लखनऊ : बीते मंगलवार 6:45 बजे अलाया अपार्टमेंट गिरकर ढेर हो गया. इस मलबे में मेरे सपनों का घरौंदा भी बिखर गया. डेढ़ साल पहले मेरी शादी हुई थी. इस अपार्टमेंट में एक फ्लैट में हम रेंट पर रहते थे और दूसरे फ्लैट में मेरे सास-ससुर और जेठ जेठानी रहते थे. जिस फ्लैट में मैं अपने पति के साथ रेंट पर रहती थी उस फ्लैट का रिनोवेशन चल रहा था. इंटीरियर डिजाइन करवा रहे थे. दरअसल उस फ्लैट को हम लोग खरीद रहे थे और शुक्रवार को फ्लैट की रजिस्ट्री होनी थी. मंगलवार को ही फ्लैट की पूरी फिनिशिंग हुई थी. साम 5:45 बजे पेंटर, काॅरपेंटर पूरी फिनिशिंग करके निकले थे, उसी समय पर मैंने पूरे घर की तस्वीरें खींची और परिजनों को व्हाट्सएप किया.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आफरीन फातिमा ने कहा कि मम्मी पापा को तो सदमा लग गया है. मम्मी बार-बार बोल रही हैं कि अपने घर चलो. वह यह मानने को तैयार ही नहीं है कि अब वह घर नहीं रहा. इतने बड़े हादसे से हम लोग निकल कर आए हैं. पूरा परिवार हमारा इसी अपार्टमेंट में था. मेरे शौहर बाहर थे, बाकी सभी लोग घर में थे. घर के सभी सदस्य जख्मी हैं. अभी तक शासन प्रशासन से कोई भी यह पूछने नहीं आया कि यहां से डिस्चार्ज होकर हम कहां जाएंगे. एक ही अपार्टमेंट में हमारा दो फ्लैट थे, बाकी शहर में हमारा कहीं भी रहने की जगह नहीं है. आफरीन ने बताया कि अस्पताल से जितने लोग डिस्चार्ज होकर जा रहे हैं, हर कोई अपने सगे संबंधी के घर जा रहे हैं तो कोई होटल का सहारा ले रहा है.
52-52 लाख के थे दोनों फ्लैट : आफरीन ने बताया कि 52 लाख का एक फ्लैट था फिर उसके बाद जब मेरी शादी हुई तो एक फ्लैट रेंट पर लिया गया. मौजूदा समय में उसी फ्लैट का रिनोवेशन चल रहा था. हमने वह फ्लैट खरीद लिया था और इसी सप्ताह के आज ही के दिन उसकी रजिस्ट्री होनी थी. 52-52 लाख का दो फ्लैट था. आफरीन यह कहते हुए भावुक हो गई कि जिस घर का हम इतनी खुशी के साथ रिनोवेशन रहे थे. वह फ्लैट अब नहीं रहा, बहुत दुख हो रहा है. आंखों के सामने पूरा मेरा घर टूट कर बिखर गया, कुछ नहीं बचा. पापा ने पूरी जमा पूंजी इस फ्लैट को खरीदने में लगाया एक करोड़ से अधिक रुपये के फ्लैट थे. आफरीन ने बताया कि अस्पताल से अभी अलाया अपार्टमेंट जा रहे हैं, ताकि हमारी कुछ सामान हमें मिल जाए. ज्वेलरी और कैश घर पर थे अभी वहां पर मलबा हटाया जा रहा है. हमारा सामान कुछ मिल जाता है तो बहुत सही रहेगा. अभी तो अस्पताल से डिस्चार्ज होकर हम अपनी अम्मी के घर जाएंगे. फिर उसके बाद देखेंगे कि कहां जाएं.
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