लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीतापुर जनपद में जिला प्रशासन द्वारा ट्रैक्टर मालिक किसानों से व्यक्तिगत बंधपत्र व दो-दो जमानतें मांगने के मामले में सुनवाई की. सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने जिलाधिकारी, सीतापुर और उनके मातहत उप-जिलाधिकारियों को भविष्य में ऐसे आदेश पारित करते समय सचेत रहने और सावधानी बरतने की नसीहत दी है. वहीं न्यायालय ने राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता के इस कथन पर कि ट्रैक्टर किसानों को जारी नोटिस के तहत शुरू की गई प्रक्रिया को अब समाप्त कर दिया गया है, मामले को निस्तारित कर दिया.
याचिका में ट्रैक्टर किसानों को नोटिस जारी किये जाने को दी गई थी चुनौती
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने अरुन्धति धुरू की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया. बता दें कि याचिका में सीतापुर जनपद के ट्रैक्टर मालिक किसान को नोटिस जारी किये जाने को चुनौती दी गई थी. याची का कहना था कि नोटिस के जरिये ट्रैक्टर मालिक किसानों से बड़ी धनराशि के व्यक्तिगत बंधपत्र और जमानतें मांगना मनमानापूर्ण है. याचिका में ऐसे किसानों को घर से न निकलने देने की बात भी कही गई थी.
जिलाधिकारी को दी नसीहत
राज्य सरकार की ओर से याचिका पर जवाब देते हुए कहा गया कि कुल 162 लोगों को सीआरपीसी की धारा 111 के तहत नोटिस जारी की गई थी. हालांकि अब इस प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है. इस पर न्यायालय ने सीतापुर के जिलाधिकारी और उप-जिलाधिकारियों को नसीहत दी कि भविष्य में ऐसे आदेश पारित करते समय वे सावधानी बरतें, साथ ही आदेश मनमानीपूर्ण नहीं होना चाहिए.