लखनऊ : प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर है. किसी तरह की कोई लापरवाही न हो इसके भी निर्देश दिए गए हैं. बावजूद इसके लोहिया संस्थान में मरीजों को सस्ती दवाएं मिलने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. ज्यादातर काउंटर बंद रहते हैं. समय पर दवा काउंटर भी नहीं खुल रहे हैं. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. शिकायत का डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने संज्ञान लिया है.
लोहिया की ओपीडी में रोजाना तीन हजार से अधिक मरीज आ रहे हैं. करीब 1000 बेड हैं. मरीजों को सस्ती दवा मुहैया कराने के लिए हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के दवा काउंटर खुले हैं. इनमें 30 से 70 फीसदी कम कीमत पर मरीजों को दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं. भर्ती व ओपीडी मरीजों के लिए करीब 10 काउंटर हैं. कई काउंटर बंद हैं. मरीज व उनके तीमारदारों ने काउंटर बंद होने की शिकायत डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से की है.
कार्रवाई के निर्देश : मरीजों की दुश्वारियों का संज्ञान डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लिया. ट्विटर पर काउंटर बंद होने की जानकारी साझा की. साथ ही निदेशक से मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि "कई काउंटर बंद हैं. इससे मरीजों को दवा मिलने में दिक्कत आ रही है."
महंगी दवा खरीदने को मजबूर : काउंटर बंद होने से मरीज महंगी दवा खरीदने को मजबूर हैं. डिप्टी सीएम ने ट्वीटर पर समय पर दवा काउंटर न खुलने का भी जिक्र किया है. इस संबंध में उन्होंने निदेशक से मामले की जांच के लिए कहा है. साथ ही समय पर सभी दवा काउंटर खोले जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि मरीज को सस्ती दवा का लाभ मिल सके. उधर, एचआरएफ के प्रमुख डॉ. एके सिंह ने बताया कि "कर्मचारियों की कमी से दो दवा काउंटर का संचालन नहीं हो पा रहा है. जल्द ही काउंटर का संचालन होगा."