायतें भी सालों से आती रही हैं. जिसपर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ये गाइडलाइनजारी किया है.



एक अप्रैल से लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी कार बाजार परिवहन विभाग के नियंत्रण में आ जाएंगे. अभी तक कार बाजार संचालक पुराने वाहनों की खरीद कर उन्हें बेचते हैं. परिवहन विभाग का रोल सिर्फ इतना होता है कि वाहन ट्रांसफर के समय गाड़ी बेचने वाले और खरीदने वाले को लेकर कार बाजार संचालक आरटीओ में रजिस्ट्रेशन करा देते हैं. जिसके बाद कार बाजार संचालक दोनों ही पार्टियों से कमीशन लेते हैं. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो कार संचालकों की चांदी हो गई. उन्होंने वाहनों की खरीद और बिक्री में अच्छा व्यवसाय किया. कार संचालकों को परिवहन विभाग के नियंत्रण में लाया जा रहा है. इन सभी को विभाग की तरफ से वाहनों की खरीद और बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. इसके लिए उन्हें फीस भी चुकानी होगी. हालांकि अभी फीस कितनी होगी इसके बारे में अधिकारी कुछ नहीं बताए हैं. इस व्यवस्था से परिवहन विभाग को फायदा होगा. साथ ही संचालक मनमानी नहीं कर पाएंगे. वाहन खरीदार और बिक्री करने वाले भी ठगी का भी शिकार होने से बच जाएंगे.


वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि कार बाजार संचालकों को प्राधिकार पत्र जारी किया जाएगा. नए शोरूम डीलर की तरह ही पुराने वाहनों को बेचने पर एक आईडी विभाग की तरफ से उन्हें जारी की जाएगी. जिसके बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कार बाजार संचालक डिजिटल तरीके से पूरी करेंगे.

लखनऊ के प्रमुख कार बाजार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगभग 300 कार बाजार की दुकानें हैं. वहीं, प्रदेश भर में कार बाजारों की संख्या हजारों में है. लखनऊ में यश कार बाजार, लखनऊ कार बाजार, विमल कार बाजार, सागर कार बाजार, गोमती कार बाजार, प्रीमियर कार बाजार प्रमुख रूप से सक्रिय हैं. इसी तरह ट्रू वैल्यू , साईं कार बाजार, सुपर कार बाजार, सेल यूज्ड कार बाजार और 24 कार बाजार भी मुख्य तरीके से कारों की खरीद बिक्री करते हैं.


लखनऊ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि एक अप्रैल से कार बाजार संचालकों के लिए यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से इससे संबंधित दिशा-निर्देश विभाग को प्राप्त हो गए हैं. कार बाजार संचालकों को परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना होगा. प्राधिकार पत्र लेने के बाद ही वे व्यापार कर सकेंगे. अनाधिकृत तरीके से कार बाजार चलाने वालों पर विभाग कार्रवाई करेगा.

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