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उत्तर प्रदेश परिवहन बस से शराब की तस्करी, सफर कर रहे 6 गिरफ्तार

बिहार में शराबबंदी कानून लागू (Liquor Ban In Bihar) होने के बावजूद हर दिन शराब की बड़ी खेप बरामद हो रही है. मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग (Muzaffarpur Excise Department) की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश परिवहन की बस से भारी मात्रा में शराब बरामद की है. साथ ही छह को गिरफ्तार किया है. पढ़ें पूरी खबर..

उत्तर प्रदेश परिवहन बस से शराब की तस्करी
उत्तर प्रदेश परिवहन बस से शराब की तस्करी
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Published : Jan 6, 2022, 1:02 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में अब उत्तर प्रदेश परिवहन की बस से शराब की तस्करी (Liquor recovered from UP transport bus in Muzaffarpur) हो रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग की टीम ने कार्रवाई की. टीम ने इम्लीचट्टी बस स्टैंड से शराब और बस को जब्त (Liquor Seized From Imlichatti Bus Stand) किया. साथ ही अंतरराज्जीय तस्कर समेत छह धंधेबाजों को गिरफ्तार किया. इनके पास से सात बैग से 190 लीटर शराब बरामद हुई. जिसमें टेट्रा पैक के अलावा महंगी ब्रांड की शराब की बोतलें भरी हुई थी.

उत्पाद विभाग के दारोगा राजेश कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपियों में उत्तर प्रदेश के राय बरेली का सर्वेश कुमार, प्रदीप शर्मा और सुल्तानपुर का राजेश मिश्रा है. इसके अलावा अन्य तीन आरोपी शहर के सिकन्दपुर कुंडल के सचिन कुमार, मुरली कुमार और मोतीझील हमदर्द गली का रौशन पटेल है. इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश परिवहन की बस को भी जब्त कर लिया गया है. ये बस लखनऊ से खुलकर गोरखपुर-गोपालगंज-पिपराकोठी होते हुए मुजफ्फरपुर तक आती है. इसी से शराब की खेप को तस्करों ने लाया था. जिसे जिले में सप्लाई करने की तैयारी थी.

उत्तर प्रदेश परिवहन बस से शराब की तस्करी.

मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग के दारोगा ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने पर बस स्टैंड में टीम सादे लिबास में तैनात हो गयी थी. इसी दौरान जैसे ही बस पहुंची, टीम ने धावा बोल दिया. जिससे किसी को भागने का मौका नहीं मिला. चारों तरफ से बस को घेर लिया गया. इसके बाद जवान अंदर घुसे और सर्च किया. सीट के नीचे छुपाकर रखे गए शराब से भरे बैग जब्त किए गए. दारोगा ने बताया कि बस में कोई यात्री नहीं था. चालक का पता नहीं लग सका. बस के रजिस्ट्रेशन नंबर से इसका सत्यापन किया जा रहा है. यह सही में सरकारी बस है या इसे खास तौर पर शराब की तस्करी के लिए बनाया गया है.

बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद एक अप्रैल 2016 को बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.

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मुजफ्फरपुर: बिहार में अब उत्तर प्रदेश परिवहन की बस से शराब की तस्करी (Liquor recovered from UP transport bus in Muzaffarpur) हो रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग की टीम ने कार्रवाई की. टीम ने इम्लीचट्टी बस स्टैंड से शराब और बस को जब्त (Liquor Seized From Imlichatti Bus Stand) किया. साथ ही अंतरराज्जीय तस्कर समेत छह धंधेबाजों को गिरफ्तार किया. इनके पास से सात बैग से 190 लीटर शराब बरामद हुई. जिसमें टेट्रा पैक के अलावा महंगी ब्रांड की शराब की बोतलें भरी हुई थी.

उत्पाद विभाग के दारोगा राजेश कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपियों में उत्तर प्रदेश के राय बरेली का सर्वेश कुमार, प्रदीप शर्मा और सुल्तानपुर का राजेश मिश्रा है. इसके अलावा अन्य तीन आरोपी शहर के सिकन्दपुर कुंडल के सचिन कुमार, मुरली कुमार और मोतीझील हमदर्द गली का रौशन पटेल है. इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश परिवहन की बस को भी जब्त कर लिया गया है. ये बस लखनऊ से खुलकर गोरखपुर-गोपालगंज-पिपराकोठी होते हुए मुजफ्फरपुर तक आती है. इसी से शराब की खेप को तस्करों ने लाया था. जिसे जिले में सप्लाई करने की तैयारी थी.

उत्तर प्रदेश परिवहन बस से शराब की तस्करी.

मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग के दारोगा ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने पर बस स्टैंड में टीम सादे लिबास में तैनात हो गयी थी. इसी दौरान जैसे ही बस पहुंची, टीम ने धावा बोल दिया. जिससे किसी को भागने का मौका नहीं मिला. चारों तरफ से बस को घेर लिया गया. इसके बाद जवान अंदर घुसे और सर्च किया. सीट के नीचे छुपाकर रखे गए शराब से भरे बैग जब्त किए गए. दारोगा ने बताया कि बस में कोई यात्री नहीं था. चालक का पता नहीं लग सका. बस के रजिस्ट्रेशन नंबर से इसका सत्यापन किया जा रहा है. यह सही में सरकारी बस है या इसे खास तौर पर शराब की तस्करी के लिए बनाया गया है.

बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद एक अप्रैल 2016 को बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.

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