लखनऊ : लविवि से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में परीक्षा शुल्क को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. नए घटनाक्रम में लखनऊ में संचालित डिग्री कॉलेज में परीक्षा शुल्क को लेकर राजभवन में आपत्ति दर्ज कराई गई थी. सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज एसोसिएशन की ओर से राजभवन को शिकायत की गई थी. विश्वविद्यालय प्रशासन 11 जुलाई 2022 के शासन की ओर से जारी आदेश को नहीं मान रहा है. एसोसिएशन की शिकायत प्राप्त होने के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के विधिक परामर्शदाता की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति को एक लेटर भेजकर इस पूरे प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
एक फरवरी को राजभवन में दर्ज की थी शिकायत : सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष एके मिश्रा ने बीते 1 फरवरी को राजभवन में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि शासन की ओर से तय परीक्षा शुल्क को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं लागू कर रहा है, जबकि प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालयों में इस शुल्क को लागू कर दिया गया है, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय इस शुल्क को लागू करने से पीछे हट रहा है. इसके बाद राजभवन की ओर से कुलपति के विधिक परामर्शदाता प्रशांत मिश्र ने लखनऊ विश्वविद्यालय से इस संबंध में जवाब तलब किया है.
एसोसिएशन की तरफ से कहा गया है कि इस पूरे प्रकरण पर लखनऊ विश्वविद्यालय मनमाना रवैया अपना रहा है. शासन ने जब सभी राज्य विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा को एक समान तय कर दिया है तो लखनऊ विश्वविद्यालय लागू क्यों नहीं कर रहा. एसोसिएशन का कहना है कि अगर लखनऊ विश्वविद्यालय के पास बजट की कमी है तो शासन से इसकी मांग कर सकता है. इसका दबाव व विभिन्न कॉलेजों और छात्रों पर नहीं डाल सकता, वहीं इस पूरे प्रकरण में एसोसिएशन की ओर से हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में स्पेशल याचिका दायर की गई है. जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.