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13 जनवरी को मनाई जाएगी लोहड़ी, पंजाबियों में उत्साह

लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी को मनाया जाएगा. इसे लेकर पंजाबी लोगों में बड़ा उत्साह है. लोहड़ी पंजाबियों का विशेष त्योहार है, जिसे वे धूमधाम से मनाते हैं.

lohri in lucknow
13 जनवरी को मनाई जाएगी लोहड़ी.
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Published : Jan 12, 2021, 2:39 AM IST

लखनऊ : लोहड़ी 13 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी. गुरुद्वारों में इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं. सिक्ख परिवारों में लोहड़ी को लेकर बड़ा उत्साह है.

lohri in lucknow
फाइल फोटो.
पंजाबी परिवारों में खुशी से मनाते हैं लोहड़ी
सिक्ख, पंजाबी परिवारों का यह पर्व खूब हंसी-खुशी के वातावरण में मनाया जाता है. लोग आग जलाकर उसके चारों ओर नाच-गाकर इस त्योहार को मनाते हैं. मूंगफली, रेवड़ियां, गजक, गुड़ की पट्टी और इसी तरह की दूसरी चींजे खाते हैं. जिस घर में नई बहू आती है या बच्चा पैदा हुआ होता है, उस घर में लोहड़ी की खुशी देखते ही बनती है.


गुरुद्वारों में मनाई जाएगी लोहड़ी
नाका हिन्डोला स्थित श्रीगुरुसिंह सभा गुरुद्वारा में 13 जनवरी को लोहड़ी के त्योहार का विशेष आयोजन किया जाएगा. गुरुद्वारा के मीडिया मैनेजर जसबीर सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा में रात्रि 8.30 बजे से समूह संगत के बीच पर्व मनाया जाएगा. समूह संगत में तिल के लड्डू, मूंगफली, गुड़ एवं मक्के के दाने का प्रसाद वितरित किया जाएगा. उधर ऐतिहासिक गुरुद्वारा, यहियागंज में भी लोहड़ी मनाई जाएगी. इसके अलावा सदर, आलमबाग सहित अन्य गुरुद्वारों में भी लोहड़ी मनाई जाएगी.

lohri in lucknow
फाइल फोटो.
लोहड़ी मनाने का कारण
लोहड़ी मनाने के पीछे एक ऐतिहासिक कथा हैं, जिसे दुल्ला भट्टी के नाम से जाना जाता हैं. यह कथा अकबर के शासनकाल की हैं. उन दिनों दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था. इसे पंजाब का नायक कहा जाता था. उन दिनों संदलबार नामक एक जगह थी, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा हैं. वहां लड़कियों की बाजारी होती थी. तब दुल्ला भट्टी ने इसका विरोध किया और लड़कियों को सम्मानपूर्वक इस दुष्कर्म से बचाया और उनकी शादी करवाकर उन्हें सम्मानित जीवन दिया. इस विजय के दिन को लोहड़ी के गीतों में गाया जाता हैं और दुल्ला भट्टी को याद किया जाता हैं. इन्ही पौराणिक एवम ऐतिहासिक कारणों के चलते पंजाब प्रान्त में लोहड़ी का उत्सव उल्लास के साथ मनाया जाता है.


नाच-गाकर मनाते हैं लोहड़ी
मनमोहन सिंह हैप्पी बताते हैं कि लोहड़ी पंजाबियों का विशेष त्योहार है, जिसे वे धूमधाम से मनाते हैं. नाच, गाना और ढोल तो पंजाबियों की शान होते हैं. इसके बिना त्योहार अधूरे हैं.

lohri in lucknow
फाइल फोटो.
बहन-बेटियों का त्योहार है लोहड़ी

उन्होंने बताया कि इस दिन बड़े प्रेम से घर से विदा हुई बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है. इस दिन नव विवाहित जोड़े को भी पहली लोहड़ी की बधाई दी जाती हैं और शिशु के जन्म पर भी पहली लोहड़ी के तोहफे दिए जाते हैं.

लखनऊ : लोहड़ी 13 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी. गुरुद्वारों में इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं. सिक्ख परिवारों में लोहड़ी को लेकर बड़ा उत्साह है.

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फाइल फोटो.
पंजाबी परिवारों में खुशी से मनाते हैं लोहड़ी
सिक्ख, पंजाबी परिवारों का यह पर्व खूब हंसी-खुशी के वातावरण में मनाया जाता है. लोग आग जलाकर उसके चारों ओर नाच-गाकर इस त्योहार को मनाते हैं. मूंगफली, रेवड़ियां, गजक, गुड़ की पट्टी और इसी तरह की दूसरी चींजे खाते हैं. जिस घर में नई बहू आती है या बच्चा पैदा हुआ होता है, उस घर में लोहड़ी की खुशी देखते ही बनती है.


गुरुद्वारों में मनाई जाएगी लोहड़ी
नाका हिन्डोला स्थित श्रीगुरुसिंह सभा गुरुद्वारा में 13 जनवरी को लोहड़ी के त्योहार का विशेष आयोजन किया जाएगा. गुरुद्वारा के मीडिया मैनेजर जसबीर सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा में रात्रि 8.30 बजे से समूह संगत के बीच पर्व मनाया जाएगा. समूह संगत में तिल के लड्डू, मूंगफली, गुड़ एवं मक्के के दाने का प्रसाद वितरित किया जाएगा. उधर ऐतिहासिक गुरुद्वारा, यहियागंज में भी लोहड़ी मनाई जाएगी. इसके अलावा सदर, आलमबाग सहित अन्य गुरुद्वारों में भी लोहड़ी मनाई जाएगी.

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फाइल फोटो.
लोहड़ी मनाने का कारण
लोहड़ी मनाने के पीछे एक ऐतिहासिक कथा हैं, जिसे दुल्ला भट्टी के नाम से जाना जाता हैं. यह कथा अकबर के शासनकाल की हैं. उन दिनों दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था. इसे पंजाब का नायक कहा जाता था. उन दिनों संदलबार नामक एक जगह थी, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा हैं. वहां लड़कियों की बाजारी होती थी. तब दुल्ला भट्टी ने इसका विरोध किया और लड़कियों को सम्मानपूर्वक इस दुष्कर्म से बचाया और उनकी शादी करवाकर उन्हें सम्मानित जीवन दिया. इस विजय के दिन को लोहड़ी के गीतों में गाया जाता हैं और दुल्ला भट्टी को याद किया जाता हैं. इन्ही पौराणिक एवम ऐतिहासिक कारणों के चलते पंजाब प्रान्त में लोहड़ी का उत्सव उल्लास के साथ मनाया जाता है.


नाच-गाकर मनाते हैं लोहड़ी
मनमोहन सिंह हैप्पी बताते हैं कि लोहड़ी पंजाबियों का विशेष त्योहार है, जिसे वे धूमधाम से मनाते हैं. नाच, गाना और ढोल तो पंजाबियों की शान होते हैं. इसके बिना त्योहार अधूरे हैं.

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बहन-बेटियों का त्योहार है लोहड़ी

उन्होंने बताया कि इस दिन बड़े प्रेम से घर से विदा हुई बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है. इस दिन नव विवाहित जोड़े को भी पहली लोहड़ी की बधाई दी जाती हैं और शिशु के जन्म पर भी पहली लोहड़ी के तोहफे दिए जाते हैं.

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