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गाय और कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस फीस बढ़ी, अब कुत्तों में लगेगी माइक्रो चिप - गाय और कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस फीस

लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने गाय और कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस शुल्क की बढ़ी दरें सोमवार से लागू कर दी हैं. इसी तरह अब एक घर में दो श्वान पालने का ही लाइसेंस दिया जाएगा.

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Published : Apr 4, 2023, 7:06 AM IST

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) सीमा में गाय और कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस शुल्क की बढ़ी दरें सोमवार से लागू हो गयी हैं. 1000 रुपये सालाना शुल्क पर बड़े और छोटे विदेशी नस्ल के श्वानों का लाइसेंस बनेगा. भारतीय नस्ल के देशी ब्रीड के श्वानों को पालने के लिए सिर्फ 500 रुपये ही देने होंगे. इसी तरह अब एक घर में दो श्वान पालने का ही लाइसेंस दिया जाएगा. नगर निगम प्रशासन की ओर से इस सम्बंध में नोटिस जारी कर दी है. नगर निगम मुख्यालय और केंद्रीय कार्यशाला के पास प्रजनन केंद्र से लाइसेंस बन सकेंगे.

नगर निगम जल्द ही ऑनलाइन सुविधा भी शुरू करेगा. शहर में कुत्ता और गाय पालने के शौकीनों की जेब ढीली करनी पड़ेगी. अब यहां कुत्ता और गाय पालने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेने के लिए दोगुनी से ज्यादा कीमत चुकानी होगी. नगर निगम लाइसेंस के लिए नई दरों को लागू कर दी हैं. इसके मुताबिक गाय पालने का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को 500 रुपए अदा करने होंगे. अभी तक इसके लिए लोगों को सिर्फ 31 रुपये चुकाने पड़ते थे. इसके अलावा, विदेशी नस्ल के कुत्तों का लाइसेंस शुल्क पहले 500 रुपये था लेकिन, एक अप्रैल से यह बढ़ कर एक हजार रुपये हो जाएगा.

वहीं, देसी नस्ल के कुत्तों को पालने के लिए लखनऊवासियों को 200 रुपये देकर लाइसेंस लेना पड़ेगा. इसके साथ ही अगर पड़ोसी ने कुत्ता पालने का विरोध किया, तो लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है. नगर निगम में पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि लाइसेंस न बने होने की दशा में निरीक्षण के दौरान बिना लाइसेंस श्वान पालते पाये जाने पर श्वान पालकों से 5000 रुपये जुर्माना लगेगा. दोष साबित होने पर 50 रुपये प्रतिदिन विलम्ब शुल्क वसूल किया जाएगा. लाइसेंस बनवाने के लिए लेप्टोस्पाइरोसिस डिस्टेम्परव रेबीज का वैक्सीनेशन जरूरी है.

इसी तरह गाय का लाइसेंस न बनवाने पर उसे जब्त कर लिया जाएगा. अभी एक गाय का सालाना लाइसेंस शुल्क 31.80 रुपये था. मगर लाइसेंस तभी जारी किया जाएगा, जब आवेदक उसकी शर्तों का पूरा करेगा. उसे बताना होगा कि उसके पास गाय पालने के लिए पर्याप्त जगह है और वह उसे खुला नहीं छोड़ेगा और गंदगी बाहर नहीं फेंकेगा. इसके साथ ही पशु की ईयर टैगिंग/ माइक्रोचिप लगवाना अनिवार्य होगा, जो कि पशुपालकों को खुद के संसाधनों से बैंक अथवा सम्बंधित कंपनी के माध्यम से कराया जाएगा.

कुत्तों में लगेगी माइक्रो चिप, डिजिटल लाइसेंस बनेगा: नगर निगम भी विदेशों की तरह यहां भी श्वान के लिए माइक्रो चिप वाला डिजिटल लाइसेंस बनाएगा. इसमें चावल के दाने के बराबर चिप श्वान के शरीर में लगाई जाएगी. इसमें श्वान के साथ उसके मालिक का पूरा डाटा रहेगा. नगर निगम के पशु चिकित्सक अभिनव वर्मा ने बताया कि चिप रीडर मशीन से श्वान के लाइसेंस के बारे में आसानी से पूरी जानकारी मिल जाएगी. हालांकि इसकी मंजूरी अभी नहीं मिल सकी है. नगर आयुक्त के स्तर पर फाइल मंजूरी के लिए गयी है.

