लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) शहर में पहली बार ऐसा पार्क विकसित करने जा रहा है, जिसका कोना-कोना वास्तु शास्त्र के आधार पर डिजाइन किया गया है. पार्क में एक तरफ जहां नक्षत्र एवं पंचवाटिका तैयार की जाएगी. वहीं, दूसरी ओर औषधीय पौधों के साथ देश के सभी प्रदेशों के राज्य वृक्ष लगाये जाएंगे. एलडीए ने इस पार्क के बनाने के लिए शनिवार को टेंडर भी जारी कर दिया है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'पार्क गोमती नगर के विनीतखंड में अयप्पा मंदिर के पास स्थित ग्रीन बेल्ट की आठ एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा. पार्क की खास बात यह है कि पार्क में किये जाने वाले समस्त प्रकार के विकास एवं सौंदर्यीकरण के कार्यों की डिजाइन व डाइमेंशन वास्तु के आधार है. पार्क में सभी 12 राशि नक्षत्रों के प्रतीक स्वरूप अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाकर नक्षत्र वाटिका तैयार करायी जाएगी. बरगद, पीपल, सीता अशोक, आंवला व बेल के वृक्ष लगाकर पंचवाटिका को खूबसूरत बनाया जाएगा. पार्क के एक बड़े क्षेत्र में देश के सभी प्रदेशों के राज्य वृक्ष लगाकर बाग तैयार किया जाएगा. इसके अलावा क्लस्टर बनाकर औषधीय पौधे लगाये जाएंगे. लोग आसानी से पूरे पार्क का भ्रमण कर सकें, इसके लिए तीन एवं पांच मीटर पाथ-वे बनाया जाएगा.
पार्क में बनेगा अमृत कुण्ड : वीसी ने बताया कि 'पार्क में वाॅटर बाॅडी (अमृत कुण्ड) का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए पार्क के उत्तरी क्षेत्र के ढलान वाले हिस्से का चुनाव किया गया है, जिससे कि सभी मौसम में कुण्ड का जल स्तर अनुकूल बना रहेगा. पार्क में लाइब्रेरी, फूड कोर्ट, रेस्ट हाॅल, किचन, स्टोर, टॉयलेट ब्लाॅक व पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा. ये विकास व सौंदर्यीकरण के कार्य लगभग 1.67 करोड़ रुपये की लागत से कराये जाएंगे, जिसके लिए निविदा आमंत्रित कर दी गयी है. निविदा खुलते ही विकास कार्य शुरू करा दिया जाएगा और जल्द ही शहरवासी इस अनूठे पार्क का आनंद ले सकेंगे.
पेड़ों से गुलजार होगी नक्षत्र वाटिका : वीसी इन्द्रमणि त्रिपाठी ने नक्षत्र वाटिका के बारे में उदाहरण देते हुए बताया कि 'मेष राशि के तीन नक्षत्र अश्विनी, भरणी एवं कृतिका हैं. अश्विनी के लिए कुचीला, भरणी के लिए आंवला तथा कृतिका नक्षत्र के प्रतीक स्वरूप गूलर के पौधे लगाए जाएंगे. इस तरह से नक्षत्र वाटिका में जामुन, खैर, शीशम, बांस, पीपल, नागकेश्वर, वट, पलाश, पाकड़, रीठा, बेल, अर्जुन, मैलश्री, चीड़, मदार, शमी, कदम, आम, नीम और महुआ आदि प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं.'