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अस्पताल में वायरल फ्लू के मरीजों की संख्या में कमी, जोड़ों में दर्द के मरीज बढ़े, इन बातों का रखें ध्यान

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एस देव (Senior Physician Civil Hospital Dr S Dev) ने बताया कि सबसे पहले कोविड वायरस ने सभी की इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डाला है, जिसकी वजह से लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है. यही कारण है कि आसानी से कोई भी वायरल बुखार लोगों को हो जा रहा है. इस बार जो वायरल बुखार हुआ, इसमें डेंगू, चिकनगुनिया दोनों के लक्षण देखने को मिले. ब्लड जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आती थी.

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Published : Dec 14, 2022, 2:05 PM IST

Updated : Dec 14, 2022, 2:12 PM IST

लखनऊ : मौजूदा समय में वायरल फ्लू के मरीज बेहद कम हो गए हैं या यूं कह सकते हैं न के बराबर हैं. इस बार वायरल फ्लू ने कइयों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. वायरल फ्लू के बाद लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या आ रही हे. जिला अस्पतालों में इस समय आर्थोपेडिक विभाग में दिखाने के लिए लंबी लाइनें लगी हुई हैं. बुखार से उभर चुके मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

जानकारी देते सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एस देव

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक डॉ निर्मेश भल्ला (Senior Orthopedic Dr Nirmesh Bhalla) ने बताया कि आम दिनों में आर्थोपेडिक विभाग में बहुत अधिक भीड़ नहीं रहती थी. ज्यादातर केस एक्सीडेंटल आते थे या फिर गठिया के मरीज आते थे, लेकिन जब से वायरल बुखार शुरू हुआ तब से आर्थोपेडिक विभाग में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी. अब आलम यह है कि बाकी सभी विभागों में मरीजों की संख्या बेहद कम है, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.


उन्होंने बताया कि जोड़ों में दर्द कमजोरी की वजह से अधिक हो रहा है. इस बार के वायरल बुखार में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के लक्षण देखने को मिल रहे थे. इन बीमारियों में हड्डी तोड़ दर्द होता है. जोड़ों की हड्डी सूज जाती है और मसल्स में दर्द बना रहता है. इस समय अस्पताल की ओपीडी में 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं. मंगलवार को आर्थोपेडिक विभाग में कुल 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. ज्यादातर मरीज वायरल बुखार के बाद होने वाले दर्द से पीड़ित आए. इसमें भी युवा और महिलाओं की संख्या अधिक देखने को मिली.

वहीं सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एस देव (Senior Physician Civil Hospital Dr S Dev) ने बताया कि सबसे पहले कोविड वायरस ने सभी की इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डाला है, जिसकी वजह से लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है. यही कारण है कि आसानी से कोई भी वायरल बुखार लोगों को हो जा रहा है. इस बार जो वायरल बुखार हुआ, इसमें डेंगू, चिकनगुनिया दोनों के लक्षण देखने को मिले. ब्लड जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आती थी. डेंगू और चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है जिसको हड्डी तोड़ दर्द के नाम से भी जाना जाता है. डेंगू में तो हड्डी तोड़ दर्द होता ही है, लेकिन कुछ समय के बाद मरीज रिकवर कर जाता है. चिकनगुनिया के मरीजों को काफी दिक्कत होती है. इसमें रिकवर होने में मरीज को वर्षों लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि जब सर्दी पड़ती है शीत की वजह से मरीज की हड्डियों में दर्द उभर आता है. इसलिए मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि सर्दी से बचके रहें.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह (CMS Dr RP Singh of Civil Hospital) ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी नॉर्मल चल रही है. एक-दो ही ओपीडी ऐसी है, जिसमें मरीजों की संख्या 300 के पार हो रही है. स्किन रोग विभाग में 87 मरीज, दंत विभाग में 73 मरीज, 4 फिजीशियन की अलग-अलग ओपीडी में कुल 512 मरीज, ईएनटी ओपीडी में 103 मरीज मंगलवार को इलाज के लिए पहुंचे, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में मंगलवार को 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. मरीजों के जोड़ों में दर्द बने होने के कारण इस समय वह आर्थोपेडिक विभाग में दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं.

इन बातों का रखें ख्याल

- गरम पानी पीने की आदत डालें.
- बाहर निकलते समय अच्छे से कपड़े पहनें और कान को बंद रखें, ताकि कान में हवा न जाए.
- गर्म पानी से नहाएं. शरीर के जोड़ों में दर्द है तो ठंडे पानी से बिल्कुल भी न नहाएं.
- जितना हो सके खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें. मौसमीय फलों का सेवन करें.
- सर्दी के मौसम में अगर आग जला रहे हैं तो सिकाई कर लें या वाटर बैग के सहारे जोड़ों की सिकाई करें.
- प्रतिदिन हाथ पैर चलाने का व्यायाम करें.