ये भी पढ़ें- IPS अधिकारी हिमांशु कुमार की भी विजलेंस जांच समाप्त, जानिए पूरा मामला

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) सीमा में गाय और कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस शुल्क की बढ़ी दरें सोमवार से लागू हो गयी हैं. 1000 रुपये सालाना शुल्क पर बड़े और छोटे विदेशी नस्ल के श्वानों का लाइसेंस बनेगा. भारतीय नस्ल के देशी ब्रीड के श्वानों को पालने के लिए सिर्फ 500 रुपये ही देने होंगे. इसी तरह अब एक घर में दो श्वान पालने का ही लाइसेंस दिया जाएगा. नगर निगम प्रशासन की ओर से इस सम्बंध में नोटिस जारी कर दी है. नगर निगम मुख्यालय और केंद्रीय कार्यशाला के पास प्रजनन केंद्र से लाइसेंस बन सकेंगे.

नगर निगम जल्द ही ऑनलाइन सुविधा भी शुरू करेगा. शहर में कुत्ता और गाय पालने के शौकीनों की जेब ढीली करनी पड़ेगी. अब यहां कुत्ता और गाय पालने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेने के लिए दोगुनी से ज्यादा कीमत चुकानी होगी. नगर निगम लाइसेंस के लिए नई दरों को लागू कर दी हैं. इसके मुताबिक गाय पालने का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को 500 रुपए अदा करने होंगे. अभी तक इसके लिए लोगों को सिर्फ 31 रुपये चुकाने पड़ते थे. इसके अलावा, विदेशी नस्ल के कुत्तों का लाइसेंस शुल्क पहले 500 रुपये था लेकिन, एक अप्रैल से यह बढ़ कर एक हजार रुपये हो जाएगा.

वहीं, देसी नस्ल के कुत्तों को पालने के लिए लखनऊवासियों को 200 रुपये देकर लाइसेंस लेना पड़ेगा. इसके साथ ही अगर पड़ोसी ने कुत्ता पालने का विरोध किया, तो लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है. नगर निगम में पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि लाइसेंस न बने होने की दशा में निरीक्षण के दौरान बिना लाइसेंस श्वान पालते पाये जाने पर श्वान पालकों से 5000 रुपये जुर्माना लगेगा. दोष साबित होने पर 50 रुपये प्रतिदिन विलम्ब शुल्क वसूल किया जाएगा. लाइसेंस बनवाने के लिए लेप्टोस्पाइरोसिस डिस्टेम्परव रेबीज का वैक्सीनेशन जरूरी है.

इसी तरह गाय का लाइसेंस न बनवाने पर उसे जब्त कर लिया जाएगा. अभी एक गाय का सालाना लाइसेंस शुल्क 31.80 रुपये था. मगर लाइसेंस तभी जारी किया जाएगा, जब आवेदक उसकी शर्तों का पूरा करेगा. उसे बताना होगा कि उसके पास गाय पालने के लिए पर्याप्त जगह है और वह उसे खुला नहीं छोड़ेगा और गंदगी बाहर नहीं फेंकेगा. इसके साथ ही पशु की ईयर टैगिंग/ माइक्रोचिप लगवाना अनिवार्य होगा, जो कि पशुपालकों को खुद के संसाधनों से बैंक अथवा सम्बंधित कंपनी के माध्यम से कराया जाएगा.

कुत्तों में लगेगी माइक्रो चिप, डिजिटल लाइसेंस बनेगा: नगर निगम भी विदेशों की तरह यहां भी श्वान के लिए माइक्रो चिप वाला डिजिटल लाइसेंस बनाएगा. इसमें चावल के दाने के बराबर चिप श्वान के शरीर में लगाई जाएगी. इसमें श्वान के साथ उसके मालिक का पूरा डाटा रहेगा. नगर निगम के पशु चिकित्सक अभिनव वर्मा ने बताया कि चिप रीडर मशीन से श्वान के लाइसेंस के बारे में आसानी से पूरी जानकारी मिल जाएगी. हालांकि इसकी मंजूरी अभी नहीं मिल सकी है. नगर आयुक्त के स्तर पर फाइल मंजूरी के लिए गयी है.

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