लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सचिन कुमार सिंह को राहत देने से इंकार करते हुए, उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में सचिन कुमार सिंह ने अपने खिलाफ कुलाधिपति (राज्यपाल) द्वारा पारित निलम्बन व जांच के आदेश को चुनौती दी थी.
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने सचिन कुमार सिंह की याचिका पर पारित किया. याची की ओर से दलील दी गई थी कि रजिस्ट्रार के पद पर उनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है, लिहाजा उसे निलंबित करने व जांच कराने का अधिकार राज्य सरकार को है न कि कुलाधिपति को. याचिका का कुलाधिपति व विश्वविद्यालय के अधिवक्ताओं ने विरोध किया. याची के अधिवक्ता के अनुसार, न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत पारित अपने आदेश में कहा कि रजिस्ट्रार ऑफिस से याची को हटाए जाने को लेकर कुलाधिपति निलंबन व जांच के आदेश दे सकता है. न्यायालय ने याची के खिलाफ जांच को भी तीन माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
उल्लेखनीय है सचिन कुमार सिंह के खिलाफ 22 दिसम्बर 2022 को पूर्व परीक्षा नियंत्रक अनुराग त्रिपाठी ने वित्तीय अनियमितता समेत कई मामलों में जांच कराने की मांग कुलाधिपति से की थी. इसके पश्चात 12 जनवरी 2023 को प्रोफेसर विनीत कंसल ने भी इस प्रकार की शिकायतें राजभवन भेजी थीं. इस मामले में राजभवन द्वारा एक जांच कमेटी का गठन करते हुए, 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया था. उक्त जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया सचिन कुमार सिंह को दोषी पाया था, जिसके बाद 25 मार्च को कुलाधिपति ने आदेश जारी करते हुए, उन्हें कुलसचिव के पद से निलंबित कर दिया. निलंबन आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट से भी फिलहाल सचिन कुमार सिंह को कोई राहत नहीं मिली है.
यह भी पढ़ें : रायबरेली में ब्लाइंड मर्डर का खुलासा, दोस्त ने ही की थी युवक की हत्या