लखनऊ: जिले में एक माह तक के लिए संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान चल रहा है, ताकि संचारी रोग पर काबू पाया जा सके. इसके तहत घर-घर दस्तक टीम जाकर सर्वे कर रही हैं. मौजूदा समय में बच्चे भी डेंगू से अछूते नहीं रह गए हैं. लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिशियन डॉ. श्रीकेश सिंह बताते हैं कि इस समय तेजी से बच्चों को भी डेंगू अपनी चपेट में ले रहा है. बच्चे मन और शरीर दोनों से नाजुक होते हैं. इसलिए बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं. डेंगू बुखार भी बच्चों को अपनी चपेट में जल्दी ले लेता है. डेंगू का वायरस मच्छरों से फैलता है. डेंगू बुखार का सही समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह जानलेवा साबित होता है.
तुरंत कराएं जांच
लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिशियन डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि डेंगू बुखार में ब्लड में मौजूद प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगती है. शुरुआत में बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षणों को पहचानना मुश्किल होता है. 3 से 4 दिन के बाद इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. बच्चों में डेंगू बुखार होने पर ये लक्षण पाए जाते हैं. इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं.
अस्पतालों में कई बच्चे भर्ती
हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में 6 बच्चे डेंगू से पीड़ित हैं, सभी की उम्र 6 से 15 साल के अंदर ही है. बलरामपुर अस्पताल में दो बच्चे अस्पताल में भर्ती है. एक की उम्र 12 तो दूसरे की उम्र 9 साल है. वहीं, लोहिया अस्पताल में 9 बच्चे डेंगू से पीड़ित आए हैं, जिन्हें पूरे इलाज के साथ अस्पताल में भर्ती किया गया था. डॉ. श्रीकेश के मुताबिक सभी की उम्र 5 साल से 15 साल के बीच में हैं.
क्या हैं लक्षण
- तेज बुखार का आना
- बच्चों का खाना खाने से मन हट जाना
- बच्चे का शरीर दुबला-पतला हो जाना, दिखने में भी बच्चा कमजोर सा लगना
- घमौरी की तरह बच्चे के शरीर पर दाने का होना
- खांसी आना
- शरीर में एठन, सुस्ती व दर्द होना
ऐसे करें बचाव
- बच्चों को डेंगू बुखार से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें.
- बच्चों को तेल और मसालेदार वाले खाने से परहेज के साथ हल्का और पौष्टिक भोजन दें.
- घर के बाहर में नीम की पत्तियां या नारियल की छाल को जलाकर मच्छरों को दूर भगा सकते हैं.
- घर और आस-पास के इलाके को स्वच्छ रखें.
- मच्छरदानी का प्रयोग करें.
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