लखनऊ: गोण्डा नगर क्षेत्र में आसाराम बापू आश्रम (Asaram Bapu Ashram in Gonda) के बाहर कार के भीतर बैग में पैक नाबालिग लड़की का शव मिलने के मामले में विवेचना को सीबीआई को सौंपने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) विचार करेगी. न्यायालय ने मामले में सीबीआई को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है, साथ ही याचिका की एक प्रति भी सीबीआई के अधिवक्ता को देने को कहा है. इसके साथ ही न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव, गृह से भी दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने यह आदेश मृतक लड़की की मां की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि घटना के कई महीने बीत गए लेकिन पुलिस की जांच अभी किसी भी निर्णायक दिशा में नहीं बढ़ सकी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि उसकी लड़की को भगा कर ले जाया गया था, एफआईआर में अभियुक्तों के नाम भी लिखाए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, न्यायालय के आदेश पर रिकॉर्ड के साथ तलब हुए मामले के विवेचक ने पीठ को बताया कि लड़की की हत्या का कोई साक्ष्य नहीं है. हालांकि उसने इस बात से इंकार नहीं किया कि लड़की का शव बहुत ही संदेहास्पद परिस्थितियों में मिला था.
विवेचनाधिकारी ने यह भी दावा किया कि लड़की के गुमाशुदगी की कोई सूचना थाने को नहीं प्राप्त हुई थी. वहीं, याची की ओर से कहा गया कि गुमशदगी की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई थी लेकिन वह हाथ पर हाथ धरे बैठे रही. यह भी दलील दी गई कि जिस इंस्पेक्टर पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप याची द्वारा लगाया गया, उसको मामले की विवेचना भी सौंप दी गई. न्यायालय ने कहा कि विवेचनाधिकारी का दावा है कि लड़की की हत्या का कोई सुराग नहीं है, जबकि शव के संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने का तथ्य भी सामने है. ऐसे में इस मामले के अनोखे तथ्यों को देखते हुए, इस मामले की विवेचना सीबीआई को सौंपने पर विचार किया जाएगा.
एसपी की बिगड़ी तबीयतः सुनवाई के दौरान न्यायालय के आदेश के अनुपालन में एसपी गोण्डा आकाश तोमर भी हाजिर रहे. याची के अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्रा के अनुसार जब न्यायालय उनसे मामले के विभिन्न बिंदुओं पर जवाब तलब कर रही थी, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई रोक दी.
इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी को दी जमानत