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सांडी पक्षी विहार की बदहाली पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान- डीएफओ को रिपोर्ट के साथ किया तलब

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Published : Mar 8, 2022, 9:46 PM IST

सांडी पक्षी विहार की बदहाली पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान. न्यायालय ने पर्यटन विभाग से भी पूछा है कि क्या इस वेट लैंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोई योजना है. मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.

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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हरदोई के सांडी पक्षी विहार की बदहाली को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए हरदोई के जिला वन अधिकारी को झील और पक्षी विहार के वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट के साथ तलब किया है. इसके साथ ही न्यायालय ने पर्यटन विभाग से भी पूछा है कि क्या इस वेट लैंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोई योजना है. मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.

इसे भी पढ़ेंः 4 व्यक्तियों के हत्या के मामले में HC का निर्णय, फांसी के सजा को उम्रकैद में बदला

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति मो. फैज आलम खान की खंडपीठ ने इनर व्हील क्लब की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका सांडी पक्षी विहार में स्थित झील, पक्षियों के बॉयो डाइवर्सिटी और वाइल्ड लाइफ के प्रति लापरवाही को लेकर दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि वहां 3.084 वर्ग किलोमीटर की एक झील है, जिसमें काफी मात्रा में पानी है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण न सिर्फ झील की बल्कि पक्षी विहार की भी स्थिति खराब हो रही है.

न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका के साथ दाखिल किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि राज्य सरकार झील और पक्षी विहार के लिए काफी बड़ी धनराशि की संस्तुति कर रखी है, लेकिन उनकी हालत संतोषजनक नहीं है. न्यायालय ने कहा कि यह स्थिति तब है जबकि सरकार ने वहां के विलुप्तप्राय जीवों के संरक्षण के लिए दस वर्षीय प्रोजेक्ट भी बनाया था.

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लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हरदोई के सांडी पक्षी विहार की बदहाली को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए हरदोई के जिला वन अधिकारी को झील और पक्षी विहार के वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट के साथ तलब किया है. इसके साथ ही न्यायालय ने पर्यटन विभाग से भी पूछा है कि क्या इस वेट लैंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोई योजना है. मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.

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यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति मो. फैज आलम खान की खंडपीठ ने इनर व्हील क्लब की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका सांडी पक्षी विहार में स्थित झील, पक्षियों के बॉयो डाइवर्सिटी और वाइल्ड लाइफ के प्रति लापरवाही को लेकर दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि वहां 3.084 वर्ग किलोमीटर की एक झील है, जिसमें काफी मात्रा में पानी है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण न सिर्फ झील की बल्कि पक्षी विहार की भी स्थिति खराब हो रही है.

न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका के साथ दाखिल किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि राज्य सरकार झील और पक्षी विहार के लिए काफी बड़ी धनराशि की संस्तुति कर रखी है, लेकिन उनकी हालत संतोषजनक नहीं है. न्यायालय ने कहा कि यह स्थिति तब है जबकि सरकार ने वहां के विलुप्तप्राय जीवों के संरक्षण के लिए दस वर्षीय प्रोजेक्ट भी बनाया था.

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