लखनऊ: मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर बनाया है. यह हेलिकॉप्टर हिमालय से भी ऊपर 6.5 किमी. तक उड़ान भर सकता है. यह हेलिकॉप्टर सामान्य तौर पर 500 किलो का भार उठाकर उड़ सकता है. जब यह हिमालय से ऊपर उड़ान भर रहा होगा, उस समय सिर्फ एक व्यक्ति यानी 75 किलो का ही भार लेकर यह उड़ान भर सकेगा.
जानिए क्या है इसकी खासियत
40 साल पुराने चीता हेलिकॉप्टरों की जगह लेने वाले लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर की खासियत है कि यह आर्मी और नेवी के लिए उपयोग में लाने के उद्देश्य से बनाया गया है. मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसे बनाया है.
इस हेलिकॉप्टर की खासियत यह है कि अग्निशमन, वीआईपी मूवमेंट, एरियल फोटोग्राफी, जियोलॉजिकल सर्वे, लॉ एनफोर्समेंट फॉर पुलिस, इन एयर एंबुलेंस, ऑपरेशन मेडिकल उपकरणों के साथ 1000 किलोग्राम कार्गो तक ले जाने के लिए किया जा सकेगा.
हॉट वेदर टेस्ट के दौरान इसकी एचपी सफल टेस्टिंग 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान पर हो चुकी है. हालांकि यह तापमान बाहर होता है, जबकि हेलीकॉप्टर के अंदर का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इस तापमान में हिमालय से ऊपर विमान को 70 किलो वजन के साथ 20,000 फीट यानी 6 किलोमीटर ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है.
इसकी स्पीड 235 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है. यह हेलीकॉप्टर 3150 किलोग्राम के भार का बनाया गया है. यह सेना के दिन व रात के ऑपरेशन के समय उपयोग में लाया जा सकता है.
हेलिकॉप्टर का डिफेंस एक्सपो में दिखाया गया लाइव डेमो
40 साल पुराने चीता हेलिकॉप्टरों की जगह लेने जा रहे लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर यानी एल यू एच को मिलिट्री सर्टिफिकेट भी मिल चुका है. जानकारी के अनुसार ऐसे 126 हेलिकॉप्टर इंडियन आर्मी के लिए बनाए जाएंगे. हवाई सेना को 160 हेलिकॉप्टर दिए जाने की तैयारी कर ली गई है. डिफेंस एक्सपो में लाइव डेमो के दौरान इसका डिस्प्ले भी दिखाया गया है.