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उत्तर प्रदेश में 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के जिलो में लेखपाल कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए हैं. लेखपालों की 8 सूत्रीय मांगें हैं, जिसके लिए लेखपाल यह प्रदर्शन कर रहे हैं. लेखपालों ने यह चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो 27 दिसम्बर को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

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लेखपालों का धरना प्रदर्शन.
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Published : Dec 11, 2019, 2:36 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लेखपाल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. प्रदेश के प्रत्येक जिले में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. लेखपालों की मुख्य मांग है कि ग्रेड-पे में वृद्वी की जाए और वेतन विसंगतियां जैसी समस्याओं को दूर किया जाए.

कासगंज में लेखपाल संघ की तरफ से तीन दिवसीय धरना
सदर तहसील में बुधवार को प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर लेखपाल संघ की तरफ से तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन की शुरुआत की गई. संघ यह धरना अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कर रही है. इनमें से उनकी प्रमुख मांगें वेतन विसंगतियां और पदनाम बदलवाने की हैं. सदर तहसील अध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर पूर्ण कार्य बहिष्कार चल रहा है. उन्होंने कहा कि वेतन विसंगति साइकिल भत्ता के अलावा अन्य अलाउंस भी हैं, जिनमें वृद्धि करने की प्रदेश सरकार से हमारी मांग है. नरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो 27 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

लेखपालों का तीन दिवसीय धरना.

बागपत में लेखपालों ने ग्रेड पे बढ़ाने पर दिया जोर
जिले के बड़ौत तहसील में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने आठ सूत्रीय मांगें पूरी न होने के कारण शासन के खिलाफ नारे भी लगाए. लेखपालों का कहना था कि 16 वर्ष की सेवा पर द्वितीय एसीपी के रूप में ग्रेड पे 4200 रुपये दिया जा रहा है, जबकि 30 नवंबर 1994 के बाद नियुक्त लेखपालों को सामान सेवा पर ग्रेड पर केवल 2800 रुपये ही प्राप्त हो रहा है. वेतन ऊंचीकरण के बारे में लेखपालों का कहना था कि प्रारंभिक ग्रेड पे 2000 से बढ़ाकर 2800 रुपये किया जाना चाहिए. राजस्व निरीक्षक के पदों में वृद्धि और राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति व विभागीय परीक्षा के माध्यम से लेखपालों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने चाहिए.

लेखपालों ने ग्रेड पे बढ़ाने पर दिया जोर.

मऊ में सदर तहसील पर लेखपालों का धरना प्रदर्शन
जनपद के सदर तहसील पर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपालों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. लेखपालों ने आठ सूत्रीय मांग में यह मुद्दा उठाया है कि सभी लेखपालों को एक समान ग्रेड-पे दिया जाए. लेखपालों का ग्रेड पे बढ़ाया जाए, लेखपालों को प्रोन्नति दिया जाए, पेंशन विसंगति को दूर किया जाए, यात्रा भत्ता बढ़ाया जाए और राजस्व लेखपाल का पदनाम परिवर्तन कर राजस्व उपनिरीक्षक किया जाए. लेखपालों ने यह चेतावनी दी कि अगर शासन स्तर पर मांगें नहीं मानी गईं तो यह धरना 12 दिसम्बर तक जारी रहेगा. इसके बाद 13 से 26 दिसम्बर तक जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद 27 दिसम्बर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

सदर तहसील पर लेखपालों का धरना प्रदर्शन.

उन्नाव में लेखपालों की सरकार से आर-पार की लड़ाई
जनपद में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आवाहन पर तहसील बीघापुर अध्यक्ष सतीश कुमार सिंह की अगुवाई में राजस्व लेखपालों ने कार्य बहिष्कार किया. सतीश कुमार सिंह ने कहा कि लगभग 2 वर्षों से हमारी मांगें सरकार के पास लंबित हैं. सरकार हमारी मांगों को जायज मान रही है, जायज होने के बावजूद सरकार की उदासीनता के कारण लेखपालों का भविष्य संकट में पड़ गया है. इसलिए उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने अबकी बार सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.

लेखपालों की सरकार से आर-पार की लड़ाई.

उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर से 12 दिसंबर तक तहसील मुख्यालय बीघापुर में हम लोग धरना देंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपेंगे. 26 दिसंबर तक जिला मुख्यालय उन्नाव में जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार पटेल की अगुवाई में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. यदि फिर भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव की अध्यक्षता में 27 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लेखपाल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. प्रदेश के प्रत्येक जिले में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. लेखपालों की मुख्य मांग है कि ग्रेड-पे में वृद्वी की जाए और वेतन विसंगतियां जैसी समस्याओं को दूर किया जाए.

