लखनऊः नए कृषि कानून आने के बाद मंडियों की आय तेजी से घटी है. उच्चतम न्यायालय द्वारा कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने के बाद भी राज्य सरकार अनिर्णय की स्थिति में है. ऐसे में मंडियों के बाहर होने वाले कारोबार में अब विकास सेस व मंडी शुल्क की वसूली बंद है. जिसका सीधा असर किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं पर पड़ रहा है. राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार वर्मा के अनुसार मंडी परिषद को हर रोज लगभग 5 करोड़ का घाटा हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मंडी परिषद के निदेशक के अलावा मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है.
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नए सिरे से होगी सुविधाओं और कार्यों की समीक्षा
राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह कहते हैं कि मंडी परिषद की आय घटना तय है. अब हम कानून की पूरी स्थिति सामने आने के बाद दी जाने वाली सुविधाओं और कार्यों की समीक्षा करेंगे. अभी तक मंडी परिषद किसानों को अपनी उपज मंडी तक लाने के लिए गांव गांव में सड़क का निर्माण कराता रहा है. यह कार्य बंद तो नहीं होंगे लेकिन सुविधाएं और कार्यों पर आय के अनुरूप समीक्षा करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.