यह भी पढ़ें : मायावती ने ट्वीट कर कहा, जीएसटी के छापों से तंग होकर व्यापारी बाजार बंद करने को मजबूर

लखनऊ : मौजूदा समय में वायरल फ्लू के मरीज बेहद कम हो गए हैं या यूं कह सकते हैं न के बराबर हैं. इस बार वायरल फ्लू ने कइयों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. वायरल फ्लू के बाद लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या आ रही हे. जिला अस्पतालों में इस समय आर्थोपेडिक विभाग में दिखाने के लिए लंबी लाइनें लगी हुई हैं. बुखार से उभर चुके मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

जानकारी देते सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एस देव

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक डॉ निर्मेश भल्ला (Senior Orthopedic Dr Nirmesh Bhalla) ने बताया कि आम दिनों में आर्थोपेडिक विभाग में बहुत अधिक भीड़ नहीं रहती थी. ज्यादातर केस एक्सीडेंटल आते थे या फिर गठिया के मरीज आते थे, लेकिन जब से वायरल बुखार शुरू हुआ तब से आर्थोपेडिक विभाग में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी. अब आलम यह है कि बाकी सभी विभागों में मरीजों की संख्या बेहद कम है, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.


उन्होंने बताया कि जोड़ों में दर्द कमजोरी की वजह से अधिक हो रहा है. इस बार के वायरल बुखार में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के लक्षण देखने को मिल रहे थे. इन बीमारियों में हड्डी तोड़ दर्द होता है. जोड़ों की हड्डी सूज जाती है और मसल्स में दर्द बना रहता है. इस समय अस्पताल की ओपीडी में 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं. मंगलवार को आर्थोपेडिक विभाग में कुल 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. ज्यादातर मरीज वायरल बुखार के बाद होने वाले दर्द से पीड़ित आए. इसमें भी युवा और महिलाओं की संख्या अधिक देखने को मिली.

वहीं सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एस देव (Senior Physician Civil Hospital Dr S Dev) ने बताया कि सबसे पहले कोविड वायरस ने सभी की इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डाला है, जिसकी वजह से लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है. यही कारण है कि आसानी से कोई भी वायरल बुखार लोगों को हो जा रहा है. इस बार जो वायरल बुखार हुआ, इसमें डेंगू, चिकनगुनिया दोनों के लक्षण देखने को मिले. ब्लड जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आती थी. डेंगू और चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है जिसको हड्डी तोड़ दर्द के नाम से भी जाना जाता है. डेंगू में तो हड्डी तोड़ दर्द होता ही है, लेकिन कुछ समय के बाद मरीज रिकवर कर जाता है. चिकनगुनिया के मरीजों को काफी दिक्कत होती है. इसमें रिकवर होने में मरीज को वर्षों लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि जब सर्दी पड़ती है शीत की वजह से मरीज की हड्डियों में दर्द उभर आता है. इसलिए मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि सर्दी से बचके रहें.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह (CMS Dr RP Singh of Civil Hospital) ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी नॉर्मल चल रही है. एक-दो ही ओपीडी ऐसी है, जिसमें मरीजों की संख्या 300 के पार हो रही है. स्किन रोग विभाग में 87 मरीज, दंत विभाग में 73 मरीज, 4 फिजीशियन की अलग-अलग ओपीडी में कुल 512 मरीज, ईएनटी ओपीडी में 103 मरीज मंगलवार को इलाज के लिए पहुंचे, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में मंगलवार को 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. मरीजों के जोड़ों में दर्द बने होने के कारण इस समय वह आर्थोपेडिक विभाग में दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं.

इन बातों का रखें ख्याल

- गरम पानी पीने की आदत डालें.
- बाहर निकलते समय अच्छे से कपड़े पहनें और कान को बंद रखें, ताकि कान में हवा न जाए.
- गर्म पानी से नहाएं. शरीर के जोड़ों में दर्द है तो ठंडे पानी से बिल्कुल भी न नहाएं.
- जितना हो सके खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें. मौसमीय फलों का सेवन करें.
- सर्दी के मौसम में अगर आग जला रहे हैं तो सिकाई कर लें या वाटर बैग के सहारे जोड़ों की सिकाई करें.
- प्रतिदिन हाथ पैर चलाने का व्यायाम करें.

यह भी पढ़ें : मायावती ने ट्वीट कर कहा, जीएसटी के छापों से तंग होकर व्यापारी बाजार बंद करने को मजबूर

Last Updated : Dec 14, 2022, 2:12 PM IST
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