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नाबालिग के अपहरण व सामूहिक दुराचार के आरोपियों को उम्र कैद

नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुराचार करने के आरोपी प्रवेश, रिंकू, उमेश राजपूत एवं संदीप कुमार उर्फ दद्दा को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश रामविलास प्रसाद ने आजीवन कारावास (संपूर्ण शेष जीवन) एवं 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.

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नाबालिग के अपहरण व सामूहिक दुराचार
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Published : May 7, 2022, 10:32 PM IST

लखनऊ. नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुराचार करने के आरोपी प्रवेश, रिंकू, उमेश राजपूत एवं संदीप कुमार उर्फ दद्दा को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश रामविलास प्रसाद ने आजीवन कारावास (संपूर्ण शेष जीवन) एवं 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि पीड़िता को शारीरिक एवं मानसिक आघात के लिए प्रत्येक दोषियों से प्रतिकार दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है. पीड़िता 13 वर्ष की नाबालिग लड़की है, इसलिए प्रत्येक आरोपी पर आरोपित कुल अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी.

अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि पाठक एवं विशेष अधिवक्ता राकेश श्रीवास्तव का तर्क था कि इस घटना की रिपोर्ट वादी चंद्रेश कश्यप के थाना इंदिरा नगर में 22 अगस्त 2013 को दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में आरोप है कि आरोपी प्रवेश टेंपो चालक है जो उसके घर आता जाता था. कहा गया है कि प्रवेश लड़की को गलत निगाह से देखता था. इसके कारण उसे बाहर आने से मना कर दिया गया था. यह भी कहा गया है कि 22 अगस्त को अचानक लड़की गायब हो गई. जब लड़की को तलाशा गया तो वह प्रवेश के घर में मिली.

आरोपियों के चंगुल से बचकर आई लड़की ने अपने बयानों में चारों आरोपियों का नाम लेते हुए कहा कि रिंकू पल्सर मोटरसाइकिल पर बैठा कर जंगल की ओर ले गया था. जहां दुराचार किया, उसके बाद घर में भी उसके साथ दुराचार किया गया है. अदालत ने कहा है कि अभियुक्तों द्वारा घृणित व जघन्य अपराध किया गया है. जिसके कारण उनके प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाए जाने का आधार मौजूद नहीं है.

लखनऊ. नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुराचार करने के आरोपी प्रवेश, रिंकू, उमेश राजपूत एवं संदीप कुमार उर्फ दद्दा को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश रामविलास प्रसाद ने आजीवन कारावास (संपूर्ण शेष जीवन) एवं 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि पीड़िता को शारीरिक एवं मानसिक आघात के लिए प्रत्येक दोषियों से प्रतिकार दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है. पीड़िता 13 वर्ष की नाबालिग लड़की है, इसलिए प्रत्येक आरोपी पर आरोपित कुल अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी.

अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि पाठक एवं विशेष अधिवक्ता राकेश श्रीवास्तव का तर्क था कि इस घटना की रिपोर्ट वादी चंद्रेश कश्यप के थाना इंदिरा नगर में 22 अगस्त 2013 को दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में आरोप है कि आरोपी प्रवेश टेंपो चालक है जो उसके घर आता जाता था. कहा गया है कि प्रवेश लड़की को गलत निगाह से देखता था. इसके कारण उसे बाहर आने से मना कर दिया गया था. यह भी कहा गया है कि 22 अगस्त को अचानक लड़की गायब हो गई. जब लड़की को तलाशा गया तो वह प्रवेश के घर में मिली.

आरोपियों के चंगुल से बचकर आई लड़की ने अपने बयानों में चारों आरोपियों का नाम लेते हुए कहा कि रिंकू पल्सर मोटरसाइकिल पर बैठा कर जंगल की ओर ले गया था. जहां दुराचार किया, उसके बाद घर में भी उसके साथ दुराचार किया गया है. अदालत ने कहा है कि अभियुक्तों द्वारा घृणित व जघन्य अपराध किया गया है. जिसके कारण उनके प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाए जाने का आधार मौजूद नहीं है.

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