कासगंज में लेखपाल संघ की तरफ से तीन दिवसीय धरना
सदर तहसील में बुधवार को प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर लेखपाल संघ की तरफ से तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन की शुरुआत की गई. संघ यह धरना अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कर रही है. इनमें से उनकी प्रमुख मांगें वेतन विसंगतियां और पदनाम बदलवाने की हैं. सदर तहसील अध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर पूर्ण कार्य बहिष्कार चल रहा है. उन्होंने कहा कि वेतन विसंगति साइकिल भत्ता के अलावा अन्य अलाउंस भी हैं, जिनमें वृद्धि करने की प्रदेश सरकार से हमारी मांग है. नरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो 27 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

लेखपालों का तीन दिवसीय धरना.

बागपत में लेखपालों ने ग्रेड पे बढ़ाने पर दिया जोर
जिले के बड़ौत तहसील में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने आठ सूत्रीय मांगें पूरी न होने के कारण शासन के खिलाफ नारे भी लगाए. लेखपालों का कहना था कि 16 वर्ष की सेवा पर द्वितीय एसीपी के रूप में ग्रेड पे 4200 रुपये दिया जा रहा है, जबकि 30 नवंबर 1994 के बाद नियुक्त लेखपालों को सामान सेवा पर ग्रेड पर केवल 2800 रुपये ही प्राप्त हो रहा है. वेतन ऊंचीकरण के बारे में लेखपालों का कहना था कि प्रारंभिक ग्रेड पे 2000 से बढ़ाकर 2800 रुपये किया जाना चाहिए. राजस्व निरीक्षक के पदों में वृद्धि और राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति व विभागीय परीक्षा के माध्यम से लेखपालों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने चाहिए.

लेखपालों ने ग्रेड पे बढ़ाने पर दिया जोर.

मऊ में सदर तहसील पर लेखपालों का धरना प्रदर्शन
जनपद के सदर तहसील पर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपालों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. लेखपालों ने आठ सूत्रीय मांग में यह मुद्दा उठाया है कि सभी लेखपालों को एक समान ग्रेड-पे दिया जाए. लेखपालों का ग्रेड पे बढ़ाया जाए, लेखपालों को प्रोन्नति दिया जाए, पेंशन विसंगति को दूर किया जाए, यात्रा भत्ता बढ़ाया जाए और राजस्व लेखपाल का पदनाम परिवर्तन कर राजस्व उपनिरीक्षक किया जाए. लेखपालों ने यह चेतावनी दी कि अगर शासन स्तर पर मांगें नहीं मानी गईं तो यह धरना 12 दिसम्बर तक जारी रहेगा. इसके बाद 13 से 26 दिसम्बर तक जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद 27 दिसम्बर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

सदर तहसील पर लेखपालों का धरना प्रदर्शन.

उन्नाव में लेखपालों की सरकार से आर-पार की लड़ाई
जनपद में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आवाहन पर तहसील बीघापुर अध्यक्ष सतीश कुमार सिंह की अगुवाई में राजस्व लेखपालों ने कार्य बहिष्कार किया. सतीश कुमार सिंह ने कहा कि लगभग 2 वर्षों से हमारी मांगें सरकार के पास लंबित हैं. सरकार हमारी मांगों को जायज मान रही है, जायज होने के बावजूद सरकार की उदासीनता के कारण लेखपालों का भविष्य संकट में पड़ गया है. इसलिए उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने अबकी बार सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.

लेखपालों की सरकार से आर-पार की लड़ाई.

उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर से 12 दिसंबर तक तहसील मुख्यालय बीघापुर में हम लोग धरना देंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपेंगे. 26 दिसंबर तक जिला मुख्यालय उन्नाव में जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार पटेल की अगुवाई में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. यदि फिर भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव की अध्यक्षता में 27 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

Intro:Place - Kasganj
Dare - 10 December 2019
Reporters - Dharmendra Singh
Mo no - 8448949265


कासगंज जनपद की सदर तहसील पर आज प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर लेखपाल संघ की तरफ से तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन की शुरुआत की गई। संघ ने यह धरना अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया। इनमें से उनकी प्रमुख माँगें वेतन विसंगतियां और पदनाम बदलवाने की थी।


Body:धरने को लेकर लेखपाल संघ के सदर तहसील अध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर पूर्ण कार्य बहिष्कार चल रहा है। इसमें हमारी मांग 28 सो रुपए वेतन उच्चीकृत की हमारी मांग है। लेखपाल पद के नाम को बदला जाए। वेतन विसंगति साइकिल भत्ता के अलावा अन्य अलाउंस भी हैं जिनमें वृद्धि करने की प्रदेश सरकार से हमारी मांग है।


सिंह ने आगे कहा कि हमारा यह धरना 10 से 12 तारीख तक तहसील मुख्यालय पर रहेगा। इसके बाद 13 से 26 दिसंबर तक जिला मुख्यालय पर रहेगा। फिर 27 दिसंबर की तारीख को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा।


बाइट - नरेंद्र पाल सिंह, अध्यक्ष, लेखपाल सदर तहसील संघ (कासगंज)


Conclusion:
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