लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में मात्र चार लाख रुपए के मकान का ब्याज बढ़ते-बढ़ते एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया. मजे की बात यह है कि इस मकान के तय दाम पर भुगतान आवंटी कर चुका था. ऐसे अनेक केस चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से सामने आ रहे थे. लखनऊ विकास प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग (LDA Board Meeting) शुक्रवार को इस संबंध में बड़ा फैसला लिया गया. ऐसे छोटे मकान और छोटी दुकानों पर अब लखनऊ विकास प्राधिकरण किस्त देर से जमा होने की दशा में चक्रवृद्धि ब्याज की जगह केवल 9% सामान्य ब्याज ही लेगा.
लखनऊ विकास प्राधिकण अब अपनी किसी भी योजना के ईडब्ल्यूएस, एलआईजी भवनों व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों के डिफाल्टर आवंटियों से चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लेगा. मंडलायुक्त डाॅ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में बुधवार को प्राधिकरण बोर्ड की बैठक हुई. उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'ऐसे कई प्रकरण हैं जिनमें दुर्बल आय वर्ग व अल्प आय वर्ग के आवंटियों द्वारा दंड ब्याज सहित की गई गणना के अनुसार धनराशि चुका पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है. ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों पर चक्रवृद्धि ब्याज खत्म किया गया है.'
फ्रीज किये जाने के प्रस्ताव पास : 'पहले आओ-पहले पाओ' योजना में फ्लैटों की कीमत को एक वर्ष के लिए फ्रीज किये जाने के प्रस्ताव पास किया गया है. 2630 फ्लैटों की कीमत नहीं बढ़ेगी और लोग इसका लाभ उठाकर पुरानी दरों पर ही सम्पत्ति खरीद सकेंगे. इसके साथ ही रेलवे से नौ हजार वर्गमीटर भूमि वापस ली जाएगी. गोमती नगर में इस नौ हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में नवीन प्रोजेक्ट विकसित किये जाएंगे, जिसका लाभ शहरवासियों को मिलेगा. इसके अलावा एलडीए सीनियर सिटीजन के लिए स्टूडियो फ्लैट्स, जिम-योगा सेंटर भी बनाएगा. गोमती नगर के विराजखंड में रेलवे से वापस ली जा रही भूमि पर सीनियर सिटीजन के लिए सात मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण किया जाएगा.
सोसाइटी में सुरक्षित माहौल के साथ मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं : लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमती नगर के विराजखंड में सीनियर सिटिजन के लिए स्टूडियो फ्लैट्स बनाएगा. प्राधिकरण बोर्ड की 179वीं बैठक में इस योजना को हरी झंडी दिखायी गई है, जिसके तहत प्राधिकरण जल्द ही योजना की डीपीआर तैयार कराके भवनों का निर्माण शुरू कराएगा. उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'विराजखंड में रेलवे से वापस ली जा रही भूमि के एक हिस्से में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सात मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण करवाया जाएगा, जिसमें 500 से 600 वर्गफुट के स्टूडियो फ्लैट्स विकसित किये जाएंगे. फ्लैट्स को इस हिसाब से डिजाइन किया जाएगा कि इनमें बालकनी, ड्रेसिंग रूम व बाॅथरूम का एरिया ज्यादा मिलेगा. उन्होंने बताया कि परिजनों से अलग रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को इस सोसाइटी में सुरक्षित माहौल के साथ जिम, योगा सेंटर आदि अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी.' वहीं, सोसाइटी का अनुरक्षण करने वाली संस्था को अनिवार्य रूप से एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करानी होगी, जोकि स्थायी तौर पर परिसर में ही रहेगी और मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर प्रयोग में लाई जा सकेगी. उपाध्यक्ष ने बताया कि 'योजना के अंतर्गत बनाये जाने वाले फ्लैट्स 60 वर्ष व इससे अधिक उम्र के नागरिकों को निर्धारित अवधि के लिए लीज पर आवंटित किये जाएंगे. आवंटी जरूरत पूरी होने पर अपने फ्लैट को किसी अन्य वरिष्ठ नागरिक को ट्रांसफर कर सकेंगे.'
38 करोड़ से कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब का निर्माण : उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लि. (एचएएल) द्वारा सीएसआर मद से दिये जाने वाले लगभग 38 करोड़ रुपये से पांच कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब बनाने के प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा पारित किया गया है. इसके तहत प्राधिकरण द्वारा गोमती नगर के विवेकखंड, ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया के भूखंड संख्या-04, नंदाखेड़ा स्थित तुलसी काॅम्पलेक्स व जानकीपुरम के सेक्टर-एफ में अपने स्वामित्व की भूमि पर कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब का निर्माण कराकर अनुरक्षण करने का कार्य किया जाएगा. वहीं, कनौसी के केसरी खेड़ा में नगर निगम के स्वामित्व की भूमि आराजी संख्या-1979 पर प्राधिकरण द्वारा उक्त सुविधा विकसित करके नगर निगम को अनुरक्षण एवं संचालन के लिए हैंड ओवर कर दी जाएगी.
एलडीए चार विभिन्न स्थानों पर बनाएगा लाइब्रेरी : सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि 'एचएएल द्वारा सीएसआर मद से दिये जाने वाले लगभग तीन करोड़ रुपये से चार विभिन्न स्थानों पर लाइब्रेरी के निर्माण के प्रस्ताव को भी बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके तहत प्राधिकरण प्रत्येक लाइब्रेरी के लिए 192 वर्गमीटर कवर्ड एरिया के सिंगल स्टोरी भवन निर्मित करेगा, जिसमें एक हाॅल, लाईब्रेरियन केबिन, इश्यू काउंटर, कमरे व वाॅशरूम आदि होंगे.'
व्यावसायिक सम्पत्तियों के पुनर्जीवन पर रोक : उपाध्यक्ष ने बताया कि 'प्राधिकरण द्वारा नीलामी व लाॅटरी के माध्यम से विभिन्न सम्पत्तियों का विक्रय किया जाता है, जिनमें आवंटी को एक निश्चित समय अवधि के अंदर धनराशि का भुगतान करना होता है. समय से धनराशि जमा न किये जाने पर प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए सम्पत्ति का आवंटन निरस्त कर दिया जाता है. निरस्तीकरण के बाद आवंटी द्वारा प्रार्थना पत्र व पनर्जीवन शुल्क आदि देकर पुनर्जीवन/किस्तों का समय विस्तार ले लिया जाता है, इससे प्राधिकरण की सम्पत्ति लंबे समय तक ब्लाॅक रहती है, जिससे आय का नुकसान होता है. इसे ध्यान में रखते हुए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी व फ्लैटों को छोड़कर प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में संचालित व्यवसायिक सम्पत्तियों के पुनर्जीवन एवं समय विस्तार पर बोर्ड की अनुमति से रोक लगा दी गयी है.