लखनऊ : महाराष्ट्र कॉमन एडमिशन टेस्ट (MHCET) लाॅ के नतीजों में राजधानी के वेदांत उपाध्याय ने देश में दसवां स्थान प्राप्त किया है. वेदांत को एशिया के सबसे पुराने लॉ कॉलेजों में शामिल मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला पाने का अवसर मिलेगा. यह वही कॉलेज है जहां से राम जेठमलानी जैसे जाने-माने कानूनविद पढ़कर निकले हैं. पूरे देश में राजधानी का मान बढ़ाने वाले वेदांत उपाध्याय के साथ ईटीवी भारत में शनिवार को खास बातचीत की. इस दौरान वेदांत ने अपनी सफलता के मंत्र साझा किए.
वेदांत लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में रहते हैं. यहां के द मिलेनियम स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. पिता अवणेंद्रा कुमार उपाध्याय गृह मंत्रालय में कार्यरत हैं. उनकी मां उर्मिला उपाध्याय लखनऊ के एसकेडी अकैडमी में इकोनॉमिक्स की टीचर हैं. वेदांत बताते हैं कि उन्होंने 8वीं के बाद ही कानून के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया था. दसवीं में 97% अंक मिले थे. उस दौरान सभी ने कहा कि साइंस लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी चाहिए या मेडिकल की तैयारी करनी चाहिए. वेदांत कहते हैं, मैंने तो पहले से ही तय कर रखा था कि कानून के क्षेत्र में ही कैरियर बनाना है. मम्मी-पापा ने भी मेरे इस फैसले का स्वागत किया.
MHCET परीक्षा में वेदांत को मिला देश में दसवां स्थान वेदांत बताते हैं कि उन्होंने 11वीं में ह्यूमैनिटीज के विषय लेकर विधि के क्षेत्र में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी. इस दौरान सुबह 5 बजे से दिनचर्या शुरू होती. रात 7:30 बजे तक पढ़ाई करने के बाद 8 बजे स्कूल के लिए निकलते. 2:30 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद कोचिंग के लिए भागते. रात 8 बजे तक वापस घर पहुंचने के बाद 1 घंटा सोना और फिर 9:30 से सेल्फ स्टडी शुरू करना. यह पढ़ाई रात करीब 1 से 1:30 बजे तक चलती. वेदांत बताते हैं कि इससे पहले वह क्लैट में भी शामिल हो चुके थे, लेकिन अच्छी रैंक न मिलने के कारण उन्होंने दोबारा तैयारी करने का फैसला किया. नाकामी को कभी भी अपनी तैयारी पर हावी नहीं होने दिया. उसी का नतीजा है कि आज देश ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे पुराने लॉ कॉलेज में दाखिला पाने का मौका मिला. वेदांत बताते हैं कि उन्होंने 11वीं के दौरान विषय चुनने में काफी सावधानी बरती. लक्ष्य निर्धारित था. ऐसे में उन विषयों को चुनाव जिन से सवाल लॉ ऐडमिशन टेस्ट में पूछे जाते हैं इसलिए तैयारी का दबाव कम हो गया. परीक्षा से कुछ समय पहले 12वीं की पढ़ाई करते और बाकी समय लाॅ एडमिशन टेस्ट की तैयारी पर फोकस रहता था. वह सलाह देते हैं कि इस क्षेत्र में तैयारी के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन, जरूरी है कि हम अपना संयम और धैर्य बनाए रखें.
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