लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केजीएमयू के कुलपति रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर बिपिन पुरी से कहा कि क्यों ने आपके खिलाफ कोर्ट की जानबूझकर अवमानना करने के लिए कार्रवाई शुरू की जाए. कोर्ट ने उनके खिलाफ और एक अन्य को अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.
ये आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी की एकल पीठ ने आनंद कुमार मिश्रा की अवमानना याचिका पर पारित किया. याची केजीएमयू का कर्मचारी है. याची का कहना था कि उसके वरिष्ठता का विवाद एक सहकर्मी से चल रहा था. हालांकि बाद में याची के पक्ष में फैसला लिया गया. वरिष्ठता और उपयुक्तता के लिहाज से याची को प्रधान सहायक के पद पर प्रोन्नत किया गया. हालांकि बाद में सहकर्मी की ही एक शिकायत पर राज्य सरकार ने संज्ञात लेते हुए 2 जून 2020 के निर्देश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिस पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 6 जुलाई 2020 को अंतरिम आदेश पारित करते हुए विभागीय कार्रवाई के अंतिम निर्णय पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी. ये रोक आगे की सुनवाईयों में भी जारी रही.
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इसके बावजूद इसके कुलपति ने 19 जून 2021 को याची के खिलाफ कार्रवाई कर दी. न्यायालय ने इसे अदालत के आदेश की अवमानना मानते हुए कुलपति और एक अन्य को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.