लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान याचियों द्वारा बैंक का फर्जी पत्र दाखिल करने पर सख्त रुख अपनाया है. न्यायालय ने याचियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने व कोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश पुलिस महानिदेशक को दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह (Justice Dinesh Kumar Singh) की एकल पीठ ने सुरेश कुमार तंवर व बलबीर सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. मामले में याचियों के विरुद्ध खनन पट्टे को लेकर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है. याचियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की शिकायतकर्ता को 35 लाख रुपये देने की बात कही थी.
इसके पूर्व उन्हें हाईकोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में एक लाख रुपये जमा करने थे. याचियों ने न तो वादिनी के पक्ष में 35 लाख रुपये का ड्राफ्ट बनवाया और न ही मध्यस्थता केंद्र में पैसे जमा किए. बल्कि याचियों की ओर से आईसीआईसीआई बैंक का एक पत्र पेश किया गया. जिसमें याचियों के खाते सीज होने की बात कही गई थी.
न्यायालय को प्रथम दृष्टया उक्त पत्र फर्जी लगा. तब न्यायालय ने आईसीआईसीआई बैंक से पत्र के बावत स्पष्टीकरण मांगा. इस पर बैंक की ओर से उक्त पत्र के फर्जी होने की बात काही गई. न्यायालय ने याचियों के इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए. याचियों के विरुद्ध अवमानना प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, व दोनों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी किया है.